सोमवार, 30 नवंबर 2020

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अनेक सियासी दिग्गजों का तय होगा सियासी भविष्य

िहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आज विधानसभा को दागियों से सराबोर करने का सभी दलों ने खेला सियासी दांव विधानसभा को दागियों से सराबोर करने का सभी दलों ने खेला सियासी दांव ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल मंगलवार को आएंगे, जो मुख्यमंत्री नीतिश समेत अनेक दिग्गजों की प्रतिष्ठा और उनके सियासी भाग्य का फैसला तय करेंगे। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में दाखिल होने का सपना लेकर इस चुनावी जंग में उतरे 371 महिलाओं समेत 3733 प्रत्याशियों के दिल की धड़कने चुनावी नतीजों को लेकर निश्चित रूप से बढ़ रही होंगी? सबसे खास बात है कि चुनावी सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद इस चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल ने दागियों पर अपना दांव खेला है और चुनावी चुनावी नतीजे 1201 दागियों की किस्मत भी तय करेंगे। दरअसल इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को विशेषरूप से राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को चुनने व साफ छवि वाले उममीदवारों को टिकट न देने के कारण बताने के का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने मार्च में सभी राजनीतिक पार्टियों से दागदार छवि वाले उम्मीदवारों से दूरी बनाने को कहा था। यही नहीं सितंबर में ही चुनाव आयोग ने सख्त रवैया अपनाते हुए दागी छवि वाले उम्मीदवारों को निश्चित समय सीमा के भीतर प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपना ब्योरा प्रकाशित करने को कहा था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। राजनीति को अपराधीकरण से बचाने की दुहाई देने वाले सभी राजनीतिक दलों ने बिहार विधानसभा चुनाव 243 सीटों लिए हुए चुनाव में सदन की संख्या से करीब पांच गुणा ज्यादा आपराधिक पृष्ठभूमि वालो को उम्मीदवार बनाकर दांव खेला है। बिहार के विधानसभा चुनावी जंग लड़ चुके जिन 3733 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हुई है, उनमें 1201 यानि 32 फीसदी दागी प्रत्याशी हैं। इससे पहले 2018 में भी चुनाव आयोग चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और पार्टियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में टीवी या अखबार में कम से कम तीन बार प्रकाशित करने का निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन राजनीतिक दलों पर सुप्रीम कोर्ट या चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का कोई भी असर देखने को नहीं मिला। राजद ने दिये सर्वाधिक दागियों को टिकट बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 98 दागियों को राजद ने विधानसभा में दाखिल करने के इरादे से उम्मीदवार बनाया है। इन दागियों की फेहरिस्त में प्रमुख दलों में भाजपा के 76, लोजपा के 70, जदयू के 56, रालोसपा के 47, कांग्रेस के 45, बसपा के 29 उम्मीदवार अपनी किस्मत ईवीएम में कैद करा चुके हैं। हालांकि चुनावी जंग में कूदे 1299 निर्दलीय प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा 343 प्रत्याशी आपराधिक छवि वाले हैं। राजनीति के अपराधिकरण को प्रोत्साहन में इन दागी उम्मीदवारों में 915 ऐसे लोग हैं, जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, बलात्कार, अपहरण व महिलाओं के ऊपर अत्याचार जैसे संगीन मामले लंबित हैं। ऐसे दागियों में भी सबसे ज्यादा 72 प्रत्याशियों को राजद ने ही टिकट दिया है, जबकि भाजपा व लोजपा ने 55-55, जदयू ने 36, कांग्रेस ने 33, बसपा ने 23, जन अधिकार पार्टी ने 56, रालोसपा ने 47 ऐसे संगीन अपराध के आरोपियों को गले लगाया है। वहीं संगीन अपराध की छवि वाले ऐसे उम्मीदवारों में 267 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। करोड़पतियों का भी खुलेगा पिटारा बिहार विधानसभा चुनाव में सियासी दलों ने जहां दागियों के सहारे चुनाव जीतने की रणनीति अपनाई है, वहीं विभिन्न दलों ने 1231 करोड़पतियों को भी उम्मीदवार बनाकर अपना दांव खेला है। ऐसे सर्वाधिक 120 करोड़पति उम्मीदवारों को टिकट देने में लालू यादव की पार्टी राजद सबसे आगे रही। जबकि लोजपा ने 99, जदयू ने 96, भाजपा ने 94, पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी ने 64, उपेन्द्र कुशवा की रालोसपा ने 57, कांग्रेस ने 51, बसपा ने 33 करोड़पति प्रत्याशियों के सहारे चुनाव जीतने का प्रयास किया है। इन कुबेर प्रत्याशियों की सूची में 340 निर्दलीय प्रत्याशियों का भी मंगलवार को चुनाव के नतीजे आने के बाद भाग्य का फैसला होना है। 10Nov-2020

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