बुधवार, 28 सितंबर 2016

कॉमर्शियल वाहनों पर कसेगा शिकंजा!

सड़क हादसों पर अंकुश लगाने अनिवार्य बनाई जांच
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में बढ़ते सड़क हादसों पर कराए जा चुके अध्ययनों की रिपोर्ट में इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कॉमर्शियल वाहनों की बेलगाम रμतार उजागर हो चुकी है। सड़क हादसों के लिए दुनियाभर में कलंक बने भारत में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने में लगातार योजनाओं को अंजाम दे रही केंद्र सरकार ने कॉमर्शियल वाहनों को बिना फिटनेस सर्टीफिकेट लिए सड़क पर उतरने पर रोक लगाने की योजना शुरू कर दी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्यों के परिवहन मंत्रियों के समूह की सिफारिशों के बाद देशभर में कॉमर्शियल वाहनों की फिटनेस जांच के लिए आॅटोमेटिक मशीन के जरिए जांच करने हेतु फिटनेस केंद्र खोलने का खाका तैयार किया है, जहां जांच के बाद ऐसे वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा। सरकार ने माना है कि ऐसे अनफिट वाहनों की आॅटोमेटिक फिटनेस सेंटर में होने वाली जांच कॉमर्शियल वाहनों की रμतार पर अंकुश लगाएगी और देश में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। सरकार ने नए मोटर वाहन अधिनियम में भी संशोधन करके कॉमर्शियल वाहनों की एक साल में जांच होना अनिवार्य कर दिया है। इन केंद्रोें पर आॅटोमेटिक मशीन के जरिए होने वाली जांच में वाहनों के ब्रेक, डीपर, लाइट, गियर सहित छोटी-छोटी चीजों को गहनता से परखा जाएगा और वाहनों के फिट होने के बाद ही उन्हें सर्टिफिकेट जारी होगा। मसलन सरकार ने यह पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया है कि बिना फिटनेस प्रमाण-पत्र के ऐसे वाहन सड़क पर नहीं चल सकेंगे और नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन को जब्त करने के साथ भारी जुर्माना और सजा का भी प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि देशभर की सड़क सुरक्षा एवं परिवहन प्रणाली को बेहतर, सुगम, सुरक्षित और आधुनिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव देने वाली 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों के समूह ने अपनी सिफारिशें केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को सौंप दी है।
सरकार को मिले ये सुझाव
केंद्र सरकार द्वारा अनफिट वाहनों को सड़क पर आने से पहले उनकी जांच करने के लिए देशभर में आॅटोमेटिक फिटनेस जांच केंद्र स्थापित करने का निर्णय राज्यों के मंत्री समूह के सुझाव पर लिया है। मंत्रियों की केंद्र सरकार को सौंपी गई सिफारिशों में कहा गया है कि नए मोटर वाहन एक्ट के अस्तित्व में आने से देशभर में वाहनों की जांच के लिए एक जैसी प्रणाली लागू की जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा प्रबंधन बोर्ड की स्थापना करके देश भार में इसके क्षेत्रीय सेंटर स्थापित करना करेगा। समूह की सिफारिशों में लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया को आनॅलाइन किया जाएगा। ओवर स्पीडिंग, ओवर लोडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर लाइसेंस निलंबित करने, जुमार्ना राशि अधिक करने, ड्राइविंग ट्रैक स्थापित करने और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने अथवा दुर्घटना की स्थिति में परिजनों की भी जिम्मेदारी निर्धारित करने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव शामिल किए गए हैं।
राज्यों के मंत्री समूह ने लिया निर्णय
मंत्रालय के अनुसार पिछले सप्ताह ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा और नए मोटर वाहन अधिनियम को लेकर राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान की अध्यक्षता में बनी राज्यों के परिवहन मंत्रियों के समूह की बैठक में कॉमर्शियल वाहनों की फिटनेस जांच के देशभर में आॅटोमेटिक फिटनेस जांच केंद्र खोलने के निर्णय को अंतिम रूप दिया है। इस बैठक में राज्यों की संशोधित मोटर वाहन अधिनियम को लेकर नया मोटर कानून आने के बाद यह प्रक्रिया पूरे देश में कानून के तहत लागू हो जाएगी। संसद में पेश किये गये मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) बिल-2016 की जांच कर रही संससदीय स्थायी समिति से भी आग्रह किया गया है कि वह जल्द सरकार को रिपोर्ट सौंपे ताकि संसद के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पारित करा लिया जाएगा।
28Sep-2016

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