मंगलवार, 13 सितंबर 2016

सौर ऊर्जा से रोशन होंगे देश के आश्रम

सरकार का देश के धर्म गुरुओं से मदद लेने का फैसला
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए देशभर में बने आश्रमों को सोलर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी में है।मसलन यह फैसला सरकार ने पेरिस जलवायु सम्मेलन में शुरू किये गये इंटरनेशनल सोलर अलायंस के तहत लिया गया है।
केंद्रीय नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले साल पेरिस जलवायु सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
इंटरनेशनल सोलर अलायंस लांच किया था। देश में ऊर्जा बचत के लिए सौर ऊर्जा को दिये जा रहे बढावा के तहत केंद्र सरकार छतों पर लगाए गए सौर ऊर्जा के 40 हजार मेगावाट क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने के लिए देश के धार्मिक गुरुओं का मदद लेने में जुटी हुई है, जिन्हें अपने आश्रमों को सौर ऊर्जा से लैस करने को प्रोत्साहित भी कर रही है। इस बारे में नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा सचिव उपेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि सरकार की इस योजना में अब धार्मिक गुरु अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायंस के आध्यात्मिक सहयोगियों के तौर पर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल सोलर अलायंस में 100 ऐसे देश शामिल हैं जो उष्णकटिबंधीय हैं। उन्होंने कहा कि अध्यात्मिक गुरुओं के मानने वाले देश के अलावा विदेशों में भी हैं, जो बड़ी संख्या में उनके आश्रमों और योग शिविरों में आते रहते हैं। इसलिए उम्मीद हे कि इस पहल से सौर उर्जा के महत्व व फायदे को आसानी से दुनिया में फैलाया जा सकता है। सरकार ने 2022 तक 175 गीगा वाट सौर ऊर्जा बनाने का लक्ष्य रखा है जिसमें 40,000 मेगावाट रूफटॉप सोलर पावर भी शामिल होगा।
भारत में सबसे बड़ा सोलर एनर्जी सिस्टम
मंत्रालय के अनुसार गत मई में ही दुनिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी सिस्टम अमृतसर स्थित राधा स्वामी डेरा पर लगाया जा चुका है, जो दुनिया में ऐसा इकलौता ऐसा स्थान बन गया, जहां सोलर पावर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस डेरा के 140 करोड़ वाला सोलर एनर्जी सिस्टम 80 एकड़ में फैला है और यह 19 मेगावाट ऊर्जा दे सकता है। इसी लिहाज से देश में सभी आश्रम इतने बड़े नहीं है, लेकिन कुछ एकड़ वाले छोटे आश्रमों में भी इस सोलर एनर्जी एप्लीकेशन का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा सोलर पावर प्रोजेक्ट को बड़ी जगह इसलिए भी चाहिए ताकि व फोटो वोल्टाइक पैनल का बेहतर उपयोग कर सके जहां से सूर्य की रोशनी बिजली में बदल जाएगी।
ऊर्जा की बचत में मदद
मंत्रालय के अधिकारी त्रिपाठी की माने तो यदि एक आश्रम से भी हमें एक मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए यह प्रणाली लागू की जाए तो यह दूसरों को प्रोत्साहित करने के लिए काफी होगा। वहीं सोलर प्रोजेक्ट आश्रमों की भी मदद करेगा। इससे वहां बिजली के बिल में कमी आएगी और वे ग्रिड को भी बिजली बेच सकेंगे। गौरतलब है कि गत मार्च के महीने में दिल्ली में श्री श्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा आयोजित वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल के दौरान एक इंटरनेशनल इंटरफेथ सोलर अलायंस शुरू किया गया था, जिसने दुनियाभर के अन्य इंटरफेथ संस्थानों से सौर उर्जा को अपने संस्थान में प्रमोट कर आगे बढ़ाने का आग्रह किया व नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में जागरुकता फैलाने पर भी बल दिया गया।
13Sep-2016

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