गुरुवार, 6 अक्तूबर 2016

जल्द तैयार होगा एशिया का सबसे लंबा पुल!

ब्रह्मपुत्र नदी से असम-अरुणाचल प्रदेश के बीच जुडेगा सड़क संपर्क
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
पूर्वोत्तर राज्यों में बुनियादी ढांचों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही सड़क परियोजनाओं के तहत ब्रह्मपुत्र नदी पर एशिया के सबसे लंबे निर्माणधीन पुल की परियोजना जल्द ही पूरी हो जाएगी। इस पुल के बनने से आने वाले कुछ माह में आवाजाही शुरू होते ही असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सड़क संपर्क मार्ग का सफर आसान हो जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार सुरक्षित सफर और पुल की सुरक्षा सुनिश्चित के लिहाज से ब्रह्मपुत्र नदी पर तैयार होने वाले इस पुल के निर्माण में अंतर्राष्ट्रीय मानकों की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। 938 करोड़ की लागत वाली इस पुल निर्माण की परियोजना पूरी होते ही कुछ माह में ही इसे वाहनों की आवाजाही के लिए चालू कर दिया जाएगा। यह पुल एशिया का सबसे लंबा पुल होने का दर्जा हासिल कर लेगा। इस पुल के शुरू होने से असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी मात्र चार घंटे से कम समय में ही तय की जा सकेगी। सबसे ज्यादा फायदा इस पुल से सीमा क्षेत्र में जाने वाले सेना के टैंक या अन्य वाहनों को भी होगा। दरअसल चीन सीमा की तरफ जाने के लिए भारतीय सेना को रक्षा के साजो सामान ले जाने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ रहा था। मसलन अभी तक यहां पर कोई ऐसा पुल नहीं है। अभी सेना के टैंकों को तिनसुकिया से होकर अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचना होता है। इस पुल के बनने के बाद सेना को भी सीमा पर पहुंचने में कम समय लगेगा और वह आसानी से तेजपुर होते हुए दिबांग और अनजा पहुंच सकेंगे। सूत्रों के अनुसार फिलहाल गुवाहाटी से वहां तक पहुंचने में करीब 186 किमी दूरी तय करने में करीब दो दिन का समय लगता है।
सीमा सुरक्षा में खास कदम
ब्रह्मपुत्र नदी पर ढोला-साडिया के बीच आवाजाही के लिए अंतिम चरणों में तैयार हो रहे इस पुल को सीमा सुरक्षा के लिहाज से बेहद खास कदम माना जा रहा है। क्योंकि जिस तेजी से चीन अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा पर अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रहा है और सुरक्षाबलों की संख्या में इजाफा कर रहा है उस लिहाज से भारत को भी अरुणाचल प्रदेश में अपनी तैयारियां तेज करने की जरूरत है। गौरतलब है कि एलएसी के नजदीक चीन ने एयरस्ट्रिप तैयार कर रखी है वहीं हमारे पास अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं है।
गांधी सेतु हो जाएगा पीछे
मंत्रालय के अनुसार देश में अभी तक सबसे लंबे पुल के रूप में पटना में गंगा नदी पर बने गांधी सेतु का नाम सबसे ऊपर है, जिसकी लंबाई 5.57 किमी है। इसके बाद ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे 9.15 किमी लंबे ढोला-सदिया ब्रिज देश का ही नहीं, बल्कि एशिया का सबसे लंबा पुल का दर्जा हासिल कर लेगा। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा 938 करोड़ रुपए की लागत वाली इस पुल की परियोजयना को वर्ष 2010 में शुरू किया था, जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरणों हैं और संभावना है कि वर्ष 2017 के पहले तिमाही तक यह आवागन के लिए चालू हो जाएगा। मंत्रालय के अनुसार इस ढोला-साडिया पुल की राह में आने वाले लोगों के मकान व अन्य प्रॉपर्टी के लिए केंद्र सरकार ने भी मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
चीन की सीमा तक बनेगी पहुंच
भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में सीमा तक जाने वाले सड़क मार्गो पर केंद्र सरकार की शुरू की गई परियोजनाओं के तहत ऐसे चार पुल बनाए जा रहे है, जिससे सीमा तक सेनाओं के वाहनों टैंकों या अन्य साजो सामान ले जाने में तय समय में सफर तय किया जा सकेगा। ये परियोजनाएं इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अति दुर्गम और कच्चे पहाड़ी इलाके में दस हजार फिट की ऊंचाई पर गुंजी से कालापानी, नपल्च्यू से गुंजी के बीच, कलपू नाला और घटीपू नाला में नए पुलों का निर्माण करना सीमा सड़क संगठन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था।
06Oct-2016

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