बुधवार, 12 अक्तूबर 2016

चुनावों में पेश नहीं होगा आम बजट

सरकार चुनावी प्रक्रिया के दौरान बजट पेश करने के पक्ष में नहीं
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली
केंद्र सरकार एक अप्रैल से आम बजट की प्रक्रियाओं को लागू करने के प्रति गंभीर है। इसके लिए जनवरी के अंतिम सप्ताह में बजट सत्र बुलाकर आम बजट पेश करने की योजना है। इसका कारण यह भी है कि आगामी फरवरी में यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा होने की संभावना है और सरकार चुनावी प्रक्रिया के दौरान बजट पेश करने के पक्ष में नहीं है।
ऐसे संकेत यहां केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देते हुए कहा कि एक अप्रैल से बजट की विधायी प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट पहले ही सैद्धांतिक मंजूरी दे चुका है। वहीं फरवरी और मार्च में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने के प्रबल आसार हैं। इसलिए सरकार संसद का बजट सत्र जनवरी के अंतिम सप्ताह में बुलाकर आम बजट पेश करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के बजट तय समय से पहले पेश करने का निर्णय के साथ सरकार इसके लिए भी गंभीर है कि राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान बजट पेश न किया जाए। ऐसी सैद्धांतिक मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल पहले दे चुका है कि फरवरी माह के अंतिम दिन बजट पेश किये जाने की उपनिवेश काल से चली आ रही परपंरा को समाप्त कर इसे एक महीने पहले पेश किया जाए। सरकार को इस परंपरा को बदलने का मकसद यह सुनिश्चित करना भी है कि सालाना खर्च योजना और कर प्रस्ताव के लिए विधायी मंजूरी प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू नए वित्त वर्ष से पहले पूरी कर ली जाए। जेटली के मुताबिक बजट पहले पेश किए जाने से पूरी बजट प्रक्रिया और वित्त विधेयक समय रहते पारित हो सकेंगे, ताकि उसे एक अप्रैल से लागू करने में मदद मिल सके।
दरअसल मंत्रालय चाहता है कि 25 जनवरी से पहले बजट सत्र बुलाया जाए और 10 या 15 फरवरी से 3 सप्ताह का अवकाश हो और प्रक्रिया पूरी करने के लिए इसे दोबारा 10 या 15 मार्च को बुलाया जाए, लेकिन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बजट के चुनावों के बीच में पड़ने की संभावना को देखते हुए जनवरी के अंतिम सप्ताह में आम बजट पेश करने की योजना के तहत काम किया जा रहा है। इस बार रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जाएगा जिसके लिए कैबिनेट में पहले ही इस परंपरा को खत्म करके उसे आम बजट में ही विलय करने का फैसला किया जा चुका है।
आमसहमति बनाने का प्रयास
जेटली ने कहा कि 2017 में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ आम सहमति बनाने का भी प्रयास कर रही है, ताकि चुनाव के दौरान बजट जैसी प्रक्रियाओं की घोषणा नहीं करनी पड़े। हालांकि राजनीतिक दलों के साथ तालमेल के बाद ही यह तय होगा कि बजट चुनाव से पहले या बाद में पेश किया जाए, जबकि सरकार चुनावों से पहले ही आम बजट पेश करने की योजना है, जिसकी वित्त मंत्रालय में तैयारियां भी की जा रही हैं। मसलन सरकार के वित्त मंत्रालय का यह प्रस्ताव यह भी था कि आम बजट एक फरवरी को पेश हो और पूरी प्रक्रिया 24 मार्च तक पूरी हो जाए।
12Oct-1216

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें