नए
वित्तीय वर्ष में 700 करोड़ का होगा काम
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार द्वारा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों के विकास के लिए मौजूदा
वित्त वर्ष के दौरान 34 जिलों में तेजी के साथ सड़कों का निमार्ण किया जा रहा है।
अभी तक 6210 करोड़ रुपये की लागत से 4486 किलोमीटर सड़का निर्माण किया जा चुका है।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने यह जानकारी देते हुए
बताया कि नक्सल प्रभावित राज्यों के 34 जिलों में मौजूदा वित्तीय वर्ष में 5422 किलोमीटर
सड़कों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 4486 किलोमीटर सड़क का
अभी तक निर्माण किया जा चुका है, जिसके लिए 6210 करोड़ रुपये व्यय किया गया है।
परियोजना की बाबी सड़क परियोजना को मार्च तक पूरा करने के लिए 700 करोड़ रुपये की
मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में तेजी से
हो रहे विकास को देखते हुए ही वर्ष अगले वित्तीय वर्ष के लिए भी सड़क परियोजनाओं
को शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद की समस्या से
निपटने के लिए सरकार ने नए वित्तीय वर्ष के लिए भी आम बजट में पहले से ज्यादा
आंवटन का प्रावधान किया है।
राजमार्गों पर निवेश पर बल
केंद्र सरकार ने सड़क संबन्धी मौजूदा योजनाओं में वामपंथी
उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्र में विशेष त्वरित सड़क
विकास कार्यक्रम और बाह्य मदद प्राप्त सड़क परियोजनाओं के तहत 48,877 किलोमीटर लम्बे
राजमार्गों वाली परियोजनाएं भी इसी अवधि के दौरान क्रियान्वित करने का निर्णय लिया
है इसके लिए केंद्रीय कैबिनेट पहले ही 1,57,324 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय को
मंजूरी दे चुका है। सड़क परियोजनाओं के लिए सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए
एक नीति बनाई है, ताकि बुनियादी ढांचे को तेजी के साथ मजबूत किया जा सके। मंत्रालय
के अनुसार वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक पांच सालों के दौरान कुल 6,92,324 करोड़ रुपये
की लागत से 83,677 किलोमीटर लम्बी राजमार्ग परियोजनाओं को क्रियान्वित करने का प्रस्ताव
रखा गया है, जिसमें 5,35,000 करोड़ रुपये लागत से 34,800 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय
राजमार्गों (एनएच) के विकास/उन्नयन के तहत भारतमाला परियोजना का प्रथम चरण भी शामिल
है। भारतमाला परियोजना के लिए सरकार पहले ही निवेश प्रस्ताव को भी मंजूरी दे चुकी
है।06Feb-2018
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