शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

विरासत के संरक्षण को प्रोत्साहित करेगा रेलवे



सुधारों के लिए लिये रेल मंत्रालय ने बनाई सुधारात्मक योजना
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे की एक दशक पुरानी समृद्ध विरासत के संरक्षण के लिए रेलवे बोर्ड ने कई सुधारात्मक कदम उठाने का फैसला किया है, ताकि देशभर में अलग-अलग जगहों पर रेलवे की विरासत उपेक्षा का शिकार न हो सके। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने ऐसी विरासत संबन्धी सामानों के संरक्षण और प्रदर्शन करने की योजना तैयार की है।
रेल मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय ने ऐसी रेलवे विरासत के संरक्षण के लिये कई सुधारों की पहचान कर ली है, जो एक दशक से पुरानी समृद्ध विरासत के रूप में भारतीय रेलवे की पहचान बनी हुई है। इस दिशा में पहली बार मंथन करने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोनों एवं उत्पादन इकाइयों के विरासत अधिकारियों के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने की। लोहानी ने राष्ट्रीय रेल संग्रहालय एवं सभी क्षेत्रीय रेलवे दोनों ही स्तरों पर रेलवे के इतिहास का समयबद्ध ब्यौरा तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि विरासत के संरक्षण वाले इन प्रयासों में भाप चालित रेलगाड़ियों का अलंकरण एवं भाप वाली लाइनों पर नियमित अंतराल पर भाप वाली गाड़ियों को चलाया जाएगा। रेलवे बोर्ड की योजना है कि ऐसी विरासत संबंधी चीजों का ठीक से संरक्षण और प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर रेलवे बोर्ड के सचिव रजनीश सहाय ने भारतीय रेलवे में विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि फेयरी क्वीन स्टीम लोकोमोटिव को पुन: चालू करने और रेवाड़ी भाप केंद्र की स्थापना की तर्ज पर रेलवे बोर्ड रेलवे की ऐसी विरासत संबंधी चीजों की पहचान के लिये विशेष अभियान शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि इसी प्रक्रिया में विजयनगरम स्टेशन के 117 वर्ष पुराने प्रतीक्षालय का विरासत संरक्षण तरीके से पुनरुद्धार मात्र 4 महीनों में सफेद चूना हटाकर और पत्थरों को साफ कर पालिश किया गया और विरासत वाले दीपदानों और ग्रिल का भी काम किया गया।
डिजिटल रेल अभियान पर बल
रेलवे ने विरासत संरक्षण प्रक्रिया के विभिन्न आयामों एवं तकनीक के बारे में जागरूकता बढ़ाने के तहत विशेषकर संग्रहालय प्रबंधन, विरासत भवनों का संरक्षण जिसमें स्टेशन, पुल, मीटर गेज, नैरो गेज वाले हिस्से, रेलवे आर्काइव का संरक्षण एव डिजिटाइजेशन, विश्व विरासत माने जाने वाले स्थानों का प्रबंधन के अलावा उपकरणों, सिगनल और पटरियों से संबंधित सामग्री, डिजिटल इंडिया-डिजिटल रेल अभियान, रेलवे विरासत का इंटरनेट के जरिये विश्व में प्रचार-प्रसार करने पर भी बल दिया गया। 
09Feb-2018

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