बुधवार, 21 सितंबर 2016

देश में कम हुई 1.26 लाख बच्चों की मौत!

सरकार का बाल मृत्यु पर काबू पाने का दावा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार द्वारा देश में मातृ और शिशु मत्यु दर को काबू करने के लिए कई प्रभावी योजनाओं को तेजी से लागू किया गया है। सरकार वर्ष 2014-15 के दौरान पांच साल से कम आयु वाले 1.26 लाख बच्चों की कम हुई मृत्यु को ऐसे ही तय लक्ष्यों की योजनाओं का नतीजा करार दे रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ताजा सर्वेक्षण के जारी 2014-15 का सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (एसआरएस) का आरजीआई डेटा का हवाला देते हुए जानकारी दी है कि यह आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं कि सरकार द्वारा किए गये प्रयास, प्रतिबद्धता और तय लक्ष्यों के परिणामस्वरूप ही वर्ष 2014 में शिशु जन्मदर के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिसमें वर्ष 2014-15 के दौरान पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की मृत्यु दर में चार अंकों की महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गयी। इस बात की पुष्टि स्वयं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने भी की है। नड्डा ने दावा किया कि सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे में हुए खुलासा इस बात की ओर इशारा करता है कि वर्ष 2012-13 की तुलना में 2013-14 में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 8.16 फीसद की कमी हुई है। जबकि वर्ष 2012-13 में इसमें 5.79 फीसद की कमी दर्ज की गयी थी। मंत्रालय के अनुसार अंडर-5 वर्ष 2013 में 49 था, जो वर्ष 2014 में 45 आंका गया है यानि यह चार अंक कम रहा है। मसलन वर्ष 2014 के दौरान पांच वर्ष से कम आयु के 1.26 लाख और बच्चों को मृत्यु के मुहं में जाने से बचाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2014 की महत्वपूर्ण प्रगति के आधार पर उम्मीद है कि आने वाले वर्ष 2015-16 में सरकार भारत में एमडीजी-4 के लक्ष्य को हासिल कर लेगा, जो अभी 5 वर्ष से कम आयु के 1000 बच्चों के जन्म पर 42 शिशुओं की मृत्यु दर है।
असम व यूपी अव्वल
इस सर्वेक्षण में 15 राज्यों के आंकडों के मुताबिक असम और यूपी में पांच साल से कम आयु वाले बच्चों की मृत्युदर में सात-सात अंक की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि राजस्थान व ओडिशा में 6-6, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर व पश्चिम बंगाल में पांच-पांच, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, गुजरात व पंजाब में चार-चार अंक की गिरावट रही। इसके अलावा 16 राज्यों में बाल मृत्यु दर में तीन या इससे ज्यादा की गिरावट आने का खुलासा किया गया है। इसके अलावा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में ग्रामीण शहरी अंतर में 2013 के 26 अंकों की तुलना में 23 अंक की गिरावट दर्ज की गई, जो ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सुधार होने के संकेत हैं।
खूब संभला मध्य प्रदेश
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न स्तर के अध्ययन और सर्वेक्षणों में इन सभी सूचकांकों में गिरावट का रूख है, तो उसमें मध्य प्रदेश में वर्ष 2013-14 के मुकाबले वर्ष 2014-15 में भले ही चार अंक की गिरावट दर्ज की गई हो, लेकिन पिछले एक दशक यानि 2005-06 के मुकाबले 26 प्रतिशत की कमी लाकर संभलने वाला राज्य साबित हुआ, जो कुपोषण के मामले में हमेशा चर्चित रहा है। एक दशक पहले प्रति हजार पर यह बाल मृत्यु दर 69 थी जो अब 51 पर आ गई है।
21Sep-2016

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