सोमवार, 30 नवंबर 2020

जल जीवन मिशन: जलापूर्ति बुनियादी ढांचे का डिजिटलीकरण करेगी सरकार

िकसित होगी ‘स्मार्ट जलापूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली’ हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति वितरण को मापने और निगरानी के लिए जल्द ही स्मार्ट ग्रामीण जल आपूर्ति इको-सिस्टम को विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ‘स्मार्ट जलापूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली’ विकसित करने की दिशा में शुरू की गई ग्रैंड चैलेंज में आए आवदेनों का मूल्यांकन जारी किया है। केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक देश के हरेक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन के जरिए स्वच्छ जल मुहैया कराने की मुहिम चलाई जा रही है। इस अभियान में विशेषकर नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और स्वचालित रूप से सेवा वितरण डेटा प्राप्तर करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेामाल करने का फैसला किया गया। मसलन जल आपूर्ति अवसंरचना के डिजिटलीकरण में वर्तमान समस्याओं को हल करने और भविष्य की चुनौतियों का अनुमान लगाने तथा उनका पता लगाने की क्षमता की दिशा में जल शक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 'स्मार्ट जलापूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली' विकसित करने के लिए आईसीटी ग्रैंड चैलेंज की घोषणा की थी। जल जीवन मिशन इस ग्रैंड चैलेंज का उपयोगकर्ता एजेंट होगा और सी-डैक, बैंगलोर कार्यान्वयन एजेंसी है, जो चैलेंज के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। सी-डैक शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) डेवलपमेंट के लिए तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा। जलशक्ति मंत्रालय के जारी इस चेलैंज के मूल्यांकन के अनुसार इस चैलेंज में 218 आवेदनों के साथ देशभर में इंडियन टेक स्टार्ट-अप्स, इंडिविजुअल्स आदि विभिन्न क्षेत्रों की एलएलपी कंपनियों की उत्साही भागीदारी नजर आई। मंत्रालय के अनुसार ये आवेदन 46 व्यक्तियों, 33 कंपनियों, 76 भारतीय टेक स्टार्ट-अप, 15 एलएलपी कंपनियों और 43 एमएसएमई से प्राप्त किए गए थे। मंत्रालय ने बताया कि इन आवेदनों की लघुसूची में शामिल आवेदकों या संस्थाओं को विधिवत गठित जूरी यानि चयनकर्ताओं के सामने प्रस्तुति के लिए जल्द आमंत्रित किया जाएगा, जो इन ऑनलाइन प्रस्तुतियों का संचालन करेगा और प्रोटोटाइप विकास के अगले दौर के लिए शीर्ष 10 की पहचान के लिए आवेदनों की समीक्षा करेगा। मंत्रालय ने बताया कि इस ग्रैंड चैलेंज के तहत इस योजना में आइडिएशन टू प्रोटोटाइप स्टेज, प्रोटोटाइप टू प्रोडक्ट स्टेज, प्रोडक्ट डिप्लॉयमेंट स्टेज और तीन विजेताओं की घोषणा शामिल है। इन सभी चरणों को इलेक्ट्रॉ निक्स् एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के वित्तपोषण समर्थन के साथ किया जाएगा। इन चरणों के मूल्यांकन के आधार पर, एक विजेता और दो उपविजेताओं का चयन किया जाएगा और उन्हें विजेता के लिए 50 लाख रुपये और प्रत्येक रनर-अप के लिए 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। 06Nov-2020

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