मंगलवार, 27 सितंबर 2016

ऐसे सुधरेगा पूर्वोत्तर राज्यों का बुनियादी ढांचा!

एनएचआईडीसीएल ने पटरी पर उतारी 136 सड़क परियोजनाएं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में सड़कों का जाल बिछाकर ताबड़तोड़ चल रही सड़क परियोजनाओं के सहारे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में पूर्वात्तर और पहाड़ी राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण के लिए पटरी पर उतारी गई परियोजनाओं को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा एनएचआईडीसीएल को दिया गया है।
मोदी सरकार द्वारा केंद्र की सत्ता संभालने के बाद देश के विकास के एजेंडे में बुनियादी ढांचों को सुधारने की योजना में पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों व इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्गो और अन्य सड़क मार्गो के निर्माण की चुनौती को स्वीकार किया। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अधीन गठित राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) जुलाई 2014 में अपने अस्तित्व में आया। इस संगठन को पिछले साल जनवरी में पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों की सड़क परियोजनाएं सौंपी गई। इस संबन्ध में एनएचआईडीसीएल के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक आनंद कुमार ने हरिभूमि को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गो और सड़क निर्माण की दक्षता, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के सिद्धांत पर पूर्वोत्तर के सात राज्यों, सिक्किम,पश्चिम बंगाल, अंडमान एवं निकोबार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा सृजित करने की जिम्मेदारी पूरी करने का प्रयास जारी है। आनंद कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी ने अपने करीब 22 माह के कार्यकाल में दस हजार करोड़ रुपये की लागत वाली करीब तीन दर्जन सड़क परियोजनाओं के तहत एक हजार किलोमीटर से भी ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर पूरा किया जा चुका है। इन राज्यों में गत 15 सितंबर तक इन के अलावा 1.06 लाख करोड़ रुपये लागत वाली 136 सड़क परियोजनाओं के तहत 8321 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है।
अरुणाचल में सर्वाधिक परियोजना
एनएचआईडीसीएल के प्रबन्ध निदेश आनंद कुमार ने शुरू की गई इन परियोजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में सबसे ज्यादा 29 सड़क परियोजनाएं शुरू की गई है, जिसके तहत 1055.35 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होना है। इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर में 16270.42 करोड़ रुपये की लागत वाली आठ परियोजनाएं शुरू की जा रही है, जिसमें 581 किमी लंबा नया राष्ट्रीय राजमार्ग विकसित किया जाएगा। इसके अलावा हिमाचलन प्रदेश में 3200 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं के तहत 320 किमी लंबे नेशनल हाइवे का निर्माण शुरू कर दिया गया है। उत्त्तराखंड में भी 9221.49 करोड़ रुपये लागत से एक दर्जन परियोजनाओं के तहत 895.95 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का काम शुरू हो चुका है। सरकार ने पश्चिम बंगाल में 6290 करोड़ की तीन, असम में 15730.608 करोड़ रुपये की 19, मणिपुर में 12224 करोड़ रुपये की 18, मेघालय में 3841 करोड़ रुपये की 11, मिजोरम में 6104.01 करोड़ रुपये की चार, नागालैंड में 6971.35 करोड़ रुपये की 8, सिक्किम में 3366 करोड़ रुपये की 10,त्रिपुरा में 5534.34 करोड़ रुपये की लागत से छह तथा अंडमान निकोबार में 4080.14 करोड़ रुपये की लागत वाली चार सड़क परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है।
टिकाऊपन व सुरक्षा प्राथमिकता
मंत्रालय की कंपनी एनएचआईडीसीएल के एमडी आनंद कुमार का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में सड़को के निर्माण की गुणवत्ता को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर अनिवार्य किया गया है, ताकि सुरक्षित सफर की प्राथमिकता में उनका टिकाऊपन सुनिश्चित किया जासके। पहाड़ी क्षेत्रों में परियोजनाओं के तहत सुरंगे, प्रमुख पुलों और पैदलपथ पार, छोटे पुल व पुलिया बनाने का काम मैदानी इलाकों के मुकाबले मुश्किल काम है। इसलिए पहाड़ी ढलानों के रख रखरखाव की दिशा में उचित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ पूर्वोत्तरराज्यों में उच्चस्तरीय सड़क अवसंरचना का निर्माण करने की केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया। ऐसे इलाकों में हाइवे निर्माण में दक्षता एवं पारदर्शिता के लिए ई-आॅफिस, ई-एक्सेस, ई-पेस, व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक टूल्स का भी उपयोग किया जा रहा है।
27Sep-2016

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