शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

संसद में आज पेश होगा आम बजट

सरकार की राहतभरी उम्मीदों पर टिकी होंगी नजरें
रेल संरक्षा और यात्री सुविधाओं पर होगा फोकस
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली। 
संसद में कल एक फरवरी को केंद्रीय वित्तमंत्री जीएसटी कानून लागू होने के बाद आम बजट-2018-19 पेश करेंगे, जिस पर पूरे देश की राहतभरी नजरे लगी होंगी। वहीं रेलवे बजट भी आम बजट का हिस्सा होगा, इसलिए आम बजट में मोदी सरकार का रेलवे की कायाकल्प की तैयारी के तहत भारीभरकम सौगात का पिटारा खुलने की उम्मीद हैं, जिसमें रेल यात्रियों की सुविधा के साथ रेल संरक्षा और रेल क्षमता विस्तार पर ज्यादा फोकस होगा।
संसद के बजट सत्र के तहत लोकसभा में जब केंद्रीय वित्तमंत्री कल एक फरवरी गुरुवार को आम बजट-2018-19  के लिए अपना बजट भाषण शुरू करेंगे तो पूरे देश की नजरे इस बात पर टिकी होंगी कि क्या केंद्र सरकार देश के आम आदमी की उम्मीदों पर खरी उतर रही है या नहीं। हालांकि सरकार ने पहले ही संकेत दिये हैं कि इस बार का आम बजट मानवीय आधार पर होगा, लेकिन यह भी सच है कि इस बार का बजट जीएसटी कानून के दायरे पर आधारित होगा। यह तो पेश होने वाले बजट की रिपोर्ट से ही पुष्टि होगी कि वित्तमंत्री अरुण जेटली की पोटली से किस क्षेत्र, वर्ग और जनहित के लिए किस प्रकार का पिटारा बाहर आएगा, लेकिन कयासों का दौर जारी है और पूरे देश की नजरे जेटली के बजट भाषण पर टिकी होंगी। यह भी दिगर है कि देश के इतिहास में पिछले साल रेल बजट को भी आम बजट में समाहित कर लिया गया था, इसलिए भारतीय रेलवे के कायाकल्प के लिए चलाई जा रही परियोजनाओं के मद्देनजर रेलवे को भी आम बजट से बेहद उम्मीदें हैं। इस बजट में नौकरीपेशा महिलाओं, छात्रों, गृहणियों, वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में राहत देने के अलावा देश के बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, औद्योगिक, बैंकिंग आदि क्षेत्र के अलावा युवाओं के रोजगार सृजन जैसे ऐलान करना एक चुनौती होगी। वहीं देश में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने की दिशा में सरकार का इस बजट में चमड़ा, रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों के लिए टैक्स इंसेटिव जैसी कई सौगात देने पर फोकस हो सकता है। इसका कारण है कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की पहल को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन देने का प्रयास करेगी।
रेलवे को बड़ी उम्मीद
देश के इतिहास में दूसरी बार रेलवे का बजटीय प्रावधान और योजनाओं का ऐलान भी आम बजट में ही किया जाना है। इसलिए रेलवे को सरकार से रेलवे के बुनियादी ढांचे को दुरस्त करने और रेल यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं देने के साथ रेल संरक्षा और रेल क्षमता का विस्तार करने की परियोजनाओं के लिए ज्यादा बजटीय आवंटन की दरकार है। हालांकि हमेशा की तरह ही इस बार भी देश में बढ़ते रेल हादसों की चुनौती से निपटने की दिशा में इस बजट में रेल सुरक्षा व संरक्षा पर ज्यादा फोकस करना तय माना जा रहा है। रेलवे को इस बार के बजट में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 1.50 करोड़ से ज्यादा का बजटीय आवंटित होने की उम्मीद है। पिछले आम बजट में रेलवे के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपये बजटीय प्रावधान किया गया था।
आम आदमी को राहत
आम बजट में सरकार द्वारा आयकर पर मिलने वाली छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किये जाने की हो रही मांग को भी पूरा किया जा सकता है। उम्मीद है कि पिछले बजटों के दौरान बदलाव से दूर रही आयकर छूट को इस बार बढ़ाने की संभावना है। सरकार द्वारा देश में लागू किये गये रेरा कानून के बाद इस बार बजट में जीएसटी का असर नजर तो आएगा, लेकिन घर खरीदने वालों को होम लोन पर मिलने वाली छूट को भी बढ़ाने की उम्मीद है। सूत्रों की माने तो स्टांप ड्यूटी में भी राहत देते हुए रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में शामिल किया जा सकता है, ताकि घर का सपना देखने वालों को राहत मिल सके। जीएसटी के कर प्रावधान में बदलाव करके छोटे कारोबारियों की राह को आसान करने की भी संभावना है।
कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा
केंद्र सरकार के डिजीटल इंडिया मिशन के तहत कैशलेस लेनदेने को प्रोत्साहन देने के लिए कार्ड से भुगतान करने पर लगने वाले एमडीआर चार्ज छूट की सीमा का विस्तार करने की भी संभावना है। इस दिशा में हर क्षेत्र में कैशलेस लेनदेन की प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने पर जोर होगा। बीमा क्षेत्र में टर्म, हेल्थ और होम इंश्योरेंस को अनिवार्य की जा सकती है और बीमा के प्रीमियम पर कर छूट की जा रही अपेक्षाओं को भी पूरा किया जा सकता है। बजट में सरकार देश के स्टार्टअप्स को और मजबूती देने के लिए इंसेंटिव की घोषणा कर सकती हैं। वहीं देश में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने की दिशा में सरकार का इस बजट में चमड़ा, रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों के लिए टैक्स इंसेटिव जैसी कई सौगात देने पर फोकस हो सकता है। इसका कारण है कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की पहल को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन देने का प्रयास करेगी।

किसानों के हित में ऐलान
केंद्र सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के तौर पर किसी योजना का ऐलान कर सकती है, वहीं कृषकों के उपकरणों, कीटनाशकों एवं उर्वरकों को सस्ता करने की व्यवस्था को भी बजट में पेश कर सकती है। केंद्र सरकार के आम बजट 2018-19 में किसानों की समस्याओं को देखते हुए कृषि क्षेत्र और उनसे जुड़े किसानों के हित में और ज्यादा योजनाओं का ऐलान कर सकती है।
01Feb-2018

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