मंगलवार, 18 अक्तूबर 2016

इसी सप्ताह तय होंगी जीएसटी कर की दरें!

जीएसटी परिषद की तीन दिवसीय बैठक आज से
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
आगामी एक अप्रैल से जीएसटी कानून लागू करने की कवायद में जुटी केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में जीएसटी विधेयक पारित करने की तैयारी में है। इसी मकसद से कल मंगलवार से यहां शुरू होने वाली जीएसटी परिषद की तीन दिवसीय बैठक में जीएसटी कर की दरें तय किया जाना है और राज्यों की नई प्रणाली के फार्मूले पर भी आम सहमति बनाए जाने की संभावना है।
संसद के अगले महीने 16 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार की प्राथमिकता जीएसटी विधेयक को पारित कराने की होगी। इसका मकसद है कि सरकार आगामी नए वित्तीय वर्ष यानि एक अप्रैल से हरसंभव जीएसटी कानून लागू करना चाहती है। कल मंगलवार को यहां केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शुरू होने वाली जीएसटी परिषद की तीन दिवसीय बैठक को इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल इस बैठक में परिषद को जीएसटी दरों का फैसला करना है। जीएसटी परिषद इस बैठक के एजेंडे में राज्यों को नयी प्रणाली में राजस्व हानि पर क्षतिपूर्ति के फामूर्ले जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान भी तय किया जाना है। इससे पहले वित्त मंत्रालय जीएसटी परिषद में सभी मुद्दों पर आमसहमति बनाने के लिए 22 नवंबर की समयसीमा निर्धारित कर चुकी है, ताकि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में व्यापक बुनियादी सुधार के प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को देशभर में एक अप्रैल 2017 से लागू करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
बैठक पर टिकी होंगी नजरे
जीएसटी परिषद की इस महत्वपूर्ण बैठक में होने वाले फैसलों पर देशभर खासरकार उद्योगजगत की नजरें लगी होंगी। इसका कारण साफ है कि जीएसटी की दर निर्धारित किए जाने की दृष्टि में तय होने वाली जीएसटी कर की दरें लोगों की जिंदगी को प्रभावित करने का काम करेंगी। जीएसटी परिषद की पिछले महीने हुई बैठक में बीस लाख रुपये सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों को जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है। वहीं इस छूट की सीमा को पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के 11 राज्यों में दस लाख रुपये निर्धारित की गई थी। गत 30 सितंबर को परिषद इस छूट के लिए तैयार किये गये नियमों के मसौदे को अंतिम रूप दे चुकी है। जीएसटी कानून के तहत सेवाओं तथा वस्तुओं की आवाजाही को सुगम बनाने की कवायद में वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही कह चुके हैं कि देश के एक कोने से दूसरे कोने तक वस्तुओं को ले जाने का खर्च कम होगा और एक देश और एक कर की समान व्यवस्था कायम की जा सकेगी।
जटिल मुद्दो पर होगी चर्चा
वित्त मंत्रालय के सूत्रों की माने तो जीएसटी परिषद की मंगलवार को शुरू हो रही इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्र सरकार द्वारा नई व्यवस्था में 11 लाख सेवा कर देने वाले को अपने जिम्मे रखने के जटिल मुद्दे पर भी विचार विमर्श भी किया जाएगा। वहीं इस बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम की अध्यक्षता वाली समिति के अधिकतर वस्तुओं और सेवाओं के लिये जीएसटी की मानक दर 17 से 18 प्रतिशत रखने का सुझाव पर भी मंथन होना तय है, जिसमें समिति ने कम कर वाली वस्तुओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत और कार, पान मसाला और तंबाकू जैसी विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत मानक दर प्रस्ताव किया था। मूल्यवान धातुओं पर 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में दर की सिफारिश की गयी है। वित्त मंत्रालय प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगा, ताकि उसके बाद केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) तथा समन्वित जीएसटी (आईजीएसटी) को 16 नवंबर से शुरू संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।
18Oct-2016

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