मंगलवार, 4 अक्तूबर 2016

जल्द शुरू होगी पॉड टैक्सी परियोजना

दिल्ली से गुरुग्राम तक का सफर होगा आसान
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली
दिल्ली व गुरुग्राम में यातायात की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार की पॉड टैक्सी चलाने की परियोजना जल्द शुरू करने की तैयारी है।
केंद्र सरकार की इस पायलट परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग-8 यानि (एम्यिंस माल के समीप) पर दिल्ली-हरियाणा राजमार्ग पर इसे चलाया जाएगा। इसे राजीव चौक, इफको और सोहना रोड होते हुए बादशाहपुर तक ले जाया जाएगा। इस पर करीब 800 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। सूत्रों के अनुसार 12.3 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 13 स्टेशन होंगे और एक ‘पॉड’ में पांच लोग यात्रा कर सकेंगे। शुरू में सरकार की 1100 पॉड चलाने की योजना है। मसलन चार हजार करोड़ रुपए की यह सार्वजनिक परिवहन परियोजना होगी। पहले चरण में दिल्ली में इसे धौला कुआं से हरियाणा के मानेसर को जोड़ा जाएगा। जिसके लिए एनएचएआई के तहत 800 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को अमल में लाने का फैसला किया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार इस योजना को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने एनएचएआई के तहत चलाई जाने वाली इस परियोजना के लिए निविदाएं मंगानी शुरू कर दी है, जिसमें अभी तक चार वैश्विक कंपनियों को चुना गया है। पर्सनल रैपिड ट्रांजिट या मेट्रिनों नाम से पहचानी जाने वाली पॉड टैक्सी परियोजना अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर पूरी की जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई के तहत इस पायलट परियोजना के लिए 800 करोड़ रुपये की लागत तय करते हुए मंजूरी दी है।
इससे पहले गडकरी ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू से विस्तार से चर्चा करने के बाद इस परियोजना को पटरी पर उतारा है। इस परियोजना का जिम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को कार्यान्वित करने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई को ही सौंपा गया है। मसलन इसे एनएचएआई कानून के तहत क्रियान्वित किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार सरकार इस परियोजना के पूरा होने पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बिना चालक के रस्सी के सहारे चलने वाले ‘पॉड’ टैक्सी के जरिए गुरुग्राम तक यात्रा कर सकेंगे। मंत्रालय के अनुसार इसके लिए जिन चार विदेशी कंपनियों को निविदाओं में पात्र पाया गया है उनमें लंदन, संयुक्त अरब अमीरात, अमरीका और पौलैंड की एक-एक कंपनी शामिल है। अब इन कंपनियों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय मंजूरी के बाद वित्तीय बोली लगाने के लिए जल्द ही आमंत्रित करेगा।
04Oct-2016

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें