बुधवार, 4 नवंबर 2020

बैंक ऑफ बडौदा ने वापस लिया नये नियम लागू करने का फैसला

ित्त मंत्रालय ने स्पष्ट की सेवा शुल्क की तथ्यात्मक स्थिति हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। गत एक नवंबर से कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों यानि पीएसबी द्वारा सेवा शुल्क में बेतहाशा वृद्धि करने के संबन्ध में आई मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने इस संबन्ध में तथ्यात्मक स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित मुफ्त सेवाओं के जन धन खातों सहित बुनियादी बचत बैंक जमा खातों पर कोई सेवा शुल्क लागू नहीं है। वहीं बैंक ऑफ बडौदा द्वारा परिवर्तित नियमों को भी कोरोना महामारी के कारण वापस ले लिया है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मीडिया रिपोर्टों में कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा सेवा शुल्क में बेतहाशा वृद्धि का उल्लेख किया गया है। जबकि तथ्यात्मक स्थिति के अनुसार जन धन खातों सहित बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाते भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित मुफ्त सेवाओं के लिए समाज के गरीब और बैंकों से अछूते रहे तबकों द्वारा खोले गए 41.13 करोड़ जन धन खातों सहित 60.04 करोड़ बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खातों पर कोई सेवा शुल्क लागू नहीं है। मंत्रालय के अनुसार नियमित बचत खाते, चालू खाते, नकद उधार खाते और ओवरड्राफ्ट खातों में शुल्क तो नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 नवंबर 2020 से प्रति माह मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या के संबंध में कुछ परिवर्तन किए थे, जिसमें मुफ्त नकद जमा एवं निकासी की संख्या प्रति माह 5 से घटाकर प्रति माह 3 कर दी गई है, जिसमें इन मुफ्त लेनदेन से अधिक लेनदेन के लिए शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बैंक ऑफ बडौदा ने वापस लिया निर्णय- मंत्रालय के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा ने सूचित किया है कि वर्तमान कोविड से जुड़ी स्थिति के आलोक में उन्होंने इन परिवर्तनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके अलावा हाल में किसी अन्य पीएसबी ने इस तरह के शुल्क में वृद्धि नहीं की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार पीएसबी सहित सभी बैंकों को उचित, पारदर्शी और भेदभावरहित तरीके से अपनी सेवाओं के एवज में इस पर आने वाले लागतों के आधार पर शुल्क लगाने की अनुमति है। लेकिन अन्य पीएसबी ने भी यह सूचित किया है कि कोविड महामारी के मद्देनजर निकट भविष्य में बैंक शुल्कों में बढ़ोतरी करने का उनका कोई प्रस्ताव नहीं है। क्या था बैंक ऑफ बड़ौदा का नया नियम- बैंक ऑफ बड़ौदा ने पैसे जमा करने और निकालने के नियम में बदलाव करते हुए एक नवंबर से बैंक में खाताधारकों को अपना पैसा जमा करने और निकालने के लिए भी शुल्क लागू किया था, जिसमें तय सीमा से ज्यादा बैंकिंग करने पर खाताधारकों को अलग से शुल्क लगाने का निर्णय लिया था। मसलन बैंक ऑफ बड़ौदा नए नियम के मुताबिक खाताधारकों को चालू खाते, बचत खाते में से कैश क्रेडिट लिमिट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट से कैश जमा-निकासी के लिए अलग-अलग चार्ज लागू किया था और हर तरह के खाते के लिए यह चार्ज अलग-अलग होगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के नियम के मुताबिक लोन अकाउंट के लिए महीने में तीन बार के बाद खाताधारक जितनी बार अपने खाते से पैसा निकालेंगे, उन्हें हर बार 150 रुपए चार्ज के तौर पर भुगतान करना होगा। वहीं बचत खाते में तीन बार के बाद पैसा निकालने पर 40 रुपए सर्विस चार्ज देना होगा। खाताधारकों को खाते में पैसा जमा करने या माह में तीन बार से ज्यादा बार निकालने पर भी शुल्क लागू किया था यानि चौथी बार रकम निकालने पर चालू खातेदार पर 150 रुपये और बचत खातेदार पर 40 रुपये का सेवा शुल्क लागू किया गया था। हालांकि जनधन खाताधारकों को बैंक खाते में जमा करने पर कोई शुल्क नहीं लगाया गया, लेकिन तय सीमा के बाद खाते से पैसे निकालने पर 100 रुपए का चार्ज वसूलने का निर्णय था। अब कोरोना महामारी के मद्देनजर बैंक ऑफ बडौदा ने इन नए नियमों को लागू करने का फैसला वापस ले लिया है, जिसकी पुष्टि वित्त मंत्रालय द्वारा की गई है। 04Nov-2020

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