सोमवार, 30 नवंबर 2020

पंजाब सरकार शतप्रतिशत गारंटी दे, तो रेलवे ट्रेनों की बहाली को तैयार

पंजाब में 22 जगह रेलवे ट्रैक पर जमे आंदोलनकारी किसान, पंजाब सरकार बेबस हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ खासकर पंजाब में किसान संगठनों ने रेलवे ट्रेकों व परिसरों पर कब्जा करके ट्रेनों की आवाजाही को अवरूद्ध किया हुआ है। किसान आंदोलन के कारण यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों की ठप पड़ी आवाजाही के कारण रेलवे और खुद पंजाब सरकार को हर दिन करोड़ो रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में रेलवे की संपत्तियों पर कब्जा करके रेल ट्रेक अवरूद्ध करने की वजह से रेलवे को प्रतिदिन करोड़ो रुपये के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है। यही नहीं मालगाड़ियों के आवागमन रुकने के कारण पंजाब में जरुरी सामान व संसाधन न मिलने से औद्योगिक और व्यापारिक क साथ कोयले के अभाव में बिजली उत्पादन जैसी गतिविधियों की गति रुकने से पंजाब सरकार को खुद भी हरेक दिन करोड़ो रुपये का नुकसान हो रहा है, लेकिन पंजाब सरकार किसानों के आंदोलन को रेलवे परिसंपत्ति से हटाने में अभी तक नाकाम है। इस मुद्दे पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने शुक्रवार को स्पष्ट कहा कि रेल पटरियों पर लगे सभी अवरोधकों को हटाने में पंजाब सरकार अक्षम है और राज्य में अभी तक 22 स्थानों पर अब भी प्रदर्शनकारी किसान धरना देकर जमे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में ट्रेन सेवाओं की बहाली के लिये राज्य सरकार से 100 फीसदी सुरक्षा मंजूरी की जरूरत है। यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था कि शुक्रवार की सुबह तक रेलवे पटरियों को खाली करा लिया जायेगा। किसान संगठनों ने हाल में पारित कृषि कानूनों के खिलाफ रेलवे पटरियों एवं स्टेशन परिसरों पर प्रदर्शन शुरू किया था और इस कारण राज्य में रेल सेवाएं 24 सितंबर से ही निलंबित है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि रेलवे चुनिंदा गाड़ियां नहीं चलायेगी बल्कि सभी सेवाओं को बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में अब भी 22 स्थानों पर अवरूद्ध की स्थिति है। रेलवे सुरक्षा बल और प्रदेश पुलिस के साथ चंडीगढ़ में कल बैठक हुई जिसमें उन्हें रेलवे की ओर से इस बात से अवगत कराया है कि वे हमें सभी ट्रेनों के लिये सुरक्षा मंजूरी दें ताकि हम एक बार में सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू करें। यादव ने कहा कि ‘हम कुछ ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं करेंगे, चाहे वह मालगाड़ी हो या सवारी गाड़ी। हमने उनसे कहा है कि ट्रेनों के परिचालन के लिये उनसे हमें 100 फीसदी सुरक्षा मंजूरी चाहिए। रेल मंत्री की टिप्पणी से बिफरे कांग्रेसी सांसद इससे पहले शुक्रवार को पंजाब में रेल सेवाएं बहाल करने की मांग को लेकर गुरुवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल के बाद शुक्रवार को पंजाब के कांग्रेसी सांसदों ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। पंजाब में रेल यातायात को बहाल करने को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल और पंजाब से कांग्रेस के लोकसभा सांसदों के बीच हुई बैठक में तकरार हुआ और तीखी बहस सुनने को मिली। जब रेल मंत्री ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को उकसाने का ठींकरा कांग्रेस पर फोड़ने का प्रयास किया तो रेल मंत्री की टिप्पणी से खफा होकर कांग्रेस के चार सांसद गुरप्रीत सिंह औजला, रवनीत सिंह बिट्टू, संतोख चौधरी और मोहम्मद सादिक बैठक का बहिष्कार करके बाहर निकल आए। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पंजाब राज्य में रेल पटरियों पर लगे अवरोधकों को हटाने और रेल यातायात बहाल करने के संबंध में हुई चर्चा के दौरान हुई तीखी बहस के बीच ही जब कृषि कानूनों के खिलाफ ‘किसानों को प्रदर्शन करने के लिए उकसाने और मदद करने का आरोप’ राज्य की कांग्रेस सरकार पर लगा तो कांग्रेस सांसद इसे बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हुए। गौरतलब है कि पंजाब में इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से रेल यातायात प्रभावित है। हालांकि इस बैठक में कांग्रेस के अन्य सांसद परनीत कौर, मनीष तिवारी, अमर सिंह और जसबीर सिंह बैठे रहे, जिन्होंने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का एक पत्र सौंपते हुए कहा कि जिसमें रेल सेवाएं बहाली के लिए पंजाब सरकार ने रेलवे को हर तरह से समर्थन देने और इसकी संपत्ति की रक्षा का भरोसा दिया। 07Nov-2020

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