निगरानी
के लिए वेबसाईट बनाने की तैयारी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय
रेलवे के सुधार की दिशा में उठाए जा रहे कदमों में रेलवे ने रेल हादसों को रोकने
और निगरानी रखने के लिए नई वेबसाईट बनाने की तैयारी शुरू की है। रेलवे ने सुरक्षा
और संरक्षा को उच्च प्राथमिकता देने के लिए रेलवे ने यह वेबसाइट लांच करके रेलवे
के तमाम कर्मचारियों को भागीदार बनाने का निर्णय लिया है।
रेलवे के
सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने इस योजना को सार्वभौमिक
रिपोर्टिंग तंत्र के रूप में शुरू करने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि यह वेबसाइट
मार्च से शुरू हो जाएगी और रेलवे रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए विभिन्न कार्यों
पर 73 हजार करोड़ रुपये की योजना पर काम कर रहा है। इस योजना में रेलवे ने अपने 13
लाख कर्मचारियों को व्हीसलब्लोअर के लिए बेबसाइट के तौर पर एक प्लेटफार्म देने के
लिए उसी तरह कदम उठाया जिस प्रकार अश्वनी लोहानी ने एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और
अध्यक्ष रहते हुए इसी तरह की वेबसाइट को लॉन्च करके हवाई सुरक्षा की निगरानी को
शुरू कराया था। रेलवे में इस सिस्टम को लाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने एयर इंडिया
के अधिकारियों से मुलाकात भी की है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी की अध्यक्षता
वाला रेलवे मंत्रालय का सुरक्षा विभाग इस वेबसाइट की सीधे निगरानी करेगा।
व्हीसलब्लोअर का प्लेटफार्म
इस योजना
में बेबसाइट के जरिए सीधे तौर पर रेलवे बोर्ड चेयरमैन समेत शीर्ष अधिकारियों को अपनी
पहचान छिपाकर सुरक्षा में किसी भी चूक या कमी के बारे में सूचित किया जा सकेगा,
जिसमें कर्मचारी की पहचान को गुप्त रखने का प्रावधान किया जा रहा है। इस बेबसाइट
को इस वेबसाइट को सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (सीआरआईएस) बना रही है। मार्च
तक इसका काम पूरा होने के बाद कोई भी रेलवे कर्मचारी अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा।
मसलन ट्रैकमैन से लेकर उच्च रैंक तक के अधिकारी गुमनाम होकर सुरक्षा खामियों का
खुलासा कर सकेंगे। भले ही इसमें इंजीनियर का मेनटेनेंस प्रोटोकॉल ना मानना, ट्रेनों
के प्रिवेंटिव मेनटेनेंस को फॉलो न करने से लेकर काम के वक्त सोना जैसी लापरवाही
क्यों न हो।
बजट के बाद बनी योजना
सूत्रों
के अनुसार एक फरवरी को संसद में पेश किये गये आम बजट के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल
ने भी ऐसे संकेत दिये थे कि रेलवे शीघ्र ही एक ऐसी प्रणाली अमल में लाने जा रहा है
जिससे रेलवे विभाग से अलग ठेकेदारी में काम करने वालों की भी पूरी जानकारी पारदर्शी
तरीके से सबके सामने होगी। गोयल का मानना था कि ठेकेदार के अधीन काम करने वाले
श्रमिक को लेकर ज्यादा शिकायतें मिल रही हैं, जिनकी लापरवाही पहले हुए कई हादसों
के दौरान सामने भी आ चुकी है।
06Feb-2018
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