शनिवार, 10 सितंबर 2016

पेंशनरों को राहत देने में जुटी सरकार!

पेंशन निधि विनियामक ने शुरू की नई पहल

ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की देश के पेंशनरों को राहत देने के लिए पेंशन निधि और विकास प्राधिकरण ने पेंशनरों के एनपीएस खातों के लिए एक नई पहल को दिशा दी है, जिसमें सरकार की अटल पेंशन योजना जैसी तमाम पेंशन योजनाओं में उपभोक्ताओं को अपने विकल्पों का चुनाव करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
मोदी सरकार ने उपभोक्ताओं की वृद्धावस्था में आय की सुरक्षा के लिए पेंशन क्षेत्र के विनियमन और विकास के लिए एक पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)की स्थापना की थी। पीएफआरडीए नेशनल पेंशन सिस्टम को सरल बनाने और परिचालन संबंधी मामलों को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर कई उपाय किये हैं। राष्टÑीय पेंशन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अब प्राधिकरण ऐसी योजना बनाने की तैयारी में हैं, जिसमें शामिल विकल्पों को चुनने की स्वतंत्रता मिल सकेगी। पीएफआरडीए ने खासतौर पर एनपीएस उपभोक्ताओं के लिए कुछ नई विषेशताएं पेश करने की योजना बनाई है। इनमें एसेट क्लास फॉर अल्टरनेट इंवेस्टमेंट फंड्स भी शामिल हेै। मसलन सरकार की इस योजनाओं के तहत प्राधिकरण की इस पहल में पेंशन फंड के विकल्प से सार्वजनिक क्षेत्र के पीएफ के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के फंड के आवंटन पर लागू प्रतिबंध खत्म हो जाएंगे और इससे उन्हें निजी क्षेत्र के एनपीएस उपभोक्ताओं से बराबरी करने का मौका मिलेगा और वे सभी पेंशन फंडों में से पेंशन फंड का चयन करने का मौका मिलेगा। इससे उन्हें न सिर्फ उपभोक्ताओं की पसंद के मुताबिक पीएफ चुनने का मंच मिलेगा, बल्कि इससे पीएफआरडीए अधिनियम का उद्देश्य भी पूरा होगा, जो धारा 20 (20) के अंतर्गत पेंशन फंडों का विकल्प मुहैया कराएगा। निवेश पैटर्न के विकल्प के साथ जहां कर्मचारियों को विभिन्न परिसंपत्ति श्रेणियों में निवेश का विकल्प मिलेगा, उपभोक्ता निर्देशित निवेश प्रणाली से पसंद के मुताबिक निवेश प्रणाली की ओर बढ़ने का मौका मिलेगा।
दायरे में असंगठित क्षेत्र
सूत्रों के अनुसार इसमें असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों व कर्मचारियों को वृद्धावस्था आय सुरक्षा व पेंशन के दायरे में लाने के लिए सरलीकरण किया गया है, जिसे आमतौर पर निजी क्षेत्र, सरकारी, अर्द्ध सरकारी संगठनों जैसे सूक्ष्म उद्योगों, एसएसआई यूनिट, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता, निर्माण बोर्ड, ग्राम पंचायत, एनजीओ, एसएचजी के कर्मचारियों और कामगारों के लिए स्वचालित पंजीकरण के तौर पर जाना जाता है। योजना के तहत उपभोक्ता द्वारा व्यक्तिगत विवेकाधिकार के अनुसार चुनिंदा एसेट क्लास या नई परिसंपत्ति श्रेणी का चुनाव किया जा सकता है। प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार इस योजना में नई परिसंपत्ति श्रेणी में कॉमर्शियल मॉर्टगेज आधारित प्रतिभूतियां या रेजिडेंशियल मॉर्टगेज आधारित प्रतिभूतियां, रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स द्वारा जारी यूनिट, एसेट बैक्ड प्रतिभूतियां, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा विनियमित इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स की यूनिट, सेबी में पंजीकृत अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड्स भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि मौजूदा लाइफ साइकिल फंड (डिफॉल्ट मोड के अंतर्गत उपलब्ध) के अलावा एनपीएस निजी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए दो अतिरिक्त लाइफ साइकिल फंड की पेशकश की प्रक्रिया जारी है। 35 वर्ष की उम्र में 75 फीसदी इक्विटी आवंटन के साथ इन फंडों को ‘एग्रेसिव लाइफ साइकिल फंड’ और 35 वर्ष की उम्र में 25 फीसदी इक्विटी आवंटन के साथ ‘कंजरवेटिव लाइफ साइकिल फंड’ के रूप में है।
सरकारी कर्मचारियों को भी राहत
प्राधिकरण के अनुसार इस योजना में शामिल प्रस्ताव में एलसी-50 ‘मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड’ और एलसी-25 ‘कंजरवेटिव लाइफ साइकिल फंड’ अन्य विकल्पों के साथ सरकारी कर्मचारियों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस मुद्दे पर विभिन्न मंत्रालयों से सुझाव लेने की प्रक्रिया चल रही है। प्रधाधिकरण ने सरकारी कर्मचारियों को चार योजनाओं के जरिए आसान विकल्प मुहैया कराने का प्रस्ताव रखा है। इन योजनाओं में अधिकतम 50 फीसदी इक्विटी आवंटन के साथ मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड एलसी-50,अधिकतम 25 फीसदी इक्विटी आवंटन के साथ कंजरवेटिव लाइफ साइकिल फंड शामिल है। वहीं स्कीम-जी, जहां 100 फीसदी फंड का निवेश सरकारी प्रतिभूतियों में किया जाएगा। इसके अलावा मौजूदा और नए उपभोक्ताओं के लिए डिफॉल्ट स्कीम होने के नाते सीजी या एसजी स्कीम के मौजूदा विकल्प का प्रस्ताव है। सरकारी उपभोक्ताओं को सभी पेंशन फंडों के विकल्प चुनने की अनुमति होगी, जिसमें निजी क्षेत्र के पेंशन फंड शामिल होंगे। हालांकि नई चयन प्रक्रिया में हुए चुनाव के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र के पेंशन फंडों का एक समूह मौजूदा और नए उपभोक्ताओं के लिए डिफॉल्ट विकल्प के तौर पर उपलब्ध होगा।
10Sep-2016

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