सोमवार, 5 सितंबर 2016

अब रेगिस्तान की प्यास बुझाएंगे गडकरी!

राजस्थान व गुजरात के कच्छ रण के तैयार किया रोडमैप
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार एक ऐसी योजना का अंजाम देने की तैयारी में है, जिसमें एक ऐसी नहर का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत राजस्थान के थार रेगिस्तान और गुजरात में स्थित कच्छ के रण में पानी की कमी को पूरा करने के लिए प्रस्तावित नहर में अरब सागर के पानी लाया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना की परिकल्पना करते हुए राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तानी इलाकों मेें पानी की समस्या का स्थायी समाधान करने का निर्णय लिया है। यदि नितिन गडगरी द्वारा तैयार किये जा चुके रोडमेप के तहत यह योजना सफल रही तो इन इलाकों में पानी की कमी इतिहास के पन्नों में ही सिमट कर रह जाएगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी की इस योजना पर मंत्रालय में चल रहे काम के बारे में मंत्रालय ने कहा कि सरकार की योजना इन इलाके में एक नहर का निर्माण करने का है, जिसमें अरब सागर के पानी का इस्तेमाल किया जाएगा और इन इलाकों में सूखे की स्थिति समाप्त हो जाएगी। मंत्रालय के अनुसार इस योजना में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय समेत कई मंत्रालय आपस में समन्वय की नीति अपना रहे हैं।
क्या है सरकार की योजना
मंत्रालय के अनुसार गुजरात के कांडला से राजस्थान के जैसलमेर और जालोर तक एक 850 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण कराने का प्रस्ताव इस योजना में शामिल है। सरकार की इस परियोजना में प्रस्तावित नहर में अरब सागर के जल का प्रवाह होगा, जिसका पानी सूखे की हालत का सामना कर रहे कच्छ के रण और थार मरस्थल को नम करते हुए जल की कमी को दूर करेगा। इस परियोजना से सरकार गुजरात से राजस्थान तक की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव करने का प्रयास कर रही है। मसलन परियोजना के पूरा होने पर शुद्ध पेयजल, नमक, यूरिया संयंत्रों को चलाने के लिए गैस जैसी सुविधाएं भी बढ़ेंगी। वहीं कोयला, चूनापत्थर और अन्य उत्पादों के जलीय परिवहन के विस्तार के कारण हजारों की संख्या में रोजगार भी सृजित होगा।
ऊर्जा के स्रोत में मदद
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस योजना के बारे में कह चुके है कि इस परियोजना के तहत निर्मित होने वाली नहर में जगह-जगह पानी के घाट बनाए जाएंगे। इस परियोजना में समुद्री जल से एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता होगी, इससे हमें नमक मिलेगा जिससे सीएनजी वाहनों को चलाने के लिए गैस का निर्माण कर सकेंगे और पीने का पानी भी होगा जिसे हम नहर में छोड़ देंगे। सरकार की योजना है कि नहर के निर्माण के बाद सभी संबन्धित नदियों को इससे जोड़ दिया जाएगा, ताकि बाढ़ जैसे खतरे से निपटने में भी मदद मिल सके। उनका कहना है कि देश में नदियों को जोड़ने की चलाई जा रही परियोजनाओं को इस परियोजना से सम्बद्ध करने के लिए जल संसाधन मंत्रालय भी इसमें भागीदारी कर रहा है।
05Sep-2016

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