शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

अब भूजल में घुले जहर से निपटेगी सरकार!

भू-जल विज्ञानिकों ने तैयार किया मास्टर प्लान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में भूजल के गिरते स्तर तथा आधे से ज्यादा राज्यों में भूजल में घुले जहर से संदूषित पानी पीने को मजबूर लोगों में फैलती बीमारी को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। केंद्र सरकार ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए मेगा योजना तैयार की है, जिसमें भूजल तथा वर्षा जल संचय को कृत्रिम रूप से रि-चार्ज कराने जैसे कार्यो की 79,178 करोड़ रुपए की लागत वाली योजना का मास्टर प्लान तैयार किया है।
दरअसल बुधवार को यहां केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती की अध्यक्षता में मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में भूजल स्तर में सुधार और उसमें घुले जहरीले तत्वों से निपटने को लेकर चर्चा हुई। सुश्री उमा भारती ने भूजल के स्तर को सुधारने और भूजल में संदूषित तत्वों से निपटने के लिए भूजल को रि-साईकिलिंग करने की योजना को आगे बढ़ाने पर बल दिया। सुश्री भारती ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग ने भू-जल विज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ मिलकर भारत में भू-जल को कृत्रिम रूप से रिचार्ज करने के लिए ‘मास्टर प्लान’ का प्रारूप तैयार किया है। इस मास्टर प्लान में देश में 79,178 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से वर्षा जल संचय तथा कृत्रिम रिचार्ज की अवसंरचना सुविधा तैयार करने का प्रावधान किया गया है, ताकि 85 बिलियन क्यूबिक मीटर जल का उपयोग हो सके। सुदृढ किए गए भू-जल संसाधनों से पेयजल, घरेलू, औद्योगिक तथा सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ेगी।
मानवजनित संदूषण जल
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार सामान्यत: भू-जल को स्वच्छ माना जाता है, लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में के भूजल में भुजनित (प्राकृतिक) तथा मानवजनित (मनुष्यों द्वारा)संदूषित होने की पुष्टि हो चुकी है। मसलन एक आकलन के अनुसार दस राज्यों के 89 जिलों के कुछ हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक पाया गया है। वहीं 20 राज्यों के 317 जिलों में μलोराड, 21 राज्यों के 387 जिलों में नाइट्रेट तथा 26 राज्यों के 302 जिलों में आयरन पाया गया है। भूजल में घुले इन जहरीले तत्वों वाले पानी पीने के कारण मनुष्यों में कई तरह की घातक बीमारी भी सामने आ चुकी है।
आर्सेनिक व μलोराइड बड़ी चुनौती
देश के दस राज्यों के 89 जिलों के 282 ब्लाकों के भूजल में आर्सेनिक एवं μलोराइड की उच्च मात्रा पाया जाना मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। इनमें छत्तीसगढ़ के 27 ब्लॉक, हरियाणा के 21 ब्लॉक, पंजाब के 22 ब्लॉक, असम के 27 ब्लॉक,बिहार के 28 ब्लॉक,झारखंड के 24 ब्लॉक, कर्नाटक के 30 ब्लॉक, मणिपुर के नौ ब्लॉक, उत्तर प्रदेश के 76 ब्लॉक तथा पश्चिम बांगल के 19 ब्लॉकों में आर्सेनिक की उच्च मात्रा के कारण भूजल बेहद संदूषित है।
कानून बनाने पर जोर
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि भू-जल संसाधनों में आ रही गिरावट को रोकने में महत्वपूर्ण प्रबंध के लिए भू-जल तथा वर्षा जल संचय को कृत्रिम रूप से रि-चार्ज कराना जरूरी है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षा जल संचय उपायों को प्रोत्साहन के लिए उठाए गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को मॉडल बिल भेजा है, ताकि राज्य भू-जल के नियमन और विकास के बारे में उचित कानून बना सके। इनमें वर्षा जल संचय का प्रावधान शामिल है।
पन्द्रह राज्यों में कानून लागू
अब तक 15 राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों ने मॉडल बिल का अनुसरण करते हुए भू-जल कानून बनाया और लागू किया है। इस मौके पर उन्होंने भू-जल संसाधनों की सतत् उपयोगिता हासिल करने के लिए विकास गतिविधियों को प्रबंधकीय प्रक्रियाओं द्वारा संतुलित बनाये जाने की आवश्यकता बताते हुए आव्हान किया कि भूजल को लेकर संयम बरता जाए।
08Sep-2016

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