एक जमाना था जब लोग अपने घरों के बाहर लिखते थे-अतिथि देवो भव: फिर शुरू किया-शुभ लाभ और बाद में लिखा जाने लगा-यूं आर वेलकम अब शुरू हो गया-......से सावधान!
सोमवार, 30 नवंबर 2020
बिहार विधानसभा में होगा करोड़पतियों व दागियों का वर्चस्व
पिछली विधान सभा के मुकाबले ज्यादा जीते इस छवि के विजेता प्रत्याशी
पुन:निर्वाचित हुए 96 विधायक, सर्वाधिक 115 विधायकों की आयु 25 से 50 साल
बिहार विधानसभा में 28 से घटकर 26 हुई महिला विधायकों की संख्या
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा में राजग को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। लेकिन इस बार विधानसभा में दाखिल हुए विधायकों में 68 फीसद दागियों और 81 फीसदी करोड़पतियों की संख्या पिछली विधानसभा के मुकाबले कहीं जयादा है। मसलन दागियों व कुबेरों पर खेला गाया सियासी दावं राजनीतिक दलों के फायदे का सौदा साबित हुआ।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए चुनावी जंग में 1201 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिनमें से 163 विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा में दाखिल होने में सफल रहे। ऐसे दागियों में 123 ऐसे विधायक ऐसे हैं, जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, बलात्कार, अपहरण व महिलाओं के ऊपर अत्याचार जैसे संगीन मामले लंबित चल चल रहे हैं। चुनाव सुधार की दिशा में कार्य कर रही गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रिटक रिफॉर्म्स द्वारा विशेषण क मुताबिक 2015 के चुनाव में गठित विधानसभा में ऐसे दागी विधायकों की संख्या 142 थी, जिनमें 98 विधायकों के खिलाफ संगीन मामले लंबित थे। इस चुनाव में जीतकर आए गंभीर अपराधों की घोषणा करने वालों में 19 प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या के आरोपो में मामले लंबित चल रहे हैं, जबकि 31 विजयी उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या का प्रयास करने जैसे मामले लंबित हैं। जबकि आठ नवनिर्वाचित विधायकों ने अपने खिलाफ महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबन्धित मामले घोषित किये हुए हैं।
राजद के सर्वाधिक दागी विजयी
बिहार विधानसभा चुनाव में विजयी दागी विधायकों में से 98 सर्वाधिक दागियों पर दांव खेला था, जिसमें 54 उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए हैं। जबकि भाजपा द्वारा 76 ऐसे दागी प्रत्याशियों पर खेले गये दांव में 47 चुनाव जीतकर विधानसभा में दस्तक दे चुके हैं। इसी प्रकार राजग में भाजपा के साथ जदयू ने ऐसे 56 दागी प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा था, जिसमें 20 प्रत्याशियों की नैया पार हो गई है। कांग्रेस ने कांग्रेस के 45 दागियों को टिकट दिया था, जिनमें से 16 जीतकर आए हैं। राजग की सहयोगी वीआईपी के नौ दागियों में तीन, सीपीआई के चार में दो, हम के पांच में दो, बसपा के 29 में एक दागी प्रत्याशी विजयी रहा है। इसके अलावा सीपीआई-एमएल के 17 दागी प्रत्याशियों में 10 तथा एआईएमआईएम के पांचों दागी चुनाव जीते हैं। जबकि 343 निर्दलीय दागी प्रत्याशियों में एक को जीत मिली है। इन विजेता दागी प्रत्याशियों में जिनके खिलाफ गंभीर मामले लंबित हैं, उनमें सर्वाधिक 44 राजद, 35 भाजपा, 11-11 जदयू व कांग्रेस, 8 सीपीआई-एमएल तथा 5 एआईएमआईएम की पार्टी के विधायकों को विधानसभा में जाने का मौका मिला है। जबकि वीआईपी के तीनों, हम के दो, बसपा व निर्दलीय का एक-एक इस गंभीर अपराधिक मामलों की छवि वालें विधायकों की फेहरिस्त में शामिल है।
करोड़पतियों से सराबोर होगी विधानसभा
बिहार विधानसभा चुनाव में सियासी दलों ने 1231 करोड़पतियों को भी उम्मीदवार बनाकर अपना दांव खेला है, जिनमें 194 विजेता बनकर उभरे हैं, जबकि ऐसे कुबेरों की पिछली विधानसभा में संख्या 162 थी। इस बार जीते करोड़पतियों सर्वाधक 65 भाजपा, 64 राजद, 38 जदयू, 14 कांग्रेस के विधायक शामिल हैं। जबकि वीआईपी के सभी व लोजपा और निर्दलीय विधायक भी करोड़पतियों की सूची में हैं। एआईएमआईएम के तीन, हम, सीपीआई व सीपीआईएम का एक-एक विधायक भी कुबेरों के रूप में विधानसभा में दाखिल हुआ है। राजद ने ही इस चुनाव में सर्वाधिक 120 करोड़पतियों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था। जबकि लोजपा ने 99, जदयू ने 96, भाजपा ने 94, कांग्रेस ने 51, बसपा ने 33 करोड़पति प्रत्याशियों का सहारा लिया था।
कम हुई महिलाओं की संख्या
बिहार विधानसभा के 243 विधायकों में सर्वाधिक 75 राजद, 74 भाजपा, 43 जदयू, 19 कांग्रेस, 12 सीपीआई-एमएल, 5 एआईएमआईएम,4-4 हम तथा विकासशील इंसान पार्टी, दो-दो सीपीआई व सीपीआईएम तथा एक-एक बसपा, लोजपा व निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। इनमें 26 महिलाएं शामिल हैं, जबकि वर्ष 2015 के चुनाव में 28 महिलाओं ने विधानसभा में दस्तक दी थी। जबकि इस बार बिहार में मतदान करने के मामले में महिलाओं ने पुरुष मतदाताओं को पछाड़ा है। बिहार विधानसभा जीतने वाले 243 उम्मीदवारों में सर्वाधिक 74 विधायकों की शैक्षिक योग्यता स्नातक है, जिसके बाद 12वीं पास 53, स्नातकोत्तर 31, डॉक्टर व दसवीं पास 24-24, प्रोफेशनल स्नातक 20, एक डिप्लोमाधारक, तीन आठवीं पास, दो पांचवी पास ता एक साक्षर शामिल है।
12Nov-2020
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें