शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018

सियासी दलों ने बटोरा ज्यादा, खर्च में दिखाई कंजूसी

बीते साल पांच राज्यों के चुनाव ज्यादातर दलों ने नहीं दिया ब्यौरा                     
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश की राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे और चुनावी खर्चो का ब्यौरा देने पर लगातार सवाल उठते आ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दल चंदा या दान की धनराशि लेने में सबसे आगे हैं। पिछले साल देश में यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सात राष्ट्रीय दलों और 16 क्षेत्रीय दलों ने जितनी राशि हासिल की, उसके मुकाबले चुनावों में पूरी तरह 33 फीसदी भी खर्च नहीं किया है।
देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर व गोवा के विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी करने वाले सात राष्ट्रीय दलों और 16 क्षेत्रीय दलों को 1503.21 करोड़ रुपये की धनराशि चंदे या अन्य स्रोंतो के रूप में मिली, लेकिन चुनाव आयोग को दिये गये ब्यौरे के मुताबिक इन दलों ने चुनावों में केवल 494.36 करोड़ रुपये ही खर्च किये हैं। इन चुनावों में हिस्सा लेने वाले सात राष्ट्रीय और 16 क्षेत्रीय दलों को मिली रकम और उनके द्वारा खर्च किये गये धन का चुनाव आयोग में जमा किये गये ब्यौरे का विश्लेषण करने वाली गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिड रिफार्म्स ने यह खुलासा करते हुए बताया है कि वर्ष 2017 में सात राष्ट्रीय दलों को इन पांच राज्यों के विधानसभाओं के चुनाव में 1314.29 करोड़ रुपये की राशि मिली, जबकि चुनावों में किया गया कुल खर्च केवल 328.66 करोड़ रुपये दर्शाया गया है। इसी प्रकार क्षेत्रीय दलों को इन चुनावों में 188.92 करोड़ की राशि प्राप्त हुई, जिसमें से 165.70 करोड़ रुपये का चुनावी खर्च आयोग में जमा किया गया है।
किसके लिए कितना खर्च
पांचों विधानसभा चुनावों मे प्रचार, यात्रा, उम्मीदवारों और अन्य खर्च का विवरण देते हुए राष्ट्रीय दलों ने चुनाव प्रचार पर 189.46 करोड़ रुपये यानि 56 फीसदी खर्च किये, तो क्षेत्रीय दलों ने 110.77 करोड़ रुपये यानि 44 फीसदी खर्च किये। जबकि यात्रा खर्च पर राष्ट्रीय दलों का 79.23 करोड़ रुपये तथा क्षेत्रीय दलों का 31.46 करोड़ रुपये बताया गया है। इसी प्रकार उम्मीदवारों पर 75.12 करोड़ राष्ट्रीय दलों तथा 22.62 करोड़ रुपये क्षेत्रीय दलों ने खर्च किया। मीडिया विज्ञापनों पर राष्ट्रीय दलों का खर्च 133.33 करोड़ तथा क्षेत्रीय दलों का 74.675 करोड़, प्रचार सामग्री पर राष्ट्रीय दलों का 28.13 करोड़ तथा क्षेत्रीय दलों का 35.20 करोड़, जनसभाओं पर राष्ट्रीय दलों का 27.98 करोड़ खर्च हुए तो क्षेत्रीय दलों ने 91 लाख का खर्च सार्वजिनिक किया है। इस चुनावी खर्चो में प्रचार सामग्री पर क्षेत्रीय दलों ने राष्ट्रीय दलों के मुकाबले 7.07 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च किये हैं। स्टार प्रचारकों और नेताओं की यात्राओं पर जहां राष्ट्रीय दलों ने यात्रा खर्च का 74.91 करोड़ रुपये का खर्च केवल स्टार प्रचारकों की यात्रा पर किया है, जबकि अन्य नेताओं की यात्राओं पर मात्र 5.45 फीसदी खर्च रहा। जबिक क्षेत्रीय दलों के यात्रा खर्च का 93.77 फीसदी स्टार प्रचारकों और 6.23 फीसदी नेतओं की यात्रा पर खर्च हुआ।
सात क्षेत्रीय दलों ने नहीं दिया विवरण
इन पांच राज्यों के चुनाव के दौरा आय और व्यय का खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को देने वाले राष्ट्रीय दलों में भाजपा, कांग्रेस, राकांपा, सीपीआई ने पांचों राज्यों के चुनावी आय-व्य का ब्यौरा जमा कराया है। इसके अलावा राष्ट्रीय दलों में तृणमूल कांग्रेस ने मणिपुर और पंजाब तथा बसपा ने यूपी, उत्तराखंड और पंजाब चुनाव का ब्यौरा जमा कराया। सीपीएम ने भी गोवा को छोडकर अन्य चारों राज्यों का चुनावी खर्च सार्वजिनक किया है। जबकि क्षेत्रीय दलों में शिवसेना ने चार, सपा, आप, रालोद ने दो-दो, लोजपा व एमएजी ने एक-एक राज्य का ब्यौरा पेश किया है। क्षेत्रीय दलों में एनपीएफ ने दोएआईएफबी, जेकेएनपीपी, एनपीपी, पीडीए, आरएलएसपी और आरएसपी ने चुनाव में हिस्सा लेने के बावजूद चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है। 
16Feb-2018


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