एक जमाना था जब लोग अपने घरों के बाहर लिखते थे-अतिथि देवो भव: फिर शुरू किया-शुभ लाभ और बाद में लिखा जाने लगा-यूं आर वेलकम अब शुरू हो गया-......से सावधान!
सोमवार, 30 नवंबर 2020
ट्रेनों की गति बढ़ाने को युद्ध स्तर पर दुरस्त होंगे रेलवे ट्रैक
अराजक तत्वों द्वारा सिग्नल केबल काटने के बढ़े मामले
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे द्वारा देश में रेलगाड़ियों की गति सीमा बढ़ाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के तहत रेलवे ट्रैकों को दुरस्त करने का कार्य को युद्ध स्तर पर तेज करने का निर्णय लिया गया है। रेल पथों पर अराजक तत्वों द्वारा सिग्नल कैबल काटने पर चिंता जताते हुए रेलवे ने अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिये।
दरअसल भारतीय रेलवे देश के विभिन्न मार्गो पर रेलगाड़ियों की गति सीमा को बढ़ाने में जुटा है। रेलगाड़ियों की गतिसीमा बढ़ाने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के प्रयासों के तहत रेलवे ट्रैकों को दुरस्त करने के चल रहे कार्यो को युद्ध स्तर पर तेज करने पर बल दिया गया है। इस संबन्ध में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित बडौदा हाउस में प्रधान कार्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर रेलवे के विभागाध्यक्षों के साथ एक कार्य-निष्पादन समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने रेलगाड़ियों की गति सीमा को बढ़ाने में आने वाली बाधाओं को दूर करने की दिशा में संबन्धित अधिकारिरयों के साथ रेल फाटकों, टर्न आउटों, दोहरीकरण, विद्युतीकरण, रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिजों के निर्माण के दौरान रेल ढ़ांचों को बदलने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। गंगल ने मरम्मत योग्य आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त स्टॉक को बनाए रखने और स्क्रैप के समयबद्ध निपटान के लिए परामर्श दिया। उन्होंने भूमि स्वामित्व मामलों पर और अधिक पारदर्शिता एवं स्पष्टता लाने के लिए रेलवे भूमि दस्तावेजों को डिजिटलाइज करने पर भी बल दिया। बाहरी तत्वों द्वारा सिग्नल केबल काटने के बढ़ते हुए मामलों पर चिंता व्यक्त करने पर अधिकारियों ने महाप्रबंधक को जानकारी दी कि ऐसे मामलों से सख्ती से निपटने और इन पर रेलवे अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही करने के लिए कहा गया है। वहीं सिग्नल प्रणाली को कोहरे के अनुकूल बनाया गया है इस बैठक में रेल संरक्षा, चल स्टॉक परिसंपत्तियों का अनुरक्षण, सर्दियों के दौरान पटरियों में दरारें और ज्वाइंट वैल्ड व रेल परिचालन की दिक्कतों, बाहरी लोगों द्वारा सिग्नल केबल काटने के मामलों, मोबिलिटी इंडैक्स बढ़ाने के प्रयास, रेलवे भूमि दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन, सामग्री प्रबंधन, स्क्रैप के निपटान जैसे मुद्दों पर फोकस किया गया। महाप्रबंधक ने सर्दियों के दौरान रेलपथों, ज्वाइंटों के वैल्डों और सिग्नलिंग प्रणाली और चल स्टॉक परिसंपत्तियों के अनुरक्षण पर बल दिया।
हरिद्वार कुंभ की तैयारियों पर चर्चा
समीक्षा बैठक में महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने हरिद्वार में जनवरी 2021 से शुरू होने वाले कुम्भ मेला की व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर भी विस्तार से चर्चा की। सभी संबंधित विभागों को अपने-अपने ब्लू प्रिंटों के साथ तैयार रहने के लिए कहा गया है। विभिन्न विभागों के कार्य निष्पादन पर संतोष व्यक्त करते हुए गंगल ने कहा कि जॉन में किसी भी रेल दुर्घटना की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। हमारी समयपालनबद्धता बेहतर है और उन इंजीनियरिंग कार्यों को पूरा करने के प्रयास किये जा रहे हैं। जो समयबद्ध रेलसेवाओं के समय पर पहुंचने में बाधा उत्पन्न करते हैं। 17Nov-2020
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