मंगलवार, 5 अप्रैल 2016

जनांदोलन से होगा जल संरक्षण!


 जल संरक्षण में हरेक को काम करने की जरूरत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
जल संकट से जूझते देश में विकास और कृषि विकास, उद्योग और बुनियादी ढांचे का विकसित करने के लिए पानी की पहली जरूरत होती है। सोमवार को यहां शुरू हुए भारत जल सप्ताह के दौरान केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों समाज के हर वर्ग को आगे आकर काम करने की जरूरत है।
नई दिल्ली में सोमवार को शुरू हुए भारत जल सप्ताह का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती कहा कि बिना जल संरक्षण के देश का विकास संभव नहीं है और कृषि विकास को गति देने के लिए जल संरक्षण बहुत ही जरूरी है। सुश्री भारती ने न्यूनतम जल के अधिकतम इस्तेमाल की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में नई तकनीक के उपयोग की आवश्यकता है। जल प्रबंधन के क्षेत्र में इजराइल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कहा कि कृषि क्षेत्र में जल की उपयोगिता के लिए इजराइल की तकनीक से सबक लेने की जरूरत है। उमा भारती ने देश में जल की उपलब्धता और उसकी गुणवत्ता में गिरावट को बेहद चिंता का विषय बताते हुए कहा कि दुनियाभर में हो रहे जलवायु परिवर्तनों से भी जल संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उमा ने कहा कि वे इस क्षेत्र में इजराइल को इसलिए अपना गुरू मानती है, कि वहां कम पानी में ज्यादा सिंचाई करने की तकनीक अपनाई जा रही है, जिससे भारत को सबक लेने की जरूरत है।
नदी जोड़ो अभियान से मिलेगी निजात
सुश्री भारती ने कहा कि जल संसाधन मंत्रालय नदी जोड़ो परियोजना के जरिए देश में जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नई सरकार को नदी जोड़ों परियोजना को मिशन मोड में पूरा करने का फैसला किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केन-बेतवा नदी संपर्क योजना पर शीघ्र ही काम शुरू हो जाएगा। जल क्रांति अभियान और जल ग्रामीण योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इनका उद्देश्य जल संरक्षण के क्षेत्र में पंचायती राज संस्थाओं, स्थानीय निकायों और सभी हितधाराकों को समान रूप से साथ लेकर आगे बढ़ना है।
बेहतर जल प्रबंधन के प्रयास
इस मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कृषि के विकास में जल संरक्षण की जरूरत बताते हुए कहा कि सिंचाई के क्षेत्र में निवेश का लाभ अन्य क्षेत्रों की तुलना में बहुत जल्दी मिलता है, वहीं देश के समग्र और आर्थिक विकास में इसका प्रभाव तत्काल दिखना शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि मानसून कमजोर रहने के कारण कृषि पर बुरा असर पड़ता है, लेकिन बेहतर जल प्रबंधन के जरिए हम इस समस्या से निपट सकते है। उन्होंने जल के बेहतर इस्तेमाल के जरिए कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने में विशेष रूप से मध्य प्रदेश का उल्लेख किया और कहा कि पिछले आठ दस वर्षों में राज्य में कृषि की स्थिति में जबरदस्त सुधार आया है।
मानक तय करने की जरूरत
केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश में अनियमित मानसून को देखते हुए बेहतर जल प्रबंधन बहुत जरूरी हो गया है। पीएम मोदी के ‘पानी बचाओ-पानी बढ़ाओ’ नारे का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि हमें ऐसे उपाय करने होंगे, जिनसे उद्योगों में पानी की खपत कम हो और जो भी पानी वहां उपयोग किया जाए वह संशोधित जल ही हो। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों में पानी की खपत के बारे में नए मानक तय करेंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भवन निर्माण में सिर्फ संशोधित जल का ही उपयोग हो और वहां वर्षा जल संचयन को अनिवार्य किया गया है।
पांच लाख कुएं व तालाब खोदे जाएंगे
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश में पानी की भारी किल्लत से जूझते लघु और सीमांत किसानो के हित में बेहतर जल प्रबंधन की दिशा में ही सरकार ने इस वर्ष देश में 5 लाख नए कुएं और तालाब खोदने का निर्णय लिया है। वहीं केंद्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल, स्वच्छता, पंचयाती राज मंत्री चौधरी बीरेन्दर सिंह ने कहा कि जल की किल्लत, खराब गुण्वत्ता वाले जल ओर अपर्याप्त स्वच्छता से गरीब परिवारों के लिए खाद्य सुरक्षा, आजीविका के विकल्पों और शिक्षा के अवसरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पाठ्यक्रमों में शामिल हो जल प्रबंन्धन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि बच्चों के पाठ्यक्रम में जल प्रबंधन को एक विषय के रूप में शामिल किया जाए ताकि नई पीढ़ी इस महत्वपूर्ण विषय पर बचपन से ही सही संस्कार प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि देश में भूजल के गिरते हुए स्तर को ऊपर लाने के लिए कई उपाय करने होंगे। इनमें से एक यह हो सकता है कि किसानों को खेतों में ट्युब्वेल लगाने की अनुमति तभी दी जाए जब वे खेत में ड्रीप सिंचाई के लिए तैयार हो जाए। सरकार से इसके लिए सब्सिडी भी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार केन बेतवा नदी जोड़ों परियोजना पर पूरी तरह से केंद्र के साथ है और उसे अपना भरपूर सहयोग दे रही है ताकि इसे जल्द से जल्द सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके।
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इजराइल देगा भारत को सीखी
भारत जल सप्ताह समारोह में इजराइल के कृषि मंत्री यूरी एरियल ने कहा कि उनका देश भारत के साथ जल प्रबंधन के क्षेत्र में विशेष सहयोग करने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में जल की आपूर्ति में आ रही निरंतर गिरावट को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि मानव सभ्यता, जल संचयन और जल प्रबंधन की बेहतर तकनीक का उपयोग करे। श्री एरियल ने कहा कि भारत और इजराइल, जल प्रबंधन और जल सुरक्षा के क्षेत्र में एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते है।
जल संचयन एप लांच
सुश्री उमा भारती ने जल संरक्षण के बारे में एक एंड्रायड मोबाइल एप्लीकेशन ‘जल संचयन’ भी लांच किया जिसमें एक ही मंच पर वर्षा जल संचयन के समस्त घटक उपलब्ध हैं। यह एप्लीकेशन उपभोक्ता को इंटरएक्टिव मॉड्यूल के जरिए किसी भी स्थान पर संभावित वर्षा का अनुमान लगाने में सहायता करेगा। यह एप्लीकेशन के क्षेत्र में कार्यरत प्राधिकारियों, एजेंसियों, तकनीकी संस्थानों और जमीनी स्तर पर सामुदायिक संगठनों से संपर्क की जानकारी भी प्रदान करता है।
05Apr-2016


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