सोमवार, 30 नवंबर 2020

अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 2.65 लाख करोड़ का एक और राहत पैकेज

केंद्र सरकार ने किया आत्मनिर्भर भारत-3 के तहत नई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का ऐलान बेरोजगारों, किसानों, प्रतिष्ठानों समेत 12 क्षेत्रों को मिलेगी बड़ी राहत हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वैश्विक कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुई देश की अर्थव्यवस्था के सुधार की दिशा में दिवाली से ठीक पहले तीसरे राहत पैकेज के रूप में नई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का ऐलान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में दौरान आत्मनिर्भर भारत योजना के पहले और दूसरे चरण की प्रगति की जानकारी देने के बाद तीसरे राहत पैकेज के रूप में दिवाली से ठीक पहले आत्मनिर्भर भारत-3.0 के तहत सबसे पहले 'आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना' का ऐलान किया और कहा कि कोरोना से उबरते चरणों में नए रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के मकसद से आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत नई रोजगार योजना की शुरुआत की गई है, ताकि देश में रोजगार के नये अवसर पैदा हो सकें। इस स्कीम को 1 अक्टूबर 2020 को लागू माना जाएगा और यह अगले दो साल के लिए होगा। उन्होंने बताया कि इस नई रोजगार सृजन योजना के तहत नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी। वहीं सब्सिडी के तहत दो साल के लिए सेवानिवृत्ति निधि में कर्मचारियों के साथ ही नियोक्ताओं के योगदान को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) यानि कुल वेतन का 24 प्रतिशत हिस्सा अगले दो वर्षों के लिए नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा। कर्मचारियों को मिलेगी राहत आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ में पंजीकृत प्रतिष्ठानों को नए कर्मचारियों की भर्ती पर यह सब्सिडी मिलेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 15 हजार रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को गिना जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें 15 हजार से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नई कर्मचारियों को भर्ती करना होगा, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई भर्ती करनी होगी। पीएम गरीब कल्याण योजना का विस्तार केंद्र सरकार ने पहले प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 116 जिलों के प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य में 31 अक्टूबर तक रोजगार देने का ऐलान किया था। सरकार ने इसके लिए 37,543 करोड़ रुपये खर्च किया। अब नई योजना में सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। उर्वरक सब्सिडी का ऐलान केंद्र सरकार ने इस राहत पैकेज में कृषि क्षेत्र को राहत देते हुए उर्वरक सब्सिडी देने का ऐलान किया, जिसमें सरकार किसानों के हित में उर्वरक सब्सिडी के रूप में 65,000 करोड़ रुपये देगी, ताकि किसानों को किफायती दामों पर उर्वरक मुहैया कराया जा सके। घर का सपना होगा पूरा केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित करने की घोषणा की है। वहीं आवासीय क्षेत्र में घर बनाने वाले और खरीदने वालों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है, जिसके तहत घर बेचने में पहले जहां सर्किल रेट और वैल्यू रेट में 10 फीसदी की छूट थी, उसे अब 20 फीसदी यानि दोगुना कर दिया है। मसलन प्रॉपर्टी की वैल्यू गिरने के बावजूद अगर कोई घर सर्किल रेट के कारण नहीं बिक पा रहा था तो अब वहां 20 फीसदी की छूट दी गई है, ताकि घर बिके और लोग रजिस्ट्री भी करवा सकें। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू होगी। कोरोना वायरस सेक्टर में रिसर्च के लिए 900 करोड़ रुपये: कोरोना वायरस सेक्टर में रिसर्च करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए 900 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया गया है। यह रकम वैक्सीन बनाने वाली नहीं बल्कि जो कंपनियां रिसर्च कर रही हैं उन्हें दिया जाएगा। इसका फायदा बायो टेक्नोलॉजी की कंपनियों को मिलेगा। कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रा कंपनियों को राहत वित्त मंत्री ने कहा कि कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनियों को पूंजी और बैंक गारंटी की दिक्कत आती और बैंक गारंटी के लिए इन्हें 10 फीसदी की परफॉर्मेंस सिक्योरिटी देनी पड़ती थी, लेकिन अब सरकार ने इसे इसे घटाकर 31 दिसंबर 2021 तक 3 फसदी कर दिया गया है, ताकि उनके पास काम करने लायक पैसा हो। इसका फायदा उन कंपनियों को मिलेगा, जिनके प्रोजक्ट पर कोई केस ना हो। इसके अलावा सरकार ने इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने के लिए ग्रीन एनर्जी या डोमेस्टिक डिफेंस कंपनियों को पूंजीगत व्यय करने के लिए 10200 करोड़ रुपये का आवंटन करने का ऐलान किया गया है, ताकि घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जा सके। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम का विस्तार सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपये के इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को 31 मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है। यह केंद्र सरकार की तरफ से पूरी तरह गारंटी वाली लोन स्कीम है। 29 फरवरी 2020 तक 50 करोड़ रुपये के आउटस्टैंडिंग लोन का 20 फीसदी अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा। एमएसएमई ईकाई, बिजनेस एंटरप्राइज, व्यक्तिगत लोन और मुद्रा लोन को इस स्कीम के दायरे में शामिल किया गया है। इस स्कीम के तहत 61 लाख उधारकर्ताओं को 2.05 लाख करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें अभी तक 1.52 लाख करोड़ रुपये के लोन जारी भी हो चुके हैं। -------------------------- राहत पैकेज से अर्थव्यवस्था में हुआ सुधार: सीतारमण आत्मनिर्भर भारत के तहत पहले दो पैकजों से अर्थव्यवस्था में सुधार का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि कंपनियों के कारोबार की गति का संकेत देने वाला कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 रहा, जो इससे पिछले महीने में 54.6 था। उन्होंने कहा कि अक्टूबर के दौरान ऊर्जा खपत में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। वित्त मंत्री ने कहा कि दैनिक रेलवे माल ढुलाई में औसतन 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि बैंक ऋण में भी 5.1 प्रतिशत का सुधार हुआ है। इससे पहले सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के इरादे से बुधवार को 10 और क्षेत्रों के लिये दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दे दी थी। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे उत्पादों, औषधि, विशेष प्रकार के इस्पात, वाहन, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पादों, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन बैटरी जैसे उद्योगों में निवेशकों को मिलेगा। 13Nov-2020

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