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मंगलवार, 3 नवंबर 2020
ारगिल-लेह में बढ़ी खादी उत्पादन बना हिमालयी क्षेत्रों के चेहरों की मुस्कान
कारगिल-लेह में खादी उत्पादन की गतिविधियां, रोजगार का सृजन बढ़ी हरिभूमि
ब्यूरो.नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा सृजित स्व-रोजगार के परिणामस्वरूप
कारगिल और लेह के शांत हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादन गतिविधियां फलफूल रही हैं। इस
कारण जहां खादी का प्रोत्साहन मिल रहा है, वहीं खादी उत्पादन से रोजगार सृजन ऐसे
क्षेत्रों के लोगों के चेहरों की मुस्कान बनता नजर आ रहा है। केंद्रीय सूक्ष्म,
मध्यम एवं लघु उद्यम मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 2017-18 से खादी और
ग्रामोद्योग आयोग यानि केवीआईसी ने कारगिल और लेह में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन
कार्यक्रम योजना के तहत लगभग एक हजार विभिन्न छोटी और मध्यम विनिर्माण इकाइयां
स्थापित की हैं। इनसे केवल साढ़े तीन साल की अवधि में ही स्थानीय युवाओं के लिए
8200 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। इन इकाइयों ने 2017-18 से 32.35 करोड़ रुपये की
मार्जिन मनी जारी की है। मंत्रालय के अनुसार सीमेंट ब्लॉकों के विनिर्माण से लेकर
लोहे और स्टील की वस्तुओं के विनिर्माण, ऑटोमोबाइल मरम्मत वर्कशॉप, टेलरिंग
इकाइयां, लकड़ी की फर्नीचर निर्माण इकाइयां, लकड़ी पर नक्काशी की इकाइयां, साइबर
कैफे, ब्यूटी पार्लर और सोने के आभूषणों के निर्माण आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं,
जिनमें केवीआईसी ने सहायता प्रदान की है। मंत्रालय का दावा है कि मौजूदा वित्त वर्ष
2020-21 के पहले 6 महीनों के दौरान कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद केवीआईसी ने विभिन्न
क्षेत्रों के साथ कारगिल में 26 और लेह में 24 नई परियोजनाएं स्थापित करने में मदद
की, जिससे इन दोनों क्षेत्रों में 350 नौकरियों का सृजन हुआ। केवीआईसी के चेयरमैन
वीके सक्सेना के अनुसार 2017-18 से 2020-21 (30 सितंबर तक) केवीआईसी ने कारगिल में
802 परियोजनाएं और लेह में 191 परियोजनाएं स्थापित की हैं। जिसमें कारगिल में 6,781
और लेह में 1421 रोजगारों का सृजन हुआ। केवीआईसी ने कारगिल में इन परियोजनाओं के
लिए मार्जिन मनी के रूप में 26.67 करोड़ रुपये का वितरण किया, जबकि इसी अवधि के
दौरान लेह क्षेत्र में 5.68 करोड़ रुपये का वितरण किया गया।
लेह-लद्दाख में चुनौतीपूर्ण कार्य-
केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि कारगिल और लेह में रोजगार में
हुई वृद्धि में पर्यावरण के लिहाज से चुनौतीपूर्ण लेह-लद्दाख क्षेत्र के सर्वांगीण
विकास के लिए प्रधानमंत्री के नजरिए का योगदान है। इस क्षेत्र में साल में केवल छह
महीने तक ही संपर्क स्थापित हो पाता है। कारगिल और लेह ने विभिन्न विनिर्माण
गतिविधियों को बनाए रखने की अपार क्षमता दिखाई है। लेह और कारगिल देश के बाकी
हिस्सों से लगभग छह महीने तक कटा रहता है। हालांकि ये इकाइयां इन क्षेत्रों में
पूरे वर्ष सामानों की स्थानीय उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी। कारगिल और लेह के
लाभार्थियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अपनी उत्पादन इकाइयां शुरू करने
के बाद नौकरियों की तलाश में दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। इन इकाइयों ने न
केवल उनके लिए स्व-रोजगार सृजित किए हैं बल्कि इस क्षेत्र के कई अन्य बेरोजगार
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
बाकिर की बदली तकदीर-
केवीआईसी के चेयरमैन सक्सेना ने दावा किया है कि कारगिल के गांव मिंजी के निवासी मोहम्मद बाकिर
ने 10 लाख रुपये के शुरुआती ऋण के साथ सीमेंट ब्लॉक ईंटों की उत्पादन इकाई शुरू की
थी। अब उसका 52 लाख रुपये का सालाना कारोबार है। उसने अपनी विनिर्माण इकाई में 8
व्यक्तियों को रोजगार दिया है। इसी तरह लोहे और इस्पात की वस्तुओं के उत्पादन से
जुड़े इस्माइल नसीरी ने कारगिल के ग्राम पोयेन में 25 लाख रुपये की लागत से अपनी
इकाई शुरू की और 10 लोगों को रोजगार दिया है तथा उसकी इकाई 76 लाख रुपये का कारोबार
कर रही है। रोजगार की होड़ ने स्थानीय महिलाओं को भी स्व-रोजगार के लिए प्रेरित
किया है जो घर बाहर जाने और स्वतंत्र रूप से काम करने की इच्छुक नहीं थी। केवीआईसी
की सहायता से अनेक महिला उद्यमी इन जिलों में कटिंग, सिलाई इकाइयां और ब्यूटी
पार्लर सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं। इसी प्रकार कारगिल के बारू में एक महिला
उद्यमी हमीदा बानो ने सिलाई की गतिविधि में भाग लिया और अपनी यूनिट में 3 अन्य
महिलाओं को रोजगार दिया। हमीदा का सालाना कारोबार भी 12 लाख रुपये तक पहुंच गया है।
सरकार का लेह-लद्दाख क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार का प्रमुख उद्देश्य रहा है।
2019 में जम्मू और कश्मीर के विभाजन के बाद से इस क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के
सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
03Nov-2020
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