गुरुवार, 22 सितंबर 2016

आम बजट में मर्ज हुआ रेल बजट

मार्च तक पूरी होंगी बजट सत्र की प्रक्रिया
इतिहास में सिमट गई अंगे्रजी हकूमत की परंपरा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आखिर मोदी सरकार ने अंगे्रजी हकूमत की 92 साल पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए रेल बजट को आम बजट में मर्ज करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। मसलन अब रेल बजट इतिहास बनकर रह जाएगा और रेल बजट पेश नहीं होगा, बल्कि आम बजट में रेल संबन्धी फैसले लिए जाएंगे।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को सरकार द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए रेल बजट को आम बजट में शामिल करने के लिए दी गई सैद्धांतिक मंजूरी के बाद रेल बजट अब इतिहास के पन्नों में सिमट गया है। मसलन अब रेल बजट अलग से पेश नहीं होगा और आम बजट में ही रेलवे संबन्धी योजनाओं की घोषणाएं होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गये फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक संवााददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार का जैसा राजकोषीय अनुशासन और दिशा है, रेल बजट भी उसी का अंग होना चाहिए। इसलिए आने वाले वर्ष से रेल बजट आम बजट में समाहित हो जाएगा। रेल बजट को आम बजट में विलय करके पेश किये जाने के फैसले की पुष्टि करते हुए जेटली ने कहा कि अंग्रेजी हकूमत में वर्ष 1924 से रेल बजट और आम बजट को अलग-अलग पेश करने की परंपरा शुरू हुई थी,जिसे अब खत्म कर दिया गया है।
रेलवे की नीति पहले जैसी रहेगी
रेलवे की नीतियों एवं योजनाओं पर मंत्रालय का नियंत्रण यथावत रहेगा। रेल यात्री किराये और माल भाड़ा दरों के बारे में निर्णय लेने का अधिकार रेलवे के पास ही रहेगा, लेकिन रेलवे के आय-व्यय के ब्योरे को संसद में वित्त मंत्रालय प्रस्तुत करेगा। इस निर्णय से अलबत्ता उसके सिर से कई बोझ कम हो जाएंगे। कर्मचारियों के वेतन और पेंशन भत्ते आदि के लिए केंद्रीय कर्मियों के लिए एकीकृत व्यवस्था होगी और रेलवे की आय पर इसका बोझ नहीं होगा। सकल बजटीय सहायता और लाभांश के भुगतान का मुद्दा समाप्त हो जाएगा। रेल मंत्रालय गाड़यिों के यात्री किरायों एवं मालभाड़ों के निर्धारण के लिये एक स्वायत्त प्राधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुका है। जेटली ने कहा कि आम बजट का अंग होने के बावजूद रेलवे से जुड़े प्रस्तावों को एक अलग विनियोग विधेयक में पेश किया जाएगा। इससे रेलवे की एक अलग पहचान बनी है, उसे पूरी तरह से बरकरार रखा जाएगा। सरकार सुनिश्चित करेगी कि रेलवे के व्यय की स्वायत्तता बनी रहे। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अब रेलवे को पूंजीगत व्यय 2.27 लाख करोड़ रुपए पर जो लाभांश देना होता था, वह अब नहीं देना होगा।
बजट सत्र जल्द बुलाने की तैयारी
कैबिनेट में इस प्रस्ताव को दी गई मंजूरी के साथ ही केंद्र सरकार परंपरा से हटते हुए आम बजट को भी एक फरवरी को पेश करने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार सैद्धांतिक रूप से इस बात के पक्ष में है कि अगले वित्त वर्ष से बजट की पूरी प्रक्रिया मई के बजाय 31 मार्च से पहले पूरी कर ली जाए, ताकि बजट प्रावधानों को एक अप्रैल से लागू किया जा सके। हालांकि वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए 2017-18 के बजट सत्र की तारीख के बारे में फैसला अलग से करेगी। मंत्रिमंडल ने 2017-18 के बजट में योजना और गैर-योजना व्यय में अंतर को समाप्त करने का फैसला किया है। मौजूदा प्रक्रिया में बजट मई में पारित हो पाता है और इसके प्रावधान प्रभावी रूप से सितंबर के महीने से ही लागू हो पाते हैं।
लालू के नाम है रेल बजट का खिताब
भारत में आजादी के बाद नवंबर 1947 में जॉन मिथाई देश के पहले रेल मंत्री बने और आजाद भारत का रेल बजट पेश किया। जहां तक संसद में सबसे ज्यादा बार रेल बजट पेश करने का सवाल है उसका खिताब 2004 से 2009 के बीच यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के नाम है, जिन्होंने सबसे ज्यादा 6 बार रेल बजट पेश किया। वहीं उनके बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी भारत की पहली महिला रेल मंत्री बनी थीं। देश में रेल बजट का लाइव प्रसारण पहली बार 24 मार्च 1994 को किया गया था।
बनेगी रेल टैरिफ अथॉरिटी
रेलवे सूत्रों के मुताबिक आम बजट में रेल बजट के विलय के साथ भारतीय रेलवे को वित्तीय तौर पर आजादी मिल जाएगी, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय रेलवे को डिवीडेंड देने से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा रेल मंत्रालय को अब वित्त मंत्रालय के सामने ग्रॉस बजटरी सपोर्ट के लिए गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा। माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय सातवें वेतन आयोग की वजह से रेल मंत्रालय पर पड़ रहे भारी भरकम बोझ को साझा करने में भी सहयोग करेगा।
बजट की तैयारी ऐसे होगी
इस मौके पर आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय राष्ट्रीय आय या जीडीपी का अस्थायी अग्रिम अनुमान सात जनवरी तक देगा, ताकि आंकड़े को बजट तैयारी में शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि अस्थायी अग्रिम अनुमान सामान्य तौर पर सात फरवरी को पेश किये जाने अनुमान के अनुरूप होंगे। दास ने कहा कि सरकार एक या दो दिन में बजट परिपत्र जारी करेगी। वहीं रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेल और आम बजट रेलवे के कामकाज में स्वयत्तता को प्रभावित नहीं करेगा बल्कि रेलवे के पूंजी व्यय को बढ़ाने में मदद करेगा। शक्तिकांत दास ने कहा कि रेलवे वेतन और पेंशन समेत अपना व्यय, आय से पूरा करता है और बजट को आम बजट में मिलाये जाने से कोई बदलाव नहीं होगा। केंद्र सब्सिडी देना जारी रखेगा जो वह रेलवे को दे रहा है। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि रेलवे का राजस्व अब भारत की संचित निधि में आएगा और व्यय को इस कोष से पूरा किया जाएगा। इसीलिए यह आम बजट के वित्त को प्रभावित नहीं करेगा। रेलवे अपनी आय से कर्मचारियों को वेतन देता है।
22Sep-2016

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