रविवार, 23 अक्तूबर 2016

दुनिया के कई देश हमारी चुनाव प्रणाली पर लट़टू

देशों ने मतदाता जागरूता पर पारित किया प्रस्ताव
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हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में निष्पक्ष और स्वस्थ चुनाव कराने की दिशा में चुनाव सुधार के लिए अपनाई जा रही नई-नई चुनाव प्रणाली और प्रक्रियाओं को दुनिया के अन्य देशों को भी भाने लगी है। भारतीय चुनाव प्रक्रिया को लेकर करीब 28 देशों ने ऐसी प्रणालियों को साझा ही नहीं किया, बल्कि भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मतदाता जागरूकता को लेकर लाये गये एक संकल्प प्रस्ताव का सर्मथन करते हुए उसे पारित भी किया है।
संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हाल ही में चुनाव के प्रति मतदाता जागरूकता को लेकर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे करीब 28 देशों के चुनाव आयोगों और चुनाव निकाय संस्थाओं के उच्चाधिकारियों व प्रतिनिधियों ने भारत में अपनाई जा रही चुनाव प्रणालियों को अन्य देशों से बेहतर करार दिया। दरअसल यहां भारत निर्वाचन आयोग की मेजबानी में चले दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मतदाता जागरूकता और नैतिक मतदान, मतदाता प्रशिक्षण और नैतिक भागीदारी, समावेशी, सूचित तथा नैतिक सहभागिता हेतु मतदाता शिक्षा के अलावा 27वीं सदी में निर्वाचन की महत्ता जैसे पांच प्रमुख विषयों पर मंथन किया गया। इस सम्मेलन में अनिवार्य मतदान को खुद भारत ने ही नकार दिया, लेकिन इन विषयों को आगे बढ़ाने पर लगभग सभी देशों के साथ सहमति बनाई और सभी देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं, नीतियों और मतदाता शिक्षा की पहल को साझा करने की पहल की। सभी देशों ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिचित करने के लिए एक तंत्र विकसित करने, सीएसओ, मीडिया और प्रभावी मतदाता को लागू करने जैसी अन्य संबंधित संगठनों के साथ साझेदारी शिक्षा कार्यक्रम, मतदाता शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग कार्यक्रम के साथ मतदाता जागरूकता पर बल दिया, जिसके लिए पर्याप्त धन और मानव संसाधन के आवंटन सर्वोत्तम प्रथाओं और तौर तरीकों का आदान-प्रदान भी हुआ। सम्मेलन में प्रमुख रूप से चुनाव सुधार की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता लाने पर जोर दिया गया और ज्यादा से ज्यादा मतदान सुनिश्चित करने की दिशा में मतदाता जागरूकता पर बल दिया गया। इस सम्मेलन में प्रवासी भारतीय मतदाताओं की दिक्कतों और उनके अधिकारों आदि के विषय में कराए गये एक सर्वेक्षण को भी सभी देशों ने साझा किया। सम्मेलन के अंत में आमसहमति के आधार पर समावेशी सूचना और नैतिक चुनावी भागीदारी को मजबूत बनाने हेतु एक संकल्प प्रस्ताव पारित किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य मकसद मतदाताओं में जागरूकता, मतदान में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना, चुनाव प्रक्रिया को दुरस्त बनाने के लिए चुनाव सुधार की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना शामिल है। इस सम्मेलन में पाकिस्तानप, अफगानिस्तान, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फिजी, जाजिर्या, इंडोनेशिया, इराक, केन्या, लेसोथो, मलेशिया, मॉरीशस, माल्द्वीप, मैक्सिको, नेपाल, फिलीपिंस, र्शीलंका, थाईलैंड, युगांडा, नांबिया जैसे देशों ने हिस्सा लिया।
प्रदर्शनी का आकर्षण
सम्मेलन के दौरान मतदाता शिक्षा पर ग्लोबल नॉलेज नेटवर्क ऑन वोटर एजुकेशन, वॉइज डॉटनेट का भी शुभारंभ करने के आलवा मतदाता शिक्षा उपकरण तथा मतदान प्रक्रिया एवं सामग्रियों पर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। एक प्रदर्शनी के जरिए प्रदर्शित भी किया गया है। इस प्रदर्शनी में हालांकि सभी देशों ने अपनी चुनाव प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया है, लेकिन भारत की प्रदर्शनी और चुनाव प्रणाली सभी देशों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस प्रदर्शनी में सूचनात्मक सामग्री, मॉडल मतदान केंद्र, ईवीएम पर लाइव वोटिंग के प्रावधान, मतदाता शिक्षा उपकरण और सामग्री के अलावा फोटो, वीडियो, 3डी मॉडल, ईसीआई द्वारा विकसित इंटरैक्टिव स्वीप अभियान का भी प्रदर्शन किया गया है।
23Oct-2016

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