बुधवार, 4 नवंबर 2020

जल जीवन मिशन के लक्ष्य पूरा करने को गंभीर हुई केंद्र सरकार

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने राज्यों मंत्रियों के साथ की ऑनलाइन समीक्षा बैठक हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्रीय जल मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण जल आपूर्ति मंत्रियों के साथ जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करते हुए 2024 तक देश के सभी ग्रामीण घरों में पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए नल जल कनेक्शन देने में तेजी लाने का आव्हान किया। केंद्रीय जल मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने एक आभासी सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मंगलाव को जल जीवन मिशन के तहत की गई प्रगति की समीक्षा करते हुए उम्मीद जताई कि सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश हर घर नल- हर घर जल ’सुनिश्चित करने के लिए इस मिशन के कार्यान्वयन में तेजी से काम करेंगे, जिसमें उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की गति, पैमाने और कौशल के साथ नियोजन, प्रगति और रोडमैप पर चर्चा करते हुए इसके कार्यान्वयन को गति देने का आग्रह किया। उन्होंने राज्यों से कहा कि जल जीवन मिशन लोगों के जीवन की सुगमता सुनिश्चित करेगा, वहीं जल की गुणवत्ता में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस ऑनलाइन समीक्षा बैठक में जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल तथा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विपल्व के अलावा ज्यादा राज्यों के जल शक्ति मंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेते हुए चर्चा की। सभी राज्यों ने इस मिशन के लक्ष्य को समयसीमा के भीतर हासिल करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। केंद्र सरकार ने राज्यों को इसके लिए हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिया है। गोवा ने हासिल किया शतप्रतिशत लक्ष्य- इस मिशन के तहत कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन के लिए शतप्रतिशत कार्यान्वयन के लिए विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा तैयार की गई योजनाओं की जानकारी देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस मिशन के तहत ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के जरिए पीने का पानी मुहैया कराने के लिए गोवा ने मौजूदा 2020 में शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है। जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, बिहार, पुदुचेरी, तेलंगाना ने 2021 में शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल करने की योजना तैयार की है। हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, पंजाब, सिक्किम, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश 2022 में सभी ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन प्रदान करेगा। मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के अलावा अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, तमिलनाडु व त्रिपुरा ने इस लक्ष्य को 2023 में शतप्रतिशत करने की कार्ययोजना तैयार की है। जबकि राष्ट्रीय लक्ष्य 2024 तक मिशन के शतप्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने के लिए असम, आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने कार्य योजना बनाने का दावा किया है। पानी की गुणवत्ता पर फोकस- इस समीक्षा के दौरान बताया गया कि देश के राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में 2,233 सरकारी स्वामित्व वाली जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएँ हैं। अधिकांश राज्यों में ये प्रयोगशालाएं केवल पानी के नमूनों का परीक्षण करती हैं। जबकि कुछ राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में ये प्रयोगशालाएँ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन परीक्षण के लिए ज्यादा के कारण सामान्य परिवार के लिए जल का नमूना लेना और परीक्षण करवाना संभव नहीं है। इसीलिए मिशन इन प्रयोगशालाओं को उनके जल के नमूनों को नाममात्र शुल्क पर परीक्षण के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कारने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए जल समितियों को जल परीक्षण के लिए किट का उपयोग करने का प्रशिक्षण भी दे रहा है। यह प्रयास पानी को पीने की क्षमता बढ़ाने के साथ ही इन प्रयोगशालाओं को एकीकृत करने और उन्हें आम जनता के लिए सुलभ बनाने से नल के माध्यम से आपूर्ति की गई जल की क्षमता का पता लगाने में मदद करेगा। 04Nov-2020

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