सोमवार, 30 नवंबर 2020

इस बार समय से पहले कुम्हारों की मनी दीपावली!

खादी इंडिया के ई-पोर्टल के जरिए देश के कौने-कौने तक पहुंचे मिट्टी के दीये हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार को कुम्हार समुदाय के सशक्तिकरण की योजना इस बार दिवाली में खुशियां लेकर आई हैं। खासकर राजस्थान के जैसलमेर और हनुमानगढ़ जिलों के सुदूर हिस्सों में कुम्हारों द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीये खादी इंडिया के ई-पोर्टल की बदौलत देश के हर कोने तक पहुंच रहे हैं। दरअसल खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने इस साल प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण आत्मनिर्भर भारत के तहत ‘वोकल फॉर लोकल’ को सार्थक बनाने के लिए ऑनलाइन और स्टोर के जरिये से दीया बेचने का फैसला किया था। पीएम की कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत कुम्हारों द्वारा बनाए गये आकर्षक दीयों की ऑनलाइन बिक्री केवीआईसी ने 8 अक्टूबर को ही शुरू कर दी थी और एक माह के कमस समय में ही करीब 10 हजार दीये दीपावली से पहले ही ऑनलाइन बिक चुके हैं। केवीआईसी की ऑनलाइन बिक्री के शुरू होने के बाद पहले दिन से ही मिट्टी के दीयों की भारी मांग रही और 10 दिनों से भी कम समय में डिजाइनर दीयों को पूरी तरह से बेच दिया गया था। केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि इसके केवीआईसी ने डिजाइनर दीयों के नए सेट लॉन्च करते ही मिट्टी के दीयों की भारी मांग बढ़ती देखी गई, जो दीवाली का समय नजदीक आते हुए बिक्री तेजी से बढ़ रही है। सक्सेना के अनुसार केवीआईसी ने 8 प्रकार के डिजाइनर दीये लॉन्च किए हैं, जिनकी कीमत 84 रुपये से लेकर 12 के सेट के लिए 108 रुपये है। केवीआईसी इन दीयों पर 10 प्रतिशत की छूट भी दे रहा है। पोखरण में पुनर्जिवित हुई प्रचानी कला केवीआईसी ई-पोर्टल के माध्यम से राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के जैसलमेर और रावतसर में पोखरण में कुम्हार सशक्तिकरण योजना के जरिए मिट्टी के कलात्मक बर्तन बनाने की कला पुनर्जीवित हुई है। राजस्थान में निर्मित दीये अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, केरल, असम, महाराष्ट्र, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जैसे दूरस्थ राज्यों में खरीदे जा रहे हैं। खादी के डिजाइनर दीये वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। यही नहीं केवीआईसी दिल्ली और अन्य शहरों में अपने आउटलेट के माध्यम से दीया और अन्य मिट्टी की वस्तुओं जैसे लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों और अन्य सजावट के सामान भी बेच रहा है। ये मूर्तियां वाराणसी, राजस्थान, हरियाणा और अन्य राज्यों में कुम्हारों द्वारा बनाई जा रही हैं और कुम्हारों के लिए अच्छी आय का जरिया बन रही हैं, जो कुम्हारों को सशक्त बनाना और मिट्टी के बर्तनों को पुनर्जीवित करना प्रधानमंत्री का सपना है। मदन की खुशी का ठिकाना नहीं केवीआईसी के अनुसार राजस्थान के पोखरण में पीएमईजीपी इकाई के ऐसे ही एक कुम्हार मदन लाल प्रजापति का कहना है कि यह पहली बार है जब वह अपने गांव के बाहर दीये बेच रहे हैं, जिसके कारण वह बेहद उत्साहित और खुश है। उसने कहा कि इस बार की दिवाली में हमारी बिक्री में तेजी आई है। हम दिल्ली में खादी भवन में अपने दीये की आपूर्ति कर रहे हैं और वहां से इसे पूरे देश में ऑनलाइन बेचा जा रहा है, जिससे उसकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी हो रही है। गौरतलब है कि केवीआईसी ने बिजली चालित चाकों का वितरण करने से पहले कुम्हारों को प्रशिक्षित किया है और उन्हें कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत बिजली के चाक और अन्य उपकरण प्रदान किए हैं, जिससे उनके उत्पादन और आय में 5 गुना तक वृद्धि हुई है। केवीआईसी की इस योजना ने अब तक कुम्हार समुदाय के 80 हजार से अधिक लोगों को लाभान्वित करने वाले 18 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील्स वितरित किए हैं। 06Nov-2020

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