मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

आॅड-इवन की छूट में आय सकते हैं माननीय!

संसद में जोरदार तरीके से उठाई गई मांग 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
दिल्ली में प्रदूषण और यातायात नियंत्रण के लिए जारी आॅड-इवन फार्मूले के फेर में फंसते सांसदों ने संसद सत्र और संसदीय समितियों की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए जिस प्रकार छूट मिलने की जोरदार वकालत की है, उससे केंद्र सरकार भी ऐसे रास्ते की तलाश कर रही है, जिसमें सांसदों के संसद पार्किंग के स्टीकर लगे वाहनों को छूट मिल सके।
दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा दूसरी बार शुरू किये गये आॅड-इवन फार्मूले के बीच संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया। आज सोमवार को जिस तरह से इस फार्मूले से इवन नंबर की गाड़ी वाले सांसदों को दो-चार होना पड़ा उसके कारया आॅड-इवन का मुद्दा संसद के दोनों सदनों की सुर्खियां भी बना। दोनों सदनों में ही आॅड-इवन में सांसदों ने छूट की उसी तरह विशेषाधिकार मिलने की दलील दी, जिस तरह से अन्य कुछ श्रेणी को दी गई है। मसलन संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेना सांसदों का दायित्व है तो उसके आवागमन का इंतजाम भी जरूरी है। कुछ दलों के सांसदों ने तो दलील दी है कि यदि वह प्राइवेट वाहनों से भी संसद आते हैं तो उन्हें संसद परिसर में आने की अनुमति नहीं होगी, वहीं दिल्ली सरकार द्वारा सांसदों के लिए डीटीसी की शुरू की गई बसों के लिए भी इसी तरह की समस्या सामने आएगी। ज्यादातर दलों ने आॅड-इवन फार्मूले को दिल्ली सरकार का अनुचित फैसला करार दिया है, जबकि आप समर्थक जदयू जैसे दल इस फार्मूले की वकालत करते नजर आए। सोमवार को संसद सत्र केपहले ही दिन कुछ सांसदों ने बस में सफर किया, तो दो-चार पहले से ही साईकिल की सवारी करके संसद भवन आ रहे हैं। भाजपा के परेश रावल जैसे करीब आठ सांसदों को इवन नंबर के वाहन से संसद आना महंगा पड़ा।
केजरीवाल की मुराद पूरी
बहरहाल कुछ भी हो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आॅड-इवन फार्मूले से प्रदूषण कम हुआ हो या नही, लेकिन इस फार्मूले को संसद की सुर्खियां बनाने की मंशा को पूरा कर लिया। यही नहीं सपा के नरेश अग्रवाल ने तो सदन में यहां तक कहा कि दिल्ली सरकार ने इस फार्मूले के जरिए सांसदों को उनकी औकात दिखाने का प्रयास किया है, जिसके लिए केंद्र सरकार को सांसदों की लेबल लगी गाड़ियों को छूट देने की कार्यवाही तत्काल करने की मांग की। अग्रवाल ने तो यहां तक तर्क दिया कि दिल्ली की पुलिस केंद्र सरकार के गृहमंत्रालय के अधीन है जो पुलिस या यातायात पुलिस के लिए सांसदो के हित में दिशानिर्देश कर छूट का रास्ता बना सकती है। हालांकि इसके लिए सरकार ने जल्द ही कोई रास्ता निकालने का भरोसा दिया है।
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बॉक्स
फार्मूले का फल
राज्यसभा में जदयू सांसद केसी त्यागी ने तो दिल्ली सरकार के इस फार्मूले की तारीफो के पुल बांधते हुए यहां तक कहा कि वे आॅड इवन के एक हिस्से का समर्थन करते हैं, जिसके कारण दिल्ली में यायातात और प्रदूषण में कमी आई है। यह फार्मूला जनहित में है। जबकि नरेश अग्रवाल ने दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसे तो उनकी सरकार भविष्य में दिल्ली की भीड़ को कम करने के लिए एक दिन महिलाओं और एक दिन पुरुषों को घर से बाहर निकलने का फार्मूला भी ला सकते हैं।
सस्ती लोकप्रियता आॅड-इवन
लोकसभा में सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सम विषम योजना पर करारा प्रहार करते हुए यहां तक आरोप लगाया कि यह एक ऐसी योजना है, जिसमें भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने, आम लोगों, गृहणियों और स्कूली बच्चों को परेशान करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास है।
26Apr-2016

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