रविवार, 1 नवंबर 2020

छत्तीसगढ़ में इस साल मिलेंगे 20 लाख घरों को नल कनेक्शन

राज्य में 2023 तक सभी ग्रामीण घरों को मिलेगा स्वच्छ जल जल जीवन मिशन: केंद्र ने मौजूदा वर्ष के लिए आवंटित किये 445.52 करोड़ रुपये हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार की देशभर के सभी ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के जरिए 2024 तक पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए चल रहे जल जीवन मिशन के लक्ष्य को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार 2023 तक पूरा कर लेगी। मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में इस साल 20 लाख घरों को नल कनेक्शन देने की योजना है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य को 445.52 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जल जीवन मिशन की प्रगति की मध्यावधि समीक्षा की श्रृंखला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के समक्ष एक प्रस्तुति पेश की। समीक्षा के दौरान जल जीवन मिशन की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में 45 लाख ग्रामीण घरों में से अब तक केवल 5.66 लाख घरों को नल से पानी का कनेक्शन प्रदान किया गया है। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य ने वर्ष 2023 तक 100 फीसदी यानि सभी घरों में नल से पानी के चालू कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान करने की योजना बनाने का दावा किया है। मंत्रालय के अनुसार राज्य सरकार की इस वर्ष 20 लाख घरों में नल से पानी के कनेक्शन देने की योजना है। केंद्र सरकार पहले ही मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में मिशन के कार्यान्वयन के लिए 445.52 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य को 15वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये वर्ष 2020-21 में 1,454 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 50 फीसदी हिस्से को पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता गतिविधियों के लिये उपयोग करना अनिवार्य है। राज्य के 1698 स्कूलों में नहीं पीने का पानी छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन की प्रगति में मध्यावधि समीक्षा बैठक के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ कि राज्य के 1,698 स्कूलों में पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है। इस बात को खुद राज्य सरकार ने स्वीकार करते केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को जानकारी दी कि 50,518 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 31,031 में पेयजल की सुविधा है। हालांकि सुविधा के प्रकार, मात्रा, गुणवत्ता, आदि और कवरेज के लिए योजना के बारे में एक विस्तृत विश्लेषण करने की आवश्यकता है। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 2 अक्टूबर को पीएम नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर शुरू किये गये 100 दिवसीय अभियान को तेजी से लागू करने को कहा है। इस 100 दिवसीय अभियान के अंतर्गत देश भर के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य को सक्रिय रूप से काम करने की सलाह दी गई है। पानी की गुणवत्ता पर फोकस करने पर बल मंत्रालय के अनुसार ग्राम पंचायत की उप-समिति के रूप में 50 फीसदी महिला सदस्यों के साथ ग्राम कार्य योजनाओं और संविधान तैयार करने और ग्राम जल और स्वच्छता समिति की तैयारी पर जोर दिया गया। ये सदस्य गावों में जल आपूर्ति ढांचे की योजना, डिज़ाइनिंग, कार्यान्वयन और संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे। सभी गांवों को ग्राम कार्य योजना तैयार करनी होगी, जिसमें अनिवार्य रूप से पेयजल स्रोतों, जल आपूर्ति, दूषित जल प्रबंधन और संचालन तथा रख रखाव शामिल होगा। छत्तीसगढ़ राज्य भूजल की कमी और रासायनिक प्रदूषण के मुद्दो से जूझ रहा है। इस लिये राज्य को अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से पानी की गुणवत्ता की निगरानी को प्राथमिकता तथा इसके बारे में जागरूकता पैदा करने की सलाह दी गई। इसी मकसद से 5 व्यक्तियों विशेष रूप से महिलाओं को पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करने के लिए हर गांव में प्रशिक्षित किया जा रहा है। केंद्र का राज्य से आग्रह केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत जल शक्ति मंत्रालय सार्वभौमिक क्षेत्र के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति का आकलन करने के लिए मध्यावधि समीक्षा कर रहा है, जिसका मकसद वर्ष 2024 तक देश के ग्रामीण परिवार में हर व्यक्ति को नल से पानी का कनेक्शन प्रदान करना है। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने यहाँ ग्रामीण घरों के साथ-साथ संस्थागत तंत्र और जेजेएम के तहत सार्वभौमिक क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए नल से पानी का कनेक्शन उपलब्ध करने के प्रावधान के बारे में अपनी अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। इस दौरान मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ राज्य को विभिन्न कार्यक्रमों जैसे कि एमजीएनआरईजीएस, जल जीवन मिशन, एसबीएम (जी) के अंतर्गत ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15 वें वित्त आयोग अनुदान, जिला स्तर पर खनिज विकास निधि, सीएएमपीए, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि इत्यादि के लिए ग्राम स्तर पर अभिसरण करने का आग्रह किया है, जिसमें इस कोष के विवेक पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने हेतु इन सभी संसाधनों को अगले 5 वर्षों के लिए योजना तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। 01Nov-2020

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