शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

योजनाओं पर अमल के लिए बने रोडमैप!



आम बजट में घोषणाओं पर विशेषज्ञों ने दी राय  
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद में पेश किये गये आम बजट को जहां सरकार लोक प्रगति का बजट बता रही है, वहीं विशेषज्ञों ने भी बजट में की गई घोषणाओं को देश को नई दिशा देने वाला बताया है बेशर्ते इन योजनाओं को रोडमैप के तहत अमल में लाया जाए। गांव और किसानों के लिए की गई घोषणाओं का किसान संगठनों ने भी इसी तर्ज पर मूल्यांकन करने पर बल दिया है।
मोदी सरकार के वर्ष 2018-19 के आम बजट को लेकर सत्तापक्ष की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने लोकलुभावन बजट की धारणा के विपरीत इस बजट को लोक प्रगति का बजट करार दिया है, जिसमें समूचे देश में बुनियादी ढांचे के साथ अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
देश को मिलेगी नई दिशा
देश के प्रमुख औद्योगिक संगठन के रंजन रॉय ने मोदी सरकार के बजट को देश को नई दिशा देने वाला करार दिया और कहा कि इस साल आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार कैसी होगी, उसके आधार पर बजट का असर पता चलेगा। सरकार की घोषणाएं और राजस्व के क्षेत्र में यह बजट बेहतर साबित हो सकता है। आर्थिक विशेषज्ञ एवं मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक राजेश सूद ने कहा कि आम बजट में जीएसटी कार्यान्वयन के आसपास अनिश्चितताओं को देखते हुए माना जा सकता है कि 2022 तक 40 प्रतिशत के ऋण/ जीडीपी अनुपात को प्राप्त करने का लक्ष्य सकारात्मक रास्ता तय करेंगे। उनका मानना है कि बजट निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि को बढ़ावा देगा जो ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ता व्यय में सुधार लाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सर्वाधिक बहुप्रतीक्षित बजट में की गई घोषणाओं को सकारात्मक बताते हुए शिक्षा क्षेत्र में सक्रिय एसोसिएशन ऑफ पब्लिशर्स इन इंडिया ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 6.3 प्रतिशत जीडीपी के साथ वापसी की है और उसमें सकारात्मक बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। बजट का समर्थन करते हुए संस्था ने कहा कि सरकार ने शिक्षा और डिजिटलाइजेशन करने से शिक्षण सामग्री और उसकी गुणवत्ता के मानकीकरण को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। अरुण जेटली द्वारा एक खरब रुपए एक नई योजना के लिए आबंटित करने से स्कूल शिक्षा का आधारभूत ढांचा नए सिरे से बेहतर बनाने और या आईईएसई से स्कूल शिक्षा क्षेत्र को एकीकृत किया जाना जरूरी है, ताकि देश में स्कूलों के बुनियादी ढांचे को नए सिरे से पुनर्जीवित और बेहतर किया ज सकेगा। क्वालिफिकेशन स्कूल एंड वोकेशनल इंडिया के उपाध्यक्ष हरीश दुरईस्वामी ने भारत में शिक्षा की मूलभूत आवश्यकताओं पर आधारित बजट को एक संतुलित योजना का प्रतीक बताया है। उन्होंने सरकार की डिजिटल प्लेटफार्मों और प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना को बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने वाला करार दिया। अविवा इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी कर्नी एस अढ़ा ने बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए कारर्पोरेट टैक्स कम (25 प्रतिशत) रखने की घोषणा से इस क्षेत्र के विकास और रोजगार सृजन में वृद्धि होगी। कुल मिला कर बजट सकारात्मक है। कृषि और एमएसएमई सेक्टर को सहायता देने पर जोर दिया गया है। इससे पूरी अर्थव्यवस्था का विकास होगा। वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना एक महत्वपूर्ण पहल बताते हुए कहा कि इससे बीमा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, जो स्वास्थ्य बीमा की कर संबंधी छूट को वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 हजार करने से स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है। भारतीय स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष केके पुजाजा ने बजट में स्टेनलेस स्टील उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाला सर्वोच्च संस्थान स्टेनलेस स्टील उद्योग की मांगों को नजरअंदाज करने की बात कही है। उनका कहना है कि फेरो निकल और स्टेनलेस स्टील के स्क्रैप पर आयात शुल्क लगाने पर सरकार का फैसला स्टेनलेस स्टील के निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली प्रमुख कच्ची सामग्रियां घरेलू उद्योग के लिए प्रतिरक्षा के रूप में काम करती हैं, इसलिए सरकार को अपने निर्णय का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए क्योंकि इससे 'मेक इन इंडिया' की अवधारणा को खत्म हो जाएगी और कच्चे माल पर आयात शुल्क खत्म कर दिया जाएगा।
किसानों को मिलेगा लाभ
पूर्व कृषि मंत्री एवं विशेषज्ञ सोमपाल शास्त्री ने बजट में आम आदमी को राहत न देने के बावजूद कारपोरेट जगत को करों में छूट देने के भी दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। वहीं उन्होंने किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुणा करने की मंशा पर भी आशंका जताई और कहा कि बजट में किसानो के लिए की गई घोषणाओं को मूर्त रूप देने के लिए जरूरी है कि उसके लिए रोडमैप बने और हर साल 20 प्रतिशत राशि की बढ़ोतरी की जाए। अन्यथा किसानों को राहत देने के कोई मायने नहीं रहेंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राकेश टिकैत ने किसानों के लिए लागत के 50 प्रतिशत से ज्यादा एमएसपी देने के ऐलान का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि किसानों को दिये जाने वाले आर्थिक लाभ का मूल्यांकन किया जाए, ताकि किसानों को सरकार की योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इस योजना की किसान लंबे समय से मांग करते आ रहे थे, जिससे किसानों को फायदा पहुंचेगा। कृषि विशेषज्ञ आरजी अग्रवाल ने कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने वाले बजट को सराहते हुए कहा कि कृषि ऋण को 11 लाख करोड़ रूपए तक बढ़ाने से कृषि और संबद्ध उद्योग दोनों को मदद मिलेगी। कृषि बाजार के विकास के लिए 2000 रूपए की स्थापना कृषि बाजार विकास कोष के रूप में एक संधि के रूप में करना एक बड़ा कदम है। सभी एपीएमसी को ईएनएएम से जोड़ने का प्रस्ताव हमारे किसानों को निश्चित रूप से एमएसपी पर अपने उत्पाद बेचने के लिए बाज़ार तक पहुंचने के अवसरों को साबित करने में मदद करेगा।
02Feb-2018

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