सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

अब जरूरी होगा बसों में जीपीएस व पैनिक बटन!

केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी किये दिशा निर्देश
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में सड़क हादसों पर लगाम कसने की दिशा में केंद्र सरकार अब बसों या अन्य सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस व पैनिक बटन जैसी तकनीक लगवाने के लिए कोई नरमी बरतने को तैयार नहीं है। केंद्रीय सड़क परविहन मंत्रालय ने आगामी एक अप्रैल से यात्रियों को लेकर चलने वाले सार्वनिक वाहनों में पैनिक बटन वह जीपीएस प्रणाली लगवाना अनिवार्य कर दिया है। इसके राज्यों में अनुपालन कराने के लिए राज्यों को दिशानिर्देश जारी किये गये हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार महिलाओं व बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध और सड़क हादसों को हर हालत में रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है, जिसमें पहले से तय एक अप्रैल 2018 से बसों, टैक्सियों, तिपहिया जैसे सार्वजिनक वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य हो जाएगा। ऐसा निर्णय सड़क परिवहन मंत्रालय मई 2016 में ही ले चुका था, लेकिन चौतरफा इस व्यवस्था के लिए समय की मांग की जाती रही तो बाद में इसे एक अप्रैल 2018 को अनिवार्य करने का फैसला किया गया था। अब मंत्रालय इसकी सीमा और बढ़ाने के मूड में नहीं है, जिसकी अनिवार्यता एक अप्रैल से लागू कराने के लिए सभी राज्य सरकारों और परिवहन विभागों को दिशानिर्देश जारी कर दिये गये हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार सरकार ने केवल तीन पहिया और ई रिक्शा को इसके दायरे से बाहर रखा है, जिन्हें बाद में इस व्यवस्था में शामिल किया जाएगा। हालांकि इससे पहले सरकार ने महिलाओं, बच्चों और बुजर्गों के खिलाफ बढ़ते अपराधों व सडक हादसों के मद्देनजर 23 सीटों से ज्यादा सवारी वाहनों या बसों में सीसीटीवी लगवाने के लिए भी आदेश दिये गये थे, लेकिन निजता को देखते हुए सीसीटीवी लगाने के आदेश को वापस ले लिया है। 
महिलाओं की सुरक्षा पर बल
मंत्रालय के अनुसार जीपीएस प्रणाली के साथ सबसे महत्वपूर्ण तकनीक के रूप में बसों और टैक्सियों में लगवाए जाने वाला पैनिक बटन होगा। पैनिक बटन का नेटवर्क सीधे परिवहन विभाग और पुलिस नियंत्रण कक्ष से जुड़ा होगा यानि पैनिक बटन एक प्रकार से अलर्ट सिस्टम होगा। वाहनों में लगे पैनिक बटन को जब कोई भी यात्री को दबाएगा, तो इसकी सूचना परिवहन विभाग और पुलिस को स्वत: ही  मिल जाएगी। इस प्रणाली के तहत यात्रियों की सुरक्षा और मदद के लिए जीपीएस से वाहन की मौजूदगी का पता लगाकर पुलिस और विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच सकेगे। इस व्यवस्था से खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करने की कार्यवाही तेजी से की जा सकेगी।
11Feb-2018

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें