शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

तकनीक से होगा पहाड़ी सड़कों का रख-रखाव

अरुणाचल में राजमार्गो के क्षतिग्रस्त पर चिंता
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सड़क परियोजनाओं के तहत अरुणाचल प्रदेश में सैकड़ो किमी लंबी सड़कें और राजमार्ग का निर्माण पूरा होने के बावजूद भारी बारिश में भूस्खलनों के कारण 30-35 जगहों से क्षतिग्रस्त होने का मामला सामने आया है। ऐसे में केंद्र सरकार पहाड़ी इलाकों में राष्टÑीय राजमार्ग या अन्य सड़क निर्माण में बेहतर तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना तैयार कर रही है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार ऐसी योजनाओं अरुणाचल प्रदेश में जायजा लेन् गये मंत्रालय में राज्यमंत्री
मनसुख लाल मांडविया ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का निरीक्षण किया, तो राष्ट्रीय राजमार्ग 713 ए के पाप्पू-युपिआ-होज-पोतिन खंड और एनएच 13 के पोतिन-जिरो खंड के क्षतिग्रस्त होने के मामले पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की। बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 713 ए का 50 किलोमीटर लंबा पाप्पू-युपिआ-होज-पोतिन खंड अप्रैल के बाद से भारी बारिश और उसके परिणामस्वरूप होने वाले भूस्खलनों के कारण 30-35 जगहों से क्षतिग्रस्त हो गया है। राज्य के लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क को दो लेन का बनाने का कार्य इस साल मार्च में पूरा कर लिया गया और अब इसे रख-रखाव के उद्देश्य से मंत्रालय द्वारा अपने हाथ में लेने की आवश्यकता है। मांडविया ने कई क्षतिग्रस्त जगहों का निरीक्षण किया और राजमार्ग की हालत पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इन स्थलों पर तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि मंत्रालय ऐसे इलाकों में शुरू होने वाली सड़क परियोजनाओं में बेहतर तकनीक के इस्तेमाल की योजना तैयार कर रहा है।
राज्य में बनी 653 किमी सड़के
केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री मनसुख लाल मांडविया ने देश के पूर्वोत्तर राज्यों में उच्चस्तरीय सड़क अवसंरचना का निर्माण करने की केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए कुल अनुमोदित 2570 किलोमीटर सड़कों में से 653 किलोमीटर बनकर तैयार हो चुकी हैं और 1917 किलोमीटर निमार्णाधीन है। मंत्रालय के अनुसार सड़क के कुल लंबाई में से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 710 किलोमीटर हिस्से का निर्माण करेगा, राज्य पीडब्ल्यूडी 420 किलोमीटर, एनएचआईडीसीएल 722 किलोमीटर और सीमा सड़क संगठन 718 किलोमीटर हिस्से का निर्माण करेगा। राज्य में चालू परियोजनाएं के तहत 1985 करोड़ रुपये की लागत में 250 किलोमीटर नेचिपू-होज, 860 करोड़ रुपये की 20 किलोमीटर दिबांग-अलुबारी नदी पुल प्रणाली, 500 करोड़ रुपये की 75 किलोमीटर पासीघाट-पानगिन और 250 करोड़ रुपये लागत से 12 किलोमीटर ईटानगर-नाहरलगुन 4 लेन बनाने की परियोजना प्रस्तावित है।
16Sep-2016

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