सोमवार, 30 नवंबर 2020

कोरोनाकाल में सीएलसी, ईपीएफओ व ईएसआईसी ने किया उत्कृष्ट काम

केंद्र सरकार ने संगठनों के अधिकारियों व कर्मचारियों का किया सम्मान हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। वैश्विक कोरोना माहमारी के दौरान देशभर में कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं और उनकी समस्याओं का निपटान करने में सीएलसी, ईपीएफओ व ईएसआईसी के अधिकारियों कर्मचारियों ने जिस प्रकार से काम करके उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, उसके लिए उन्हें कोरोना योद्धा करार देते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने बुधवार को नई दिल्ली के श्रमशक्ति भवन स्थित मंत्रालय के सभागार में आयोजित एक सम्मान समारोह के दौरान केंद्रीय श्रम एवं रोजगा मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने इन संगठनों के अधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा प्रदर्शन और उच्च स्तर का पेशेवराना रवैया प्रदर्शित करने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन से सम्मानित किया। इस मौके पर गंगवार ने कहा कि कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच ईएसआईसी और ईपीएफओ के नोडल अधिकारी अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ श्रमिकों की समस्याओं का निवारण करने के लिए दिन-रात काम कर रहे थे। देशभर में 20 नियंत्रण कक्षों के माध्यम से लगभग 16 हजार शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 96 प्रतिशत को सीएलसी (सी), ईपीएफओ और ईएसआईसी द्वारा समयबद्ध तरीके से हल किया गया। गंगवार ने कहा कि मंत्रालय ने श्रमिकों और उद्योग की बेहतरी के लिए ऐतिहासिक कदम उठाने का दावा करते हुए कहा कि मंत्रालय के इन कदमों के तहत 2 करोड़ निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में 5 हजार करोड़ रुपये जमा किए गए हैं, जिसके लिए सीएलसी (सी) ने 80 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी, ताकि वे इसका सहज कार्यान्वयन सुनिश्चित कर सकें। गंगवार ने साझा किया कि 23 ईएसआईसी अस्पतालों को अब कोविड-19 अस्पतालों के रूप में घोषित किया गया है जिसमें 2600 आइसोलेशन बेड, 555 से अधिक आईसीयू बेड और 213 से अधिक वेंटिलेटर हैं। मंत्री ने ईपीएफओ की विशेष कोविड-19 के दावे का उल्लेख किया, जिसमें कोविड महामारी के दौरान अपने ग्राहकों द्वारा 47 लाख से अधिक कोविड के दावों के विपरीत, 120,00 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया था। इस समारोह में श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्वा चंद्रा ने तीनों संगठनों के अधिकारियों के अनुकरणीय प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उस उत्साहपूर्ण उत्साह पर संतोष व्यक्त किया, जिसके साथ प्रत्येक अधिकारी और क्षेत्रीय कार्यालय कोविड-19 के सामने इस मुश्किल घड़ी में रुकने के लिए कर्तव्य की पुकार पर बाहर निकल आए। उन्होंने ईपीएफओ कार्यालयों के रूप में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) को ऑटो-सेटलमेंट मोड और मल्टी-लोकेशन क्लेम जैसे अभिनव उपायों का उपयोग करके और 50 प्रतिशत से कम स्टाफ के साथ 72 घंटों के भीतर कोविड-19 क्लेम सेटलमेंट सुनिश्चित करने के लिए बधाई दी। चंद्रा ने सभी ईएसआईसी अधिकारियों द्वारा किए गए कठिन परिश्रम और प्रयासों की सराहना की और कहा कि सभी ईएसआईसी अस्पतालों विशेष कोविड देखभाल बेड, आईसीयू बेड का प्रावधान किया गया और कोविड-19 के लिए टेस्ट, प्लाज्मा ट्रैन्स्फ्यूशन, आरटीपीआर टेस्ट आदि शुरू किया गया था। समारोह में सीएलसी डीपीएस नेगी, सीपीएफसी के सुनील बर्थवाल और ईएसआईसी महानिदेशक श्रीमती अनुराधा प्रसाद ने अपने संबंधित संगठनों की पहल और उपलब्धियों पर विस्तार से जानकारी दी। इन कार्यालयों का सम्मान ईपीएफओ के सात कार्यालयों को सम्मानित किया गया, जिसमें ईपीएफओ (मुख्यालय) के रूपेश्वर सिंह के अलावा ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय, दिल्ली (मध्य), दिल्ली (पूर्व), केआर पुरम बेंगलुरु शामिल हैं। जब कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी मुख्यालय) के एस.एल. मीणा के अलावा ईएसआईसी क्षेत्रीय कार्यालय ओडिशा, महाराष्ट्र, दिल्ली, एसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल फरीदाबाद, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सनतनगर तथा ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और पीजीआईएमएसआर और मॉडल अस्पताल राजनगर को सम्मानित किया गया। 12Nov-2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें