मंगलवार, 20 सितंबर 2016

नमामि गंगे मिशन: गंगा किनारे वाले गांवों में होगी जैविक खेती

पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन शुरू
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी नमामि गंगे मिशन को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में गंगा नदी के किनारे गांवों में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने और कृषि संबन्धी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने पूर्वाेत्तर क्षेत्र में ‘जैविक मूल्य श्रंखला विकास मिशन’नामक योजना शुरू कर दी है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के बीच गंगा नदी के किनारे वाले गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने और गंगा स्वच्छता के तहत कृषि एव किसानों संबन्धी मुद्दों के समाधान की दिशा में यह करार हुआ है। इस समझौता ज्ञापन का तेजी से असर उस समय हुआ जब सरकार ने सोमवार को देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैविक खेती की संभावनाओं के मद्देनजर ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन’ नामक कें्रदीय क्षेत्र की योजना शुरू कर दी। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2017-18 के दौरान अरूणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में इस योजना को तेजी से क्रियान्वयन किया जा सके। इस करार के तहत गंगा किनारे के गांवों में जैविक कृषि का विकास किया जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत एक क्लस्टर का प्रतिनिधित्व करेगी और जागरूकता कार्यक्रमों, स्वयं सहायता समूहों तथा मोबाइल एप के माध्यम से जैविक खेती को प्रोत्साहित करेंगी। वहीं मंत्रालय रसायन, उर्वरक और कीटनाशकों के संतुलित उपयोग के लिए जागरूकता पैदा करेगा, ताकि गंगा बेसिन में जल संरक्षण के लिए सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा मिले। इसके साथ गंगा किनारे आजीविका के अवसर तथा पशुपालन आधारित प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा देगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में 527 कलस्टर की योजना
मंत्रालय के अनुसार सात पूर्वोत्तर राज्यों में 527 क्लस्टर तैयार करने के लिए 3487 लाख रुपए के परिव्यय वाली वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन किया गया है। सूत्रों के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक कृषि को बढ़ावा देने की योजना के तहत 31 जनवरी 2016 तक 1275 लाख रुपए जारी किये गए। इसी प्रकार देश में खासतौर पर पूर्वोत्तर हिमालयी क्षेत्र में जैविक खेती के लिए अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करने के लिए आईसीएआर ने सिक्किम के गंगटोक में राष्ट्रीय जैविक कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना रतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपनी योजना ‘जैविक कृषि नेटवर्क परियोजना’ तथा मृदा जैव विविधता जैव उवर्रक के माध्यम से देश में जैविक खेती को प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करने के लिए अनुसंधान कर रहा है।
इन राज्यों में हो रही है जैविक खेती
मंत्रालय के अनुसार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा तथा सिक्किम जैसे राज्यों में पहले से ही राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) के तहत बड़े पैमाने पर जैविक खेती की जा रही है। पीकेवीवाई के तहत लगभग 26350 किसान जैविक खेती कर रहे हैं। सरकार ने इसके दायरे में अब पूर्वोत्तर राज्यों को भी शामिल कर लिया है। इसके साथ ही कृषि मंत्रालय की राष्ट्रीय सतत् कृषि मिशन, परंपरागत कृषि विकास योजना तथा अब पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन के तहत जैविक खेती को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने की रμतार बढ़ा दी गई है। सरकार ने ‘जैविक मूल्य श्रंखला विकास मिशन’ योजना को गंगा किनारे वाले गांवों में भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जल संसाधन और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के बीच तीन साल के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए हैं, ताकि गंगा स्वच्छता अभियान यानि नमामि गंगे परियोजना में तेजी लाई जा सके।
20Sep-2016

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