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सदस्यों ने सीलिंग पर सदन में किया हंगामा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के
बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को राज्यसभा में यूपी के कासगंज दंगे और दिल्ली में
सीलिंग के मुद्दे की गूंज सुनाई दी। इन मुद्दों को लेकर जहां सपा सदस्यों ने
कासंगज मुद्दे पर यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए, तो आम आदमी पार्टी के
सदस्यों ने दिल्ली में सीलिंग की कार्यवाही से व्यापारियों को परेशान करने का आरोप
लगाते हुए हंगामा किया।
उच्च सदन
की कार्यवाही शुरू होने पर उपसभापति प्रो. पीजे कुरियन ने आवश्यक विधायी कार्य
निपटाने और दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखवाने के बाद जैसे ही शून्यकाल शुरू करने
का ऐलान किया तो सपा के सांसद प्रो. रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून
व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि कासगंज में हुई हिंसा के बाद वहां एक विशेष समुदाय
को निशाना बनाया जा रहा है। कासगंज के मुद्दे पर सपा के समर्थन में बसपा, कांग्रेस
व अन्य दलों के सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े होकर हंगामा करने लगे। इसी बीच हाल
में नवनिर्वाचित आप के सदस्य संजय सिंह ने दिल्ली में चल रही सीलिंग का मुद्दा उठाया
और अपने दोनों सदस्यों नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता
के साथ आसन के करीब आ गये और नारेबाजी करके हंगामा शुरू कर दिया। इस पर उपसभापति कुरियन
द्वारा इन दोनों मुद्दों पर बिना नोटिस के चर्चा की अनुमति न देने की बात कही तो
सपा के सदस्य भी नारेबाजी करते हुए आसन के करीब आ गये। जब समझाने पर भी हंगाम बंद
नहीं हुआ तो सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया और शून्यकाल
नहीं हो सका। इसके बाद प्रश्नकाल कराया गया, लेकिन उस दौरान भी कार्यवही बार-बार
बाधित होती रही।
ये पागल हो गया?
राज्यसभा में
शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होने के बाद कांग्रेस सदस्य केवीपी रामचन्द्र राव
अचानक अपनी सीट से उठकर सभापीठ के निकट पहुंचे और अपने हाथ में एक काले रंग का
पोस्टर लेकर मौन अवस्था में खड़े हो गये। इस पोस्टर पर सफेद रंग से बड़े अक्षरों
में ‘हेल्प आंध्र प्रदेश’ लिखा हुआ था। केवीपी रामचंद्र राव के इस अनोखे विरोध प्रदर्शन
की ओर ध्यान देते ही उपसभापति कुरियन ने पूछा कि रामचंद्र राव तुम्हारा मुद्दा क्या
है? इस पर कांग्रेस सदस्य कुछ नहीं बोले, तो कुरियन ने कई बार उनसे यही सवाल किया,
लेकिन राव पूरी तरह मौन रहे। इस पर कुरियन ने टिप्पणी के लहजे में कहा कि पागल हो गया
है क्या, ये पागल हो गया है? हालांकि सदन की कार्यवाही से बाद में पागल शब्द को हटा
दिया गया है। राव को वहां से हटाने के लिए कुरियन ने प्रतिपक्ष नेता गुलामनबी आजाद
से भी वापस बुलाने की अपील की, लेकिन 12 बजे बाद प्रश्नकाल के दौरान भी उनका इसी
अंदाज में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। प्रश्नकाल के दौरान राव के पास कांग्रेस सदस्य
जयराम रमेश उनका मुद्दा जानने आए, लेकिन इशारों में उन्हें कुछ कहा और फिर रमेश भी
वापस अपनी सीट पर चले गये।
राज्यसभा में पेश हुए निजी विधेयक
उच्च सदन
में शुक्रवार को भाजपा सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार
को राज्य सभा में गाय संरक्षण विधेयक पेश किया, जिसमें गोहत्या के दोषियों के लिए फांसी
की सजा देने का प्रावधान किया गया है। उच्च सदन में विधेयक पेश करते हुए स्वामी ने
कहा कि मुगल काल में भी बहादुर शाह जफर ने गो-हत्या पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने
कहा कि ब्रिटिश काल आने के बाद ही देश में गो-हत्या का चल बढ़ा। स्वामी ने सदन को बताया
कि आधुनिक विज्ञान में यह बात साबित हो चुकी है कि गाय से मिलने वाले उत्पादों के कई
वैज्ञानिक पहलू हैं। हालांकि सीपीआई के सांसद डी राजा ने स्वामी के विधेयक का विरोध
किया। वहीं राज्यसभा सदस्य राजकुमार धूत द्वारा तीन गैर सरकारी विधेयक पेश किये,
जिनमें ‘अपराधों के साक्षियों और पीड़ितों का अनिवार्य संरक्षण विधेयक’ के अलावा धरोहर
शहर और स्थल (सरंक्षण ओर विकास) विधेयक तथा पर्यावरण संरक्षण (भूमि भराव क्षेत्रों
का प्रबंधन और गैर जैव अकवक्रमणीय कूडे़ का नियंत्रण) विधेयक शामिल है। वहीं वाईएसआर
कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी ने संविधान (संशोधन) विधेयक 208 (नये अनुच्छेद 330क,
332क आदि का अंत:स्थापन विधेयक तथा संविधान (संशोधन) विधेयक 2018 (अनुच्छेद 15 और
16 का संशोधन) विधेयक पेश किये हैं।
03Feb-2018
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