रविवार, 9 अक्तूबर 2016

राग दरबार: बंदर के हाथ में उस्तरा...

झूठ से हुई पाकिस्तान की किरकिरी
भारतीय सेना ने उरी आतंकी हमले का पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करके बदला लेकर साबित कर दिया है कि वह पाकिस्तान की ओर से पैदा की जाने वाली हर नापाक हरकत से निपटने को तैयार है। यही नहीं लगातार आतंकियों की घाुसपैठ और हमलो को नाकाम करने का सिलसिला जारी है,भारतीय सेना और सुरक्षा बलो की इस चौकस कार्यवाही में आतंकियों का सफाया किया जा रहा है। ऐसी नापाक हरकतों से अंतर्राष्टीय स्तर पर अलग थलग पड़ते जा रहे पाकिस्तान की बौखलाहट बंदर के हाथ में उस्तरा वाली कहावत को चरितार्थ करती है, जिसमें वह बार बार परमाणु हमले का विकल्प चुनने की धमकी देने में भी कसर नही छोड़ रहा है, जब कि परमाणु बम के फोडने के परिणाम एसे भी पता है। सोशल मीडिया और खुलेतौर पर उरी हमले के बाद पाकिस्तान के झूठ से हुई किरकिरी की बाकी कसर पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को नकारने की पोल उसके अपनो ने ही खोलना शुरू कर दिया है, जिसमे तीन दर्जन से ज्यादा आतंकवादियों में शामिल पां पाक सैनिक भी भारतीय सेना का शिकार बने। दरअसल पाकिस्तान को कहीं तक भी ऐसी उम्मीद नही थी कि भारतीय सेना उसी के घर में घुसकर उरी का बदला सूद समेत चूकताा करेगी। ऐसे में पाक की झुझलाहट जायज ही है जो अभी तक भारत को लेकर गलफत में था, लेकिन पीएम मोदी के उरी का बदला लेने का वादा और आतंकवाद के खिलाफ कूटनीतिक और सख्त फैसलों से देशवासियों को सुरक्षा के प्रति भरोसा मिला और भारतीय सेना और देश की सुरक्षा में सीमाओं पर प्रहरी बने सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ा दिया है। यही नही पाकिस्तान एक आतंकी देश का पर्याय बनता भी नजर आने लगाा। ऐसे में सर्वविदित है कि परंपरागत शस्त्रों के युद्ध में पाकिस्तान कभी भारत से जीता नहीं और ना ही जीज पाएगा, तो जाहिर सी बात है वह परमाणु हमले का विकल्प चुनने की धमकी देकर बंदर के हाथ में उस्तरा वाली कहावत ही चरितार्थ कर सकता है?
सर्जिकल स्ट्राइक पर बुरे फंसे केजरीवाल
जब से अरविंद केजरीवाल ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत देने की ललकार लगाई तभी से उनकी पार्टी के प्रवक्ताओं को कुछ कहते नहीं बन रहा है। केजरीवाल भाजपा के निशाने पर हैं। मनीष सिसोदिया ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की पर उनकी भी दाल नहीं गली। दरसअल आम आदमी पार्टी के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से चुनावी राज्यों में इसके असर पर विश्लेषण शुरू हो गया था। अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है। दिल्ली में नगर निगम का चुनाव भी होना है। आम आदमी पार्टी के नेताओं को लग रहा था कि भाजपा की स्थिति मजबूत हो रही है, ऐसे में किसी भी तरीके से सर्जिकल स्ट्राइक पर सवालिया निशान लगाया जाए। मोर्चा केजरीवाल ने संभाला और उन्होंने प्रधानमंत्री को सैल्यूट करते हुए पाकिस्तान के दुष्प्रचार का जवाब देने की मांग कर डाली। दिल्ली के मुख्यमंत्री का ये वार उन्हीं पर भारी पड़ गया। उधर, पाकिस्तान के मीडिया ने केजरीवाल के बयान को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो देश में भाजपा ने उन पर जमकर हमला बोलना शुरू कर दिया। अब आप के नेता कह रहे हैं हमने सबूत कब मांगा।
राफेल पर बन गई बात...
वायुसेना के लिए की गई राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद उसके लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं और कुछ समय बाद इन विमानों की वायुसेना में दस्तक शुरू हो जाएगी। विमान का ढांचा और मारक क्षमता बेहतरीन है, जिसकी वजह से इसे वायुसेना के लिए खरीदा गया है। इसमें रूचिकर तथ्य यह है कि राफेल विमानों की खरीद को लेकर भारत और फ्रांस के बीच बातचीत का सिलसिला 1990 के दशक के अंत में शुरू हुआ लेकिन वक्त बीतने के साथ-साथ समझौते पर 2016 में हस्ताक्षर हो गए। राफेल को लेकर तर्क-वितर्क चाहे जो भी हों। लेकिन राफेल पर तो बात बन ही गई।
-ओ.पी. पाल, आनंद राणा, कविता जोशी व राहुल
09Oct-2016

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