सोमवार, 30 नवंबर 2020

बिहार विधानसभा चुनाव: दांव पर होगी नीतीश सरकार के एक दर्जन मंत्रियों की प्रतिष्ठा!

अंतिम चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनावी जंग में 1204 प्रत्याशी पहले दो चरण में 165 सीटों पर 2529 प्रत्याशियों का ईवीएम में कैद हुआ भाग्य ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे और अंतिम चरण में 15 जिलों की 78 विधानसभा सीटों पर कल शनिवार को मतदान कराया जाएगा। इस अंतिम चरण में 1204 प्रत्याशियों के सियासी भविष्य का फैसला होगा, जिनमें राज्य की नीतीश सरकार के एक दर्जन मंत्रियों समेत अनेक सियासी दिग्ग्जों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। बिहार राज्य में अगली सरकार पर राजग गठबंधन बना रहेगा या सत्ता परिवर्तन होगा, इसका फैसला कल शनिवार को राज्य की 78 विधानसभा सीटों पर होने वाले अंतिम चरण के चुनाव के बाद दस नवंबर को होने वाली मतगणना के नतीजे तय करेंगे। बिहार की 273 विधानसभा सीटों में से पहले दो चरण में 165 सीटों पर 2529 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। कल शनिवार को 15 जिलों की 78 सीटों पर होने वाले चुनाव में 110 महिलाओं समेत 1204 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं,जिनमें 561 पंजीकृत दलों और 382 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने के लिए 2,35,54,071 मतदाता वोट डालेंगे। इन मतदाताओं के चक्रव्यूह में 1,23,25,780 पुरुष तथा 1,12,05,378 महिला मतदाताओं के अलावा 894 थर्ड जेंडर और 22,019 सर्विस मतदाता भी शामिल हैं। ये मतदाता कोरोना महामारी के कारण पिछले चुनावों से ज्यादा बनाए गये 33,782 पोलिंग बूथों पर वोटिंग करेंगे। यानि अंतिम चरण में 45,953 बैलट यूनिट्स और 33,782 वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा। कई गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में इनमें राजग गठबंधन में जद-यू के 37, भाजपा के 35, विकासशील इंसान पार्टी के पांच प्रत्याशी चुनावी जंग में हैं। राजग प्रत्याशियों में नीतिश सरकार में 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी। इसके अलावा विरोधी दल महागठबंधन में राजद के 46, कांग्रेस के 25, सीपीआई-एमएल के पांच, सीपीआई के दो प्रत्याशी सत्ता परिवर्तन के लिए चुनावी मैदान में हैं। वहीं राजग से अलग होकर चुनाव लड़ रही लोजपा के 42 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला भी इस अंतिम चरण के चुनाव में होगा। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 31, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के 23, बहुजन समाज पार्टी के 19 और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भी एक प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है। इन मंत्रियों की साख दांव पर बिहार चुनाव के इस अंतिम चरण में नीतीश सरकार के जिन मंत्रियों की साख दावं पर लगी हुई हैं, उनमें सिकरा सीट से फिरोज अहमद, बहादुरपुर से मदन साहनी, सुपौल से बिजेन्द्र प्रसार यादव, लौकहा से लक्ष्मेश्वर राय, रुपौली से बीमा भारती, आलमनगर से नरेन्द्र नारायण यादव, मुजफ्फरपुर से सुरेश शर्मा, मोतीहारी से प्रमोद कुमार, बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा, बनमनखी से कृष्ण कुमार ऋषि के अलावा बाबूबरही सीट से दिवंगत मंत्री कपिलदेव कामत की पुत्रवधु मीना कामत तथा प्राणपुर से दिवंगत मंत्री विनोद सिंह की पत्नी नीशा सिंह शामिल हैं। इसके अलावा लोजपा के चिराग पासवान, जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव, रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाह की एआईएमआईएम से गठबंधन के साथ प्रतिष्ठा दावं पर लगी हुई है। वाल्मिकीनगर सबसे बड़ा क्षेत्र बिहार चुनाव के इस अंतिम चरण के चुनाव में क्षेत्रफल के हिसाब से वाल्मीकिनगर सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है, जबकि मतदाताओं की संख्या के लिहाज से सहरसा सबसे बड़ी विधानसभा सीट है और हयाघाट बिहार का सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र में शामिल है। वहीं इस चरण में सबसे ज्यादा 31 प्रत्याशी गायघाट विधानसभा सीट और सबसे कम 9-9 प्रत्याशी ढाका, त्रिवेणीगंज, जोकीहाट और बहादुरगंज सीटों पर चुनाव मैदान में हैं। खासबात यह है कि इस अंतिम चरण के चुनाव में 78 सीटों में 72 सीटें संवेदनशील श्रेणी में हैं, जहां तीन या उससे ज्यादा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। ----------------- दागियों व कुबरों पर खेला दांव बिहार के अंतिम चरण में 78 सीटों पर चुनावी जंग में उतरे 1204 प्रत्याशियों में 371 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें 282 के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार, हत्या का प्रयास जैसे गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें सबसे ज्यादा राजद के 46 में 44 प्रत्याशी शामिल हैं, जिनमें से 22 के खिलाफ गंभीर मामले हैं। इसके बाद भाजपा के 35 में 26, कांग्रेस के 25 में 19, लोजपा के 42 में 18, जदयू के 37 में 21 बसपा के पांच प्रत्याशी इस सूची में शामिल हैँ। हालांकि 382 में से सबसे ज्यादा 101 निर्दलीय प्रत्याशी इन दागियों की सूची में शामिल हैं। करोड़पतियों पर सियासत राज्य में तीसरे चरण के चुनाव में विभिन्न दलों ने 361 करोड़पतियों को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिसमें सबसे ज्यादा राजद के 35, भाजपा व लोजपा के के 31-31, जदयू के 30, राजअलावा कांग्रेस के 17 और बसपा के 10 उम्मीदवार शामिल हैं। सबसे ज्यादा 79 करोड़पति उम्मीदवार इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बिहार के 15 जिलों में तीसरे चरण की 78 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 30 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं और 31 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि इस चरण में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.47 करोड़ रुपये है और 24 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है। तीसरे चरण के चुनाव को लेकर सात नवंबर को मतदान होना है। 07Nov-2020

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