शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2016

सड़क सुरक्षा पर राज्य सरकारें भी हुई गंभीर!

वाहन चालकों और श्रमिकों को मिलेगा प्रशिक्षण
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में सड़क सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार की चिंता में धीरे-धीरे राज्य भी गंभीर नजर आने लगे हैं। मसलन देश में सुरक्षित सड़क निर्माण तथा सड़कों पर दौड़ते वाहनों के चालकों की कौशल क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकारें भी सामने आ गई हैं।
दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश में सड़क परियोजनाओं में निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षित तकनीक को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। देश में लगातार बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए मंत्रालय ने जहां सड़क के बुनियादी ढांचे को आधार बनाने का निर्णय लिया, वहीं सड़कों पर चलने वाले वाहनों के चालकों की कौशल क्षमता को दायरे में शामिल किया। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क निर्माण के लिए काम करने वाले श्रमिको और चालकों के प्रशिक्षण हेतु इसी साल एक कौशल विकास कार्यक्रम की शुरूआत की है, जिसमें केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय के साथ करार करके सड़क मंत्रालय ने पिछले तीन माह में इस दिशा में कई दिशानिर्देश जारी करके राज्यों से प्रस्ताव मांगे हैं। इस कार्यक्रम के तहत सड़क निर्माण में लगे श्रमिकों और वाहनों के चालकों को प्रशिक्षण देकर उनका कौशल विकास करना शामिल है। मंत्रालय के अनुसार इस कार्यक्रम के लिए अभी तक नौ राज्यों के परिवहन निगमों से वाहन चालकों के प्रशिक्षण हेतु 55 प्रस्ताव हासिल हुए हैं। ये निगम अपने संचालित प्रशिक्षण केंद्रों में वाहन चालकों को प्रशिक्षण देकर कौशल विकास कार्यक्रम को अंजाम देंगे।
श्रमिको को यहां मिलेगा प्रशिक्षण
मंत्रालय के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत राजमार्ग निर्माण के श्रमिकों के प्रशिक्षण की समीक्षा के लिए छूट ग्राहियों की सेवा ली जा रही है। इनके अलावा परियोजना स्थल के ठेकेदारों, आईटीआई तथा भारतीय राजमार्ग इंजीनियर्स अकादमी द्वारा श्रमिकों को प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव है। केंद्र के हाल ही में जारी दिशानिर्देश के अनुसार सौ करोड़ रुपये और इसके अधिक की परियोजना के लिए प्रशिक्षण कार्य परियोजना प्रमुख द्वारा चलाया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्य प्रशिक्षण महानिदेशक द्वारा अधिकृत प्रशिक्षण केन्द्रों पर चलाये जाएंगे। परियोजना स्थल के निकट के संस्थानों को वरीयता दी जाएगी। परियोजना प्रमुख और कार्यपालक अभियंता को यह सुनिश्चित करना होगा, कि प्रशिक्षण एनएसक्यूएफ के दिशा-निदेर्शों के अनुरूप दिया जा रहा है या नहीं।
प्रशिक्षण केंद्रों को अनुदान
मंत्रालय के अनुसार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केन्द्र तथा सभी राज्यों के संबंधित विभाग के अधिकारियों और एजेसियों को निर्देश दिये हैं कि इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण सुविधाएं स्थापित करने हेतु निजी प्रवर्तकों को भी आंमत्रित किया जा रहा है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय प्रत्येक राज्य के सड़क परिवहन निगम को प्रशिक्षण एवं कौशल प्रशिक्षण और प्रत्येक निजी प्रवर्तक को प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित के लिए एक-एक करोड़ रुपये का अनुदान दे रही है। इसमें निजी प्रवर्तकों को यह अनुदान परियोजना की उचित समीक्षा और एनएसडीसी या मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थान की मंजूरी के बाद दिया जाएगा। केंद्र सरकार की योजना है कि इस तरह के प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण लेने वाले श्रमिको और चालकों को दैनिक न्यूनतम परिश्रामिक के आधार पर छात्रवृत्ति देने का भी प्रावधान किया गया है, जिसका पूरा खर्च केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की सड़क सुरक्षा निधि के जरिए वहन किया जाएगा। जबकि प्रशिक्षण लागत का खर्च कौशल विकास मंत्रालय की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना कोष से होगा।
21Oct-2016

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