सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

कोर्ट के फैसले से हलकान हुआ एनएचएआई



देशभर में खराब हाइवे की मरम्मत के लिए कसी कमर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मद्रास हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद ऐसा हलकान हुआ कि उसने खराब पड़े टोल हाइवों की तेजी के साथ मरम्मत कराने के लिए कमर कस ली है।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव युद्धवीर सिंह मलिक ने एनएचएआई के अध्यक्ष दीपक कुमार के साथ मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को लेकर गंभीरता के साथ विचार विमर्श किया जिसमें अदालत ने सड़कों खासकर टोल टेक्स देकर चलने वाले लोगों के हित में काप्पालुर टोल प्लाजा का हवाला देते हुए अंतरिम आदेश जारी किया है कि टोल कंपनी तभी पूरा टोल वसूल सकती है, जब इस हाईवे के खराब हो चुके पचास किलोमीटर के हिस्से की मरम्मत का काम पूरा हो जाए। इस आदेश को लेकर एचएचएआई ने अपने संबन्धित क्षेत्रीय और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर सख्त निर्देश जारी किये हैं कि कोर्ट का आदेश पर अमल करने के लिए देशभर में जहां भी टोल रोड़ हाइवे खराब हों उनकी मरम्मत और देख-रेख का काम तेजी से पूरा किया जाए। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय के सचिव युद्धवीर मलिक और एनएचएआई के अध्यक्ष दीपक कुमार ने कोर्ट के आदेश का सम्मान करने की बात कहते हुए मंत्रालय या एनएचएआई कोर्ट के आदेश को चुनौती नहीं देंगे, बल्कि जल्द ही सड़कों के रख-रखाव को लेकर एक प्रोटोकॉल बनाया जाएगा और इसी के मुताबिक साल भर तक हाईवे की मरम्मत के काम पर नजर रखी जाएगी। तथा देशभर की सड़कों को दुरस्त करने के काम में तेजी लाने पर जोर दिया जाएगा। प्राधिकरण ने नेशनल हाईवे बनाने वाली एजेंसियों को भी ऐसे दिशानिर्देश जारी करके तर्क दिये जा रहे हैं कि जनता टोल टैक्स इसलिए चुकाती है कि उन्हें बेहतर सड़क और सुविधा मिले।
क्या है कोर्ट का आदेश
दरअसल कोर्ट ने एनएचएआई ने अफसरों को तलब करते हुए कहा है कि यदि सड़कों की मरम्मत का काम ठीक नहीं हुआ और खराब हुई तो टोल टैक्स आधा कर दिया जाएगा। इस कारण भी एनएचएआई ने अपने अधिकारियों पर शिकंजा कसते हुए सबसे पहले उस हाइवे को दुरस्त करने के आदेश दिये जिस खराब हाइवे को लेकर अदालत में दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया गया है। बताया गया है मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु में मदुरई-विरुधूनगर के बीच हाईवे की खराब हालत की वजह से टोल टैक्स आधा करने का फैसला सुनाया है। गौरतलब है कि इससे पहले 2015 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर प्राधिकरण द्वारा दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे पर बढ़ाए गए टोल टैक्स को घटाने का फैसला किया गया था। इस हाइवे के एक हिस्से में की हालत काफी खस्ता थी। सुप्रीम कोर्ट भी प्राधिकरण को ऐसी नसीहत दे चुका है कि सड़कों की खराब हालत होने पर टोल टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए।
ताकि टोल टैक्स आधा न हो
एनएचएआई के सूत्रों ने भी पुष्टि की है कि प्राधिकरण द्वारा राज्यों में तैनात संबन्धित अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किये जा रहे हैं  कि वे राज्यों  में सड़कों को दुरस्त रखने की दिशा में उनकी मरम्मत के काम को गंभीरता से नजर रखें और जहां खराब हो उसकी मरम्मत कराने में कोताही न बरते। एनएचएआई की इस सख्ती को इस नजर से देखा जा रहा है ताकि कहीं टोल आधा होने नौबत न आ सके। 
05Feb-2018

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