सोमवार, 19 फ़रवरी 2018

मराठवाड़ा में भूजल सुधारने की योजना तैयार

महाराष्ट्र में होगा 100 पुल सह बांधो का निर्माण
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में लगातार गिरते भूजल में सुधार की दिशा में नागपुर में चल रहे ‘भूजल मंथन’सम्मेलन में नई तकनीकियों पर चर्चाओं के साथ देश में जल प्रबंधन को लेकर रोडमैप तैयार किये जा रहे हैं।
सम्मेलन में केंद्रीय जल संसाधन एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में मराठवाड़ा में गहराए हुए भूजल संकट से निपटने की दिशा में योजना का खाका पेश किया। इस योजना के तहत गडकरी ने महाराष्ट्र में 100 पुल सह बांध बांधने के निर्माण करने की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पहले चरण में 100 स्थानों पर ब्रिज-कम-बांध प्रस्तावित हैं जिनमे विदर्भ के 35 और मराठवाडा क्षेत्र के 55 ब्रीज-कम-बांधों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना से महाराष्ट्र में लगभग 40 से 50 हजार हेक्टर क्षेत्र सिंचाई के दायरे मे आ जाएगा और गांवों में शुद्ध पेयजलकी सुविधाभी मिलेगी। गडकरी ने कहा कि भूजल संकट से निपटने के लिए जनसहभागीता से स्वयंसेवी संस्थाएं, महाविद्यालयके राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र और ग्राम पंचायत सदस्य, लोकप्रतिनीधी इन सबने मिलकर जल संवर्धन के संदर्भ में काम करने के लिए आगे आना जरूरी है। गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत मंजूर 99 परियोजनाओ में से 28 परियोजनाएं महाराष्ट्र में हैं। इसलिए कृषि उत्पाद मे वृद्धि के लिए मिट्टी की तरह फ्लोराईड, आर्सेनिक युक्त पाणी की जांच को प्राथमिकता के आधार पर लेना होगा। सम्मेलन में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन के अलावा केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव डॉ. यु.पी. सिंह और केंद्रीय भूजल मंडल के अध्यक्ष के. सी. नायक ने भी हिस्सा लिया।
हरियाणा समेत 14 राज्य प्रभावित
इस सम्मेलन में हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु जैसे वे सभी 14 राज्य हिस्सा ले रहे हैं, जहां भूजल की स्थिति बेहद खराब है। इन राज्यों के ग्राम प्रधान, सरपंच, किसान तथा जल संसाधन के क्षेत्र में काम करने वाले स्वयंसेवी संगठन के लगभग दो हजार प्रतिनिधि हिस्सेदारी कर रहे हैं। इसमें भूमि जल संचालन के विषय में जागरूकता सृजन, स्टेक होल्डरों को जानकारी दने और समुदाय की प्रभावी सहभागिता सुनिश्चत करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 
18Feb-2018

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें