बुधवार, 26 अक्तूबर 2016

सड़क खराब हुई, तो इंजीनियरों की खैर नहीं!

सड़क हादसों के आधार पर तय होगी सड़कों की गुणवत्ता
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में सरकार के अनेक ठोस कदमों के बावजूद सड़कों पर होने वाले हादसों और उनमें होने वाली मौतों में कमी को लेकर दुनियाभर में कलंक जैसी फजीहत झेल रही सरकार ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता के लिए सड़क निर्माण क्षेत्र में कार्यरत इंजीनियर जिम्मेदार होंगे। ऐसे इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने के साथ ही सुरक्षित सड़कों के लिए बेहतर काम करने वालों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में सबसे ज्यादा सड़क हादसों को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है, जिसके लिए अगले दो साल में इन हादसों को 50 फीसदी कम करने के लक्ष्य पर कई योजनाओं के जरिए अनेक ठोस कदम उठाए गये हैं। देश के विभिन्न राज्यों में सडक सुरक्षा को लेकर सड़क निर्माण में जुटे वर्ग व कंपनियों की कार्यशालाएं आयोजित करने के बाद मंगलवार को यहां नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर सड़क सुरक्षा के इंजीनियरिंग उपायो पर एक कार्यशाला में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क निर्माण क्षेत्र के इंजीनियरों को नसीहत देते हुए दो टूक शब्दो में कह दिया है कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता खराब निकलने के लिए इंजीनियरों और उनसे संबन्धित अधिकारियों को सीधे जिम्मेदार ही नहीं ठहराया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। सड़क सुरक्षा में निर्माण की गुणवत्ता को अगले साल मार्च में होने वाली समीक्षा में सड़क हादसों की स्थिति के आधार पर तय किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है कि देश में सड़क हादसों में लोेगों आकस्मिक मौतों पर अंकुश लगाना है। इसके लिए सुरक्षित सड़क निर्माण प्राथमिकता है। गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी परियोजना निदेशकों और राजमार्ग परियोजनाओं के क्षेत्रीय अधिकारियों को अधिकार दिये हैं कि वे स्थानीय स्तर की समस्या को समझकर सड़क निर्माण के डिजाइन तैयार करने के लिए एक संवेदनशील, समझदार, समयबद्ध अपनाने और उन्मुख दृष्टिकोण के तहत ब्लैक स्पॉट या अन्य मार्गो को दुरस्त करने में आगे आएं। उन्होंने कहा कि सरल एवं सुनियोजित डिजाइन जैसे कि रोड डिवाइडर की समुचित ऊंचाई सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में अत्यंत कारगर साबित हो सकती है। गडकरी ने सभी परियोजना निदेशकों और राजमार्ग परियोजनाओं के क्षेत्रीय अधिकारियों से सड़क दुर्घटनाओं की समस्या से निपटने के लिए एक संवेदनशील, समयबद्ध एवं परिणाम उन्मुख अवधारणा अपनाने के साथ-साथ दुर्घटना वाले ब्लैक स्पॉट्स को एक मिशन के रूप में दुरुस्त करने की अपील की है।
जल्द आएगा सड़क सुरक्षा बिल
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सड़कों पर होने वाले हादसों को लेकर यातायात नियमों को सख्त बनाने और सामने आ रहे अन्य कारणों पर शिकंजा कसने के लिए संसद में लंबित नया सड़क सुरक्षा विधेयक जल्द ही पारित कराने का प्रयास किया जा रहा है,जिसके अगले महीने संसद के शीतकालीन सत्र में पारित होने की उम्मीद है। इस कानून में एक बहु-आयामी रणनीति के तहत उपाय किये गये हैं। सरकार ने इस काननू में इंजीनियरों और सड़क निर्माण कंपनियों से सड़कों की सुरक्षा, उसके उपयोग कर्ताओं के हितों और आॅटो मोबाइल इंजीनियरिंग, वाहन चालकों की क्षमता जैसे ऐसे सभी बिंदुओं को नए सड़क सुरक्षा कानून में संशोािधत प्रावाधानों के तहत शामिल किया है, जिनके जरिए देश में सड़क हादसों और उनके कारण असामयिक मौत का शिकार हो रहे लोगों क जान बचाई जा सके। उन्होंने साफ कहा कि इसके लिए सड़कों के सुरक्षित डिजाइन के तहत निर्माण सबसे जरूरी है, जिसके लिए सड़क निर्माण के लिए डिजाइन तैयार करने ओर निर्माण की गुणवत्ता उच्च कोटि की रखने की जिम्मेदार इंजीनियरों और संबन्धित लोगों की है।
मिशन मोड़ पर दुरस्त होंगे ब्लैक स्पॉट
देशभर में दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करके सड़कों को सुरक्षित डिजाइन के तहत दुरस्त करने के लिए मिशन मोड शुरू किया गया है। सरकार ने राज्य सरकारों की पुलिस के जरिए संभावित दुर्घटनाग्रस्त इलाकों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करने का काम पूरा कर लिया है, जिसमें करीब 380 ऐसे स्थान हैं जहां इन ब्लैक स्पॉट को मिशन मोड पर सुरक्षित डिजाइन के रूप दुरस्त करने का काम जारी है।
26Oct-2016

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