मंगलवार, 3 नवंबर 2020

पश्चिम बंगाल में कछुआ चाल ‘जल जीवन मिशन’

मौजूदा वित्तीय वर्ष में 55.58 लाख के लक्ष्य के विपरीत सिर्फ 2.20 लाख घरो को मिला नल कनेक्शन ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। देशभर में 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के जरिए शुद्ध पीने का पानी मुहैया कराने के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन में पश्चिम बंगाल बहुत पीछे है। मसलन मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक केवल 2.20 लाख घरों को ही नल जल कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। केंद्र सरकार ने इस निराशाजनक प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया है, ताकि पश्चिम बंगाल में सभी 55.58 लाख ग्रामीण घरों में स्वच्छ जल मुहैया कराया जा सके। यह खुलासा जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल जीवन मिशन की प्रगति के आकलन के लिए राज्यवार की जा रही मध्यावधि प्रगति समीक्षा बैठक के दौरान हुआ, जिसमें पश्चिम बंगाल के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में मंत्रालय की राष्ट्रीय जल जीवन मिशन टीम के समक्ष राज्य के अधिकारियों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट से पता चला कि पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सभी 1.63 करोड़ ग्रामीण घरों के परिवारों को 2024 तक नल कनेक्शन के जरिए स्वच्छ जल मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया है। राज्य का मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य में 55.58 लाख परिवारों को नल जल कनेक्शन देने का लक्ष्य था, लेकिन सात माह में केवल 2.20 लाख घरों को ही यह सुविधा प्रदान की जा सकी है। राज्य के इस कछुआ चाल प्रदर्शन पर जल शक्ति मंत्रालय ने नाराजगी जाहिर करते हुए इस मिशन में तेजी लाने का आग्रह किया है। वहीं यह सवाल भी खड़ा होता है कि राज्य में 1.63 ग्रामीण परिवारों को कवर करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को कैसे हासिल करेगा। केंद्र सरकार ने राज्य को इस मिशन के कार्यान्वयन में हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है। यह भी गौर करने वाली बात है कि पश्चिम बंगाल के 10 जिले एक और गंभीर स्वास्थ्य समस्या की चपेट में हैं, जो जापानी इंन्सेफलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम है, जिससे 42.96 लाख परिवार प्रभावित हैं और इनमें से केवल 2.20 लाख परिवारों (5.4 प्रतिशत) को ही नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। जबकि राज्य में दिसंबर 2020 तक 1,566 आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित इलाकों यानि बस्तियों में नल द्वारा जलापूर्ति किया जाना है। मिशन के प्रति गंभीर नहीं राज्य सरकार- जल जीवन मिशन की योजना और कार्यान्वयन पर एक मध्यावधि समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल की निराशाजनक प्रगति रिपोर्ट से जाहिर है कि राज्य सरकार इस केंद्रीय योजना के कार्यान्वयन के प्रति गंभीर नहीं है। जबकि जल जीवन मिशन के राष्ट्रीय लक्ष्य 2024 तक पश्चिम बंगाल में 1.63 करोड़ घरों में स्वच्छ जल पहुंचाने की योजना का राज्य सरकार द्वारा लक्ष्य तय करने का दावा किया गया है। इस मिशन में पश्चिम बंगाल में 22 जिले, 341 ब्लॉक, 41,357 गाँव और 1.07 लाख निवास-स्थल हैं। राज्य द्वारा मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक 55.58 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 2.20 लाख नल जल कनेक्शन प्रदान करने से संभव नहीं लगता कि राज्य इस लक्ष्य को समय से पूरा करेगा? यह भी गौर करने वाली बात है कि पश्चिम बंगाल के 10 जिले एक और गंभीर स्वास्थ्य समस्या की चपेट में हैं, जो जापानी इंन्सेफलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम है, जिससे 42.96 लाख परिवार प्रभावित हैं और इनमें से केवल 2.20 लाख परिवारों (5.4 प्रतिशत) को ही नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। जबकि राज्य में दिसंबर 2020 तक 1,566 आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित इलाकों यानि बस्तियों में नल द्वारा जलापूर्ति किया जाना है। इसके अलावा पिछले माह 2 अक्टूबर को शुरू किए गए विशेष 100 दिवसीय अभियान के तहत सभी आंगनवाड़ी केंद्रों, आश्रमशालाओं और स्कूलों को नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया गया था, लेकिन इस अभियान को भी राज्य सरकार ने शायद गंभीरता से नहीं लिया। जबकि इस अभियान का मकसद पीने, हाथ धोने, शौचालयों में उपयोग करने तथा मध्यान्ह भोजन पकाने के लिए इन संस्थानों में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जाना है। केंद्र से पर्याप्त धनराशि आवंटित- मंत्रालय के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में पश्चिम बंगाल को जल जीवन मिशन के लिए तय किये गये 55.58 लाख घरों में नल कनेक्शन प्रदान करने के लक्ष्य के अनुसार केंद्र सरकार ने 1610.76 करोड़ रूपए की धनराशि आवंटित की है। जबकि केंद्र द्वारा मिशन के तहत प्रदर्शन प्रोत्साहन के रूप में कार्य की प्रगति के आधार पर अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जा सकती है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल को 15वें वित्त आयोग ने पीआरआई को 4,412 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे, जिनमें से 50 प्रतिशत धनराशि अनिवार्य रूप से पानी और स्वच्छता पर खर्च किए जाएंगे। इस प्रकार राज्य इस मिशन के कार्यान्वयन के लिए धन की कमी को भी दोष नहीं दे सकता। समीक्षा बैठक में यह तथ्य भी सामने आए कि राज्य के 41,357 गाँवों में से 22,319 गांवों में सार्वजनिक जल आपूर्ति प्रणाली है, जिसमें पुनःसंयोजन के माध्यम से बाकी बचे घरों में लगभग एक करोड़ नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने की क्षमता है। 02Nov-2020

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