शनिवार, 8 अक्तूबर 2016

पहली बार सीबीआई प्रमुख बन सकती हैं महिला!

जांच एजेंसी के निदेशक पद की दौड़ में हैं दो महिला आईपीएस
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक पद पर अगले माह सेवानिवृत्त हो रहे अनिल सिन्हा की जगह पर नई नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार की काबिल अफसरों की फेहरिस्त तैयार की जा रही है। ऐसी भी अटकले हैं कि देश में सीबीआई के निदेशक पद पर पहली बार किसी महिला आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति की जा सकती है।
केंद्र सरकार ने सेना ही नहीं, बल्कि अर्धसैनिक बलों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की रणनीति को अमलीजामा पहनाना शुरू किया है। ऐसी ही नीतियों के तहत अटकले शुरू हो गई हैं कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक पद का जिम्मा भी किसी काबिल महिला आईपीएस अधिकारी को सौंपा जा सकता है। दरअसल सीबीआई के निदेशक अनिल सिन्हा अगले महीने 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उनकी जगह नई नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय काबिल अफसरों की सूची तैयार कर रहा है। हालांकि यह तो समय ही बताएगा कि अनिल सिन्हा के स्थान पर सीबीआई निदेशक पर किसकी नियुक्ति होगी। सूत्रों के अनुसार सीबीआई निदेशक पद की दौड़ में दो ऐसी काबिल आईपीएस महिला अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिनमें से किसी एक को इस पद का जिम्मा सौंपा जा सकता है। भारत की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए सशस्त्र सीमा बल का नेतृत्व कर रही अर्चना रामसुंदरम तथा ब्यूरो आॅफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की महानिदेशक मीरा बोरवानकर के नाम की चर्चा है। यह पहली बार है जब इस एजेंसी के प्रमुख के रूप में महिला अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं। यदि एजेंसी की बागडोर ऐसी काबिल महिला अफसरों को दी जाती है तो आजाद भारत में कोई महिला इस पद पर काबिज होने का रिकार्ड बनाएगी।
कॉलेजियम करेगा सिफारिश
सूत्रों के अनुसार नए सीबीआई निदेशक के पद के लिए नियुक्ति को लेकर चल रही अटकलों में चयन करने का मामला आसान नहीं है। सीबीआई में ही विशेष निदेशक के पद पर रूपक कुमार दत्ता का नाम भी अनिल सिन्हा के उत्तराधिकारी के रूप में सामने है, जो एजेंसी में सिन्हा के बाद सबसे वरिष्ठतम अधिकारी हैं। वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक वर्मा का नाम भी इस पद की दौड़ में शामिल है। दत्ता को एजेंसी में कार्यशैली और प्रणाली व प्रक्रिया का ज्यादा अनुभव है। दत्ता इससे पहले अतिरिक्त निदेशक के रूप में सेवा कर चुके हैं। यही नहीं वह पटना, हैदराबाद और चेन्नई क्षेत्रों में एंटी करप्शन जोन, आर्थिक अपराध जोन, बैंक सिक्योरिटीज एंड फ्रॉड्स जैसे संगीन मामलों की जांच में अपनी काबलियत दिखा चुके हैं। इनके अलावा काबिल अधिकारियों में दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक वर्मा के नाम की चर्चा है, जिन्हें गैर-विवादस्पद माना जाता है। सूत्रों के अनुसार इस पद के लिए आने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल में शामिल नामों पर कॉलेजियम विचार करके केंद्र सरकार को अपनी सिफारिश भेजेगा।
लंबित मामलों का बोझ
सीबीआई में जांच के लिए लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिनके निपटान के लिए सीबीआई पहले से ही काबिल अफसरों की रिक्त पदों पर नियुक्तियों की मांग करता आ रहा है। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी में निपटान के लिए नौ हजार से भी ज्यादा मामले लंबित पड़े हुए हैं, जिनका कारण पिछले दिनों खुद निदेशक अनिल सिन्हा ने संसदीय समिति के समक्ष समस्या को उजागर किया था। सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट को कह चुकी है कि जांच एजेंसी में 4544 पदों पर 3700 अधिकारी ही कार्यरत है यानि 744 रिक्तियों को भरने के लिए काबिल अफसरों की नियुक्तियां करने की दरकार है।
08Oct-2016

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