बुधवार, 7 सितंबर 2016

वाहनों के दस्तावेज साथ रखने का झंझट होगा खत्म!

देश में लॉन्च हुई 'डिजिलॉकर' सेवा लॉन्च
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘डिजीटल इंडिया’ मिशन अब वाहन चालकों को भी ड्राईविंग लाइसेंस, आरसी, बीमा या अन्य गाड़ी के दस्तावेज साथ रखने का झंझट खत्म करने जा रहा है। मसलन कल बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी देशभर के लिए तकनीकी 'डिजिटल लॉकर' सेवा की शुरूआत कर रहे हैं, जिसके बाद देशभर में सड़को पर दौड़ते वाहनों के चालकों को गाड़ी के कागज साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जिसके तहत वाहन चलाने वालों को ड्राईविंग लाइसेंस और आरसी जैसे जरूरी कागजात अपने साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं पडेगी। अभी तक सड़कों पर दौड़ते वाहनों को कहीं भी चैकिंग के दौरान गाड़ी से जुड़े दस्तावेज पेश करने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और ऐसे समय यातायात या अन्य सिविल पुलिस कागजातों की मूल प्रतियां दिखाकर लोगों की मुसीबतें बढ़ाती आ रही हैं। इनके मद्देनजर ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मोटर वाहन कानून में संशोधन करने का निर्णय लेते हुए परिवहन विभागों के प्रस्तावों और बडे पैमाने पर पुलिस चैकिंग के के दौरान वाहनों के मूल दस्तावेजों के नाम पर लोगोें को भारी परेशानियों और कानूनी दांवपेंच में उलझाने की शिकायतें मिलने के बाद लिया है। इसीलिए नए सड़क सुरक्षा मोटर वाहन विधेयक में भी वाहन चालकों को इस झंझट से छुटकारा दिलाने का प्रावधान किया गया है। इस समस्या का समाधान तलाशने के बाद सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रणामपत्र के स्थान पर डिजीटल लॉकर जैसी प्रणाली विकसित की है, जिसके जरिए हर किसी वाहन के दस्तावेज सुरक्षित होंगे। इस प्रणाली को बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी लांच करेंगे।
क्या है डिजिटल लॉकर प्रणाली?
मंत्रालय के अनुसार पीएम मोदी के डिजीटल इंडिया मिशन के तहत आईटी मंत्रालय के सहयोग से विकसित की गई डिजीटल लॉकर के तहत किसी भी व्यक्ति को वाहन चलाते समय ड्राईविंग लाइसेंस जैसे कागज रखने की जरूरत नहीं है। नियम के मुताबिक आॅनलाइन चैकिंग के दौरान जांच दल के पास मोबाईल में एक डिजिटल लॉकर एप होगा। इसी एप के जरिए मौके पर ही वाहन मालिको या वाहन चलाने वालो के दस्तावेजों की वैधता की जांच की जा सकेगी। इस सुविधा के लिए केवल वाहन चलाने वालों के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी है, क्योंकि आधार का नंबर से ही संबन्धित व्यक्ति डिजीटल लॉकर एकाउंट खोल सकेंगे। इस प्रणाली में यह भी नियम रहेगा कि जांच में डीएल या आरसी न मिलने पर इसी एप के जरिए आॅनलाइन जुर्माना वसूल किया जाएगा।
समय की बचत
यह सरकारी विभागों और एजेंसियों से जुड़े कार्य करवाने में भारतीय नागरिकों का समय और धन की बचत करेगा। चूंकि, इलेक्ट्रॉनिक रूप में दस्तावेजों के हर समय, हर जगह उपलब्ध रहने की वजह से सरकारी सेवा पाने में बहुत आसानी होगी। अभी तक लाइसेंस और आरसी को कोई घर भूल जाता है तो कईयों के ये जरूरी कागजात किसी लापरवाही के चलते खो जाते हैं। लेकिन इन्हीं तकलीफों को देखते हुए सरकार ने लाइसेंस और आरसी के जगह-जगह पर दिखाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। यानि समय की बर्बादी और कानूनी मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। इन झंझटों से अब वाहन चालकों को राहत मिल सकेगी। देशभर में यह सेवा शुरू होने से डीएल और आरसी के स्पॉट वेरिफिकेशन में आसानी होगी।
07Sep-2016

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