
पीएम के हस्तक्षेप से शिवराज व गडकरी के बीच हुई चर्चा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी के साथ केन-बेतवा नदी परियोजना पर व्यापक चर्चा
की। समझा जा रहा है कि इस परियोजना को लेकर चौहान ने अपनी जिद छोडकर नरमी बरतना शुरू
कर दिया, जिसके नतीजे में पिछले कई माह से इंतजार के बाद केन-बेतवा परियोजना शुरू होने
के आसार बन गये हैं।
केंद्रीय जल
संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने यह संकेत देते हुए बताया कि दो-तीन दिन में केन-बेतवा
परियोजना में मध्य प्रदेश की ओर से आ रही बाधा का समाधान हो जाएगा और इसे जल्द ही शुरू
कर दिया जाएगा। गडकरी ने संवादाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि देश में सूखे और बाढ़
की समस्या से निपटने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने वाली तीन परियोजनाओं को शुरू
करने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड
क्षेत्र में जल संकट के लिए वरदान बनने वाली केन-बेतवा नदी परियोजना पिछले साल अगस्त
में शुरू की जानी थी, लेकिन मध्य प्रदेश ने प्रथम चरण की मंजूर की गई इस परियोजना में
दूसरे चरण के कुछ प्रोजेक्टो को शामिल करने की मांग करते हुए अनापत्ति पत्र केंद्र
को नहीं सौंपा, जबकि यूपी पहले ही अपनी स्वीकृति दे चुका है। मध्य प्रदेश सरकार की
इसी जिद के कारण केन-बेतवा परियोजना शुरू होने में विलंब हो रहा है। सूत्रों के अनुसार
एक दिन पहले मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां पहुंचे
और वित्त मंत्री अरुण जेटली व गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के बाद उन्होंने
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के दौरान
पीएम मोदी ने केन-बेतवा परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री चौहान से उनकी समस्याएं पूछी
और समाधान के लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से चर्चा करने को कहा।
गडकरी से लंबी हुई चर्चा
दरअसल केंद्रीय
जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार की रात आठ बजे भूजल मंथन और मंत्रालय की कुछ
महत्वपूर्ण परियोजनाओं के मुद्दे पर अपने सरकारी आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया
था, लेकिन पीएम से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह के गडकरी आवास पर तय हुई बैठक के कारण
यह संवाददाता सम्मेलन एक घंटा विलंब से शुरू हुआ। इसी दौरान गडकरी ने शिवराज सिंह से
केन-बेतवा परियोजना को लेकर हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि देश की पहला रिवर लिंकिंग
प्रोजेक्ट के रूप में केन-बेतवा जल्द ही शुरू हो जाएगा। सवालों के जवाब में उन्होंने
कहा कि इस परियोजना को लेकर हुई चर्चा हुई और इसे शुरू करने के लिए जल्द ही यूपी व
मध्य प्रदेश सरकारों के बीच तीन-चार दिन के भीतर ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
किये जाएंगे। गडकरी ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के बाद दमनगंगा-पिंजाल और पर-तापी-नर्मदा
लिंक परियोजनाएं शुरू होने को तैयार हैं।
बुंदेलखंड के लिए बनेगी वरदान
मंत्रालय के अनुसार केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना
से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके की 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई
और पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। मसलन मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में
जल संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड क्षेत्र के 70 लाख लोगों की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त
हो सकेगा, जिन्हें पर्याप्त पानी, फसलों की सिंचाई और रोजगार की समस्या से भी निजात
मिलेगी। मसलन इस परियोजना के दायरे में 13.42 लाख जनसंख्या को 49 मिलियन क्यूबिक मीटर
पेयजल की उपलब्धता से लोगों की प्यास भी बुझेगी। मंत्रालय के अनुासर इस परियोजना के
तहत 1700-1700 मिलियन घन मीटर पानी मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश को मिलेगा। इस परियोजना
से जहां मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले की 3,69,881 हेक्टेयर भूमि, तो
वहीं उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा व झांसी जिले की 2,65,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई
क्षमता बढ़ेगी, जिसमें झांसी जिले की 6,35,661 हेक्टेयर कृषि भूमि भी शामिल है।
15Feb-2018
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