गुरुवार, 22 सितंबर 2016

नमामि गंगे: टर्निंग प्वाइंट होगी राष्ट्रीय परिषद

कृष्णा नदी पर आंध्र व तेलंगाना के बीच जल्द होगा समाधान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा गंगा नदी के लिए राष्ट्रीय परिषद के गठन को मंजूरी देने से नमामि गंगे मिशन को बल मिलेगा, जिसमें यह परिषद गंगा स्वच्छता अभियान का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने की उम्मीद है।
दरअसल बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गंगा नदी के लिए राष्ट्रीय परिषद के गठन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट से मिली मंजूरी मिलने पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि गंगा नदी के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन करना मोदी सरकार के गंगा संरक्षण कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। सुश्री भारती ने कहा कि इस निर्णय से गंगा नदी के पर्यावरणीय संरक्षण के लिए एनएमसीजी को और ज्यादा अधिकार मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता एवं किफायत सुनिश्चित करने के लिए समवर्ती आॅडिट एवं सुरक्षा आॅडिट के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंन कहा कि इस कदम से गंगा नदी के प्रदूषण में प्रभावशाली ढंग से कमी सुनिश्चित होगी और इससे नदी में पारिस्थितिक प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिलेगी। सुश्री भारती ने यह जानकारी दी कि 11 शहरों के 22 प्रमुख नालों के लिए निविदाएं अगले सप्ताह तक जारी की जाएंगी। हाइब्रिड वार्षिकी मोड पर गंगा में होने वाले सीवर प्रवाह में 90 फीसदी हिस्सा इन्हीं 22 प्रमुख नालों का रहता है।
टेलीमेटरी प्रणाली स्थापित होगी
नई दिल्ली में बुधवार को आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के बीच कृष्णा नदी के जल बंटवारे को लेकर टेलीमेटरी प्रणाली स्थापित करने तथा नदी बेसिन का अध्ययन कराने का निर्णय लिया गया। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती की अध्यक्षता में आयोजित सर्वोच्च परिषद की बैठक में दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सहमति से नदी बेसिन के अध्ययन के लिए दोनों राज्यों की संयुक्त टीम गठित करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए टेलीमेटरी प्रणाली स्थापित की जाएगी। बैठक में जहां संयुक्त टीम द्वारा कृष्णा नदी बेसिन का अध्ययन किया जाएगा, वहीं इस नदी के जल प्रवास के नवीनतम आंकडे हासिल करने तथा इस नदी में जल को मापने के लिए टेलीमेटरी प्रणालियां स्थापित करने का निर्णय लिया गया। जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार इन संयुक्त टीमों में दोनों ही राज्यों और केन्द्र के विशेषज्ञ होंगे। ये टीमें जल बंटवारे पर अपनी रिपोर्ट देंगी, जिन्हें त्वरित निर्णय के लिए कृष्णा ट्रिब्यूनल को भेज दिया जाएगा। इस मामले में सुश्री भारती का कहना है कि इस बैठक में कृष्णा नदी के जल बंटवारे को लेकर बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल चर्चा की गई, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन चन्द्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव ने भी भाग लिया।
22Sep-2016

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