रविवार, 4 सितंबर 2016

स्मार्ट औद्योगिक पोर्ट सिटी बनेगा पारादीप

160 करोड़ की सौर ऊर्जा परियोजना का भी प्रस्ताव
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की योजनाओं के जरिए देश की आर्थिक व्यवस्था में सुधार का कारण बने प्रमुख भारतीय बंदरगाहों में शामिल पारादीप बंदरगाह पर माल ढुलाई में उच्च रिकार्ड कायम करने पर सौगात दी जा रही है। सरकार ने पारादीप के बंदरगाह को विश्वस्तरीय स्मार्ट औद्योगिक पोर्ट सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय में संयुक्त सचिव (बंदरगाह) प्रवीर किशन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय की देश के प्रमुख बंदरगाहों के अत्याधुनिक विकास और उनके विस्तार की योजनाओं से समुद्री कारोबार को निरंतर प्रोत्साहन मिल रहा है। पारादीप ने माल ढुलाई में जिस प्रकार उच्च रिकार्ड कायम किया है, उसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे विश्वस्तरीय विकसित करने का निर्णय लिया है। इसका मकसद विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी के रूप में भारतीय बंदरगाहों को मजबूती देना है। पारादीप को एक स्मार्ट औद्योगिक पोर्ट सिटी के रूप में विकसित करने से समुद्री कारोबार और मजबूत होगा, जहां खनिज संसाधन के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के लिए एक केंद्र भी होगा। मंत्रालय के अनुसार बुनियादी ढांचें को मजबूत करने की दिशा में इस बंदरगाह के विश्वस्तरीय र्स्माट सिटी के रूप में विकसित होने और विस्तार की योजना के कारण बंदरगाह यातायात में वृद्धि होगी। इस योजना में पारादीप बंदरगाह पर मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक पार्क, आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों, जल प्रबंधन प्रणाली, अपशिष्ट रीसाइक्लिंग सेंटर एवं पर्यटन के लिए क्रीक विकास जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र विकसित किये जाएंगे।
हजारों एकड़ भूमि में होगा विकसित
मंत्रालय के अनुसार प्रस्तावित स्मार्ट औद्योगिक सिटी को 6727.17 एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा, जिसमें 1652 एकड़ जमीन में आवासीय क्षेत्र का विकास करने का प्रस्ताव है। जबकि 3115.17 एकड़ जमीन औद्योगिक क्षेत्र तथा 1950 एकड़ जमीन कस्टम जैसे क्षेत्र के लिए समर्पित रहेगी। वहीं पानी की आपूर्ति लाइनों और जल निकासी की व्यवस्था के साथ शुद्ध पेयजल तथा बेहतर सड़क संपर्क के साथ बस्ती व बंदरगाह के नेटवर्क को भी विकसित किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि यहां करीब 155 एकड़ में फैली मलिन बस्तियों के क्षेत्र का प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से पुनर्वास किया जाएगा।
सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन
सरकार के इस प्रस्ताव के तहत सड़कों के सौंदर्यीकरण में हरियाली के लिए पहले से ही 6 करोड़ की लागत से काम चल रहा हैं। पारादीप स्मार्ट शहर में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए 90 एकड़ जमीन पर 160 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 20 मेगावाट के प्रसार हेतु एक सौर ऊर्जा पार्क भी स्थापित होगा, जिसका काम आगामी दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है और आगामी मार्च 2017 तक 10 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का प्रस्ताव है।
ये भी होंगे रोशन
जहाजरानी मंत्रालय की ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए देश भर में सभी प्रमुख बंदरगाहों पर सौर एवं पवन आधारित विद्युत प्रणालियां स्थापित करने की योजना है। मंत्रालय ने वर्ष 2017 तक 12 प्रमुख बंदरगाहों पर 90.64 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता और चार प्रमुख बंदरगाहों पर 70 मेगावाट की पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इन प्रमुख बंदरगाहों ने मुनाफे वाली अपनी कमाई से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सौर परियोजनाओं का कुल वित्तीय प्रभाव 407.7 करोड़ रुपये का होगा। पवन ऊर्जा परियोजनाएं तीन प्रमुख बंदरगाहों अर्थात कांडला, वी.ओ. चिदंबरनार पोर्ट और कामराजार पोर्ट पर क्रियान्वित की जाएंगी।
04Sep-2016

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