बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विकसित हुआ हाईटेक ई-रिक्शा


खत्म करेगा किसान और बाज़ार के बीच की दूरियां
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में केंद्र सरकार की ई-परिवहन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत भारत में खासकर किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के लिए एक हाईटेक ई-रिक्शा को विकसित किया गया है, जिसमें केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों व मानकों को इंग्लैंड की तर्ज प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है।
भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक सड़कों पर सिर्फ ई-वाहनों का परिचालन करना है, जिसके लिए 1.2 अरब की जनसंख्या के लिए आधुनिक परिवहन समाधानों की ज़रूरत को देखते हुए केंद्र सरकार सड़कों पर चलने वाहनों से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए ई-परिवहन को प्रोत्साहन देने की मुहिम चलाई है, जिसमें इस क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों एवं वाहन निर्माताओं ने भी अपनी भागीदारी देना शुरू किया है। देश में कई कंपिनयों ने ई-रिक्शाओं को बाजार में उतारा है, लेकिन आधुनिक युग और समय की मांग को देखते हुए भारत सरकार की सड़कों पर वाहनों से प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने की दिशा में विभिन्न तकनीकी संस्थानों की भागीदार से विकसित की गई हाईटेक ई-रिक्शा प्रोजेक्ट का मंगलवार को यहां नई दिल्ली में इनोवेंट नामक कंपनी ने अनावरण किया है। इस बहु-उपयोगी और बहु-आयामी को प्रोत्साहित करते हुए इस ई-रिक्शा में अन्य ई-रिक्शाओं के विपरीत यात्रियों और सामान को एक स्थान से दूसरी जगह तक ले जाने के अलावा कई ऐसी तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है ,जिसमें आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिए ग्रामीणों व अर्ध-नगरीय लोगों के अस्थमा, ब्लडप्रेशर, ईसीजी और नेत्र ज्योति की जांच जैसे स्वास्थ्य परीक्षण भी किये जा सकेंगे।
किसानों को मिलेगा लाभ
इनोवेंट के सीईओ विवेक सिंह के अनुसार इंग्लैंड की तर्ज पर ई-रिक्शा प्रोजेक्ट के विकसित करने से देश में ई-मोबिलिटी ग्रामीण और अर्ध-नगरीय कौशल व रोजगार जैसे क्षेत्रों का की पूरी सूरत बदल सकती है। प्रोजेक्ट इम्पैक्ट सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों और नवोदित विकासशील उद्योगों के मिलन की दिशा में प्रयास है। वहीं यातायात और परिवहन क्षेत्र के विभिन्न विशेषज्ञ इस पेनल में सलाहकार के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रोजेक्ट इम्पैक्ट का नेतृत्व इनोवेंट इंटरनेशनल द्वारा किया जा रहा है ,जो कृषि, वैकल्पिक ऊर्जा, वेस्ट मैनजेमेंट आरै पर्यावरण संबंधी क्षेत्रों में किफायती प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।
किसानों को मिलेगा लाभ
इनोवेंट के निदेशक राहुल सिंह ने हरिभूमि को बताया कि सामाजिक संस्था सरस्वती सेवा फाउंडेशन की भारत सरकार की ई-परिवहन की योजना में हिस्सेदारी करने के इरादे से इस हाईटेक ई-रिक्शा को विकसित करने के लिए द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग एंडटेक्नोलॉजी (आईईटी) और एरिस कम्युनिकेशन ने प्रोजेक्ट इम्पैक्ट (इनोवेटिव मोबिलिटी फॉरपीपुल एडवांस में टथ्रू कम्युनिकेशन्स एंड टेक्नोलॉजी) के प्रथम चरण के लॉन्च में सहयोग दिया। इस ई-वाहन में लगाए गये क्रॉपडिटक्शनटेक्निक सेंसर से किसानों को फसल और मिट्टी की जानकारी भी मिलेगी। खासकर इस ई-रिक्शा को कृषको और ग्रामीणों को फायदे के लिए किया गया है, जिसमें सरकार के ग्रामीण भारत में आधुनिक परिवहन, स्वास्थ्य, कृषि संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराने आजीविका को बेहतर बनाने जैसी योजनाओं के लक्ष्य को भी पूरा करने में मदद मिलेगी।
14Feb-2018

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें